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UP Government One District One Product : समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना कार्यक्रम का उद्देश्य

Vir Singh • LAST UPDATED : March 4, 2022, 4:33 pm IST
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UP Government One District One Product : समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना कार्यक्रम का उद्देश्य

UP Government One District One Product

UP Government One District One Product : समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना कार्यक्रम का उद्देश्य

संजू वर्मा 

(बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता)

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

UP Government One District One Product उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जनवरी 2018 को ‘एक जनपद एक उत्पाद’ (ODOP) कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके तहत, पं. दीन दयाल उपाध्याय द्वारा समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के विचार को पिछले कुछ सालों में बहुत बल मिला।

UP Government One District One Product

गांधी जी ग्रामीण विकास के लिए जिन बुनियादी चीजों को आवश्यक समझते थे उनमें ग्राम स्वराज, ग्रामोद्योग और समग्र ग्राम विकास प्रमुख हैं। गांधी जी कहते थे कि ‘भारत गांवों में बसता है’। भारत के विकास के लिए गांवों का विकास करना आवश्यक है। विकास की यात्रा में गांवों को साथ लेकर चलने और किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार प्रतिबद्ध है।

राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की ओडीओपी (ओडोप) स्कीम ने ग्रामीण क्षेत्र में सैंकड़ों की जिÞंदगी में सुधार लाया है और वंचित लोगों को जीविका का एक विकल्प भी दिया है। ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की अवधारणा से पिछड़े वर्गों, महिलाओं और युवाओं को विशेष लाभ पहुंचा है। हर जनपद विकास की एक नई कहानी लिख रहा है और असंतुलित क्षेत्रीय विकास दूर करने में मदद कर रहा है।

स्कीम के तहत प्रदेश के 75 जिलों में से एक-एक पारंपरिक प्रोडक्ट का चयन किया

इस महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणाम देने वाली ओडीओपी (ODOP) स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से एक-एक पारंपरिक प्रोडक्ट का चयन किया गया है। लखनऊ: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” की बढ़ती मांग को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार डऊडढ (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) ने अपना ई-कॉमर्स पोर्टल लांच किया है,जहां पर ओडीओपी से जुड़े कारीगर अपने उत्पादों की आॅनलाइन बिक्री कर सकेंगे।

UP Government One District One Product

Prime Minister, Narendera Modi (file photo)

प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के लिए ओडीओपी से जुड़े कारीगरों के उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म देने की तैयारी है। इसके लिए फिल्ड ट्रायल चल रहा है। नया ई-कॉमर्स पोर्टल पूरी तरह से यूपी के ओडीओपी उत्पादों के लिए यह समर्पित प्लेटफॉर्म होगा। ई कामर्स प्लेटफॉर्म पर कोई भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाला कारोबारी अपने उत्पाद बेच सकता है। सरकार की ओर से बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाले ओडीओपी के शिल्पकारों को “सब वेंडर” बनाकर भी कारीगरों को जोड़ा जा रहा है। सरकार ओडीओपी स्कीम के तहत वित्तीय सहयोग, टैक्निकल सहयोग, मार्केटिंग आदि, सपोर्ट दे रही है।

हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के साथ ओडीओपी मार्ट बनाया जा रहा

हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के साथ ओडीओपी मार्ट बनाया जा रहा है। इससे जीएसटी और बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाले शिल्पकारों को भी फायदा मिलेगा। ग्राहक को भी इस बात की गारंटी मिलेगी कि उसने जिस जिले का ओडीओपी उत्पाद खरीदा है, वह विश्वसनीय है। इसके अलाावा आॅनलाइन प्लेटफॉर्म पर ओडीओपी के उत्पादों की निशुल्क कैटेलॉगिंग भी की जा रही है और ओडीओपी मार्ट का ऐप भी लांच किया गया है। अभी फ्लिपकार्ट, अमेजन और ईबे जैसे ई-कॉमर्स पोर्टल पर ओडीओपी के 15 कैटेगरी के 11 हजार उत्पाद रजिस्टर्ड है। जिसके लिए 355 शिल्पकारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। पिछले ढाई साल में आॅनलाइन कारोबार के माध्यम से शिल्पकारों ने 24 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है।

शिल्पकला और उद्यमिता यूपी की सुंदर विविधता

उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य, जिसका भौगोलिक विस्तार 2,40,928 वर्ग किमी में हो, जहाँ 24 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या हो, वहाँ संभव ही नहीं है कि जीवन के हर परिपेक्ष्य में विविधताएँ न हों। यहाँ विभिन्न धरातलीय क्षेत्र हैं, भिन्न भोजन व फसलें हैं, भिन्न जलवायु है और इस सबसे ऊपर विभिन्न सामुदायिक परम्पराएँ एवं आर्थिक परिपेक्ष्य हैं। इस सबसे निकलकर उत्तर प्रदेश में जो एक महान व सुंदर विविधता बनती है वह है यहाँ की शिल्पकला और उद्यमिता, जो प्रदेश के छोटे छोटे कस्बों एवं शहरों में फैली है। यहाँ का हर कस्बा और जनपद अपने विशिष्ट और असाधारण उत्पादों के लिए ख्यात है।इसी के चलते एक जनपद एक उत्पाद” स्कीम,उत्तर प्रदेश की विविधताएँ को मद्दे नजर रखते हुए,”लास्ट मायील डिलीवरी” का एक बेहतरीन उदहारण है।

देश में कहीं और उपलब्ध नहीं प्रदेश में बनने वाले उत्पाद

उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी ‘एक जनपद एक उत्पाद’ कार्यक्रम का उद्देश्य है कि विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए। उत्तर प्रदेश में ऐसे उत्पाद बनते हैं जो देश में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं, जैसे प्राचीन एवं पौष्टिक कालानमक चावल, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूँ डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर जरी-जरदोजी का काम और, मृत पशु से प्राप्त सींगों व हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य तथा हाथी दांत। इनमें से बहुत से उत्पाद जी.आई. टैग अर्थात भौगोलिक पहचान पट्टिका धारक हैं। ये वे उत्पाद हैं जिनसे स्थान विशिष्ट की पहचान होती है । इनमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे तथा जिन्हें आधुनिकता तथा प्रसार रूपी संजीवनी द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है। जनपद विशेष से संबंधित उद्योग वैसे तो सामान्य प्रतीत होते हैं, परंतु उनके उत्पाद उस क्षेत्र की विविधता एवं विलक्षणता को दशार्ते हैं। हींग, देशी घी, काँच के आकर्षक उत्पाद, चादरें, गुड़, चमड़े से बनी वस्तुएं झ्र उत्तर प्रदेश के जनपद इन वस्तुओं के उत्पादन में विशेषज्ञता रखते हैं। ये भी संभव है कि आप उत्तर प्रदेश में निर्मित किसी उत्पाद का पहले से प्रयोग कर रहे हों और आपको इसकी जानकारी भी न हो। यहाँ लघु एवं मध्यम दर्जे की तमाम ऐसी औद्योगिक इकाइयाँ हैं जिन्हें उन्नत मशीनरी, आधुनिकीकरण एवं उत्पादक क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है। प्रदेश में जन विविधता , जलवायु विविधता, आस्थाओं और संस्कृतियों की विविधता की तरह ही उत्पादों एवं शिल्प कलाओं में भी एक मोहक विविधता है।

17 राज्यों में 54 इनक्यूबेशन केंद्र खोले जा रहे

उत्तर प्रदेश एक जिला एक उत्पाद योजना के बाद अब 17 राज्यों में 54 इनक्यूबेशन केंद्र खोले जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों के 5 सालो में 25 लाख लोगो को रोजगार मिलेगा े इन छोटे लघु एवं मध्य उद्योग से 89 हजार करोड़ से अधिक का निर्यात उत्तर प्रदेश से किया जा चूका हैे उत्तर प्रदेश में भी छोटे लघु उद्योग हैं, जहा पर विशेष पदार्थ बनकर देश विदेश में जाता है उत्तर प्रदेश के काच का सामान,लखनवी कढ़ाई से युक्त कपडे, विशेष चावल आदि बहुत फेमस है. ऐसे सभी आइटम छोटे से गांव के छोटे-छोटे कलाकार बनाते है, लेकिन उन्हें कोई नहीं जानता है े उत्तर प्रदेश एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत इन खोये हुए कलाकारों को सरकार रोजगार देगी और उत्तरप्रदेश में जो भी जिला, जनपद जिस विशेष सामान के लिए प्रसिद्ध है , उधर के लघु उद्योग को पैसा देगी, वहां पर काम करने वालों को आगे बढ़ाएगी।

देश के 707 जिले एक जिला एक उत्पाद के लिए अनुमोदित

35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा एक जिला एक उत्पाद के लिए अनुमोदित कर दिया गया है। जिसके लिए 17 राज्यों में 50 से अधिक इनक्यूबेशन केंद्र खोलने की मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इन 17 राज्यों में कर्नाटका, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरला, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, ओडिशा एवं उत्तराखंड शामिल है। इन राज्यों में 54 कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे। इन इनक्यूबेशन सेंटर के माध्यम से नए उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की मदद प्राप्त होगी। सभी नए उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 491 जिलों में विशेषज्ञ नियुक्त किए जा रहे हैं।

कृषि व बागवानी उत्पाद जैसे उत्पादों की ब्रांडिंग नेफेड से होगी

कृषि व बागवानी उत्पाद जैसे कि अनन्नास, बाजरा आधारित उत्पाद, धनिया, मखाना, शहद आदि की मार्केटिंग तथा ब्रांडिंग नेफेड द्वारा की जाएगी एवं इमली, मसाले, आमला, ढाले, अनाज, आदि की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग ट्राईफेड द्वारा की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों के विकास के लिए एवं उनको विभिन्न प्रकार की वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए सन 2020-21 से लेकर सन 2024-25 तक 10000 करोड रुपए की राशि खर्च की जाएगी।

जानिए इस योजना के अंतर्गत क्या-क्या होगा

इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले का एक प्रोडक्ट होगा जो उस जिले की पहचान बनेगा। इस योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उत्पादन को बढ़ावा देना था और रोजगार के अवसर पैदा करना था। 3 दिसंबर 2020 को शामली जिले में लोन मेले का आयोजन किया गया। योगी सरकार द्वारा 2021 में ओडोप के अंतर्गत ओडीओपी टूल किट लाभार्थियों को प्रदान की गई है, राशि 38 लाख रुपए है। कुल मिलाकर वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के अंतर्गत 28.75 लाख रुपए का लोन 9 लाभार्थियों को तथा 21 लाख रुपए का लोन 4 लाभार्थियों को लोन मेले में प्रदान किया गया है।प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक जनपद के हस्तकला ,हस्तशिल्प एवं विशिष्ट हुनर को सुरक्षित एवं विकसित किया जाये,ताकि उस जनपद में रोजगार सृजन हो और अथिक समृद्धि का लक्ष्य हासिल हो सके। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के जरिए छोटे छोटे कारीगरों को स्थानीय स्तर पर भी अच्छा मुनाफा मिल रहा है और उन्हें अपना घर, जिला छोड़कर दूर किसी दूसरी जगह नही भटकना पड़ेगा े इस योजना के जरिये प्रदेश के जनपदों के सभी कलाकारों को आर्थिक रूप से भी मदद मिल रही है।

उद्योगों को आर्थिक रूप से मदद प्रदान की जा रही

योगी सरकार की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के लघु, मध्यम और रेगुलर उद्योगों को आर्थिक रूप से मदद प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत सहज ऋण की उपलब्धता , अनुदान की व्यवस्था, सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना , विपणन की सुविधा ,आधुनिक तकनीक एवं प्रशिक्षण आदि से सम्बंधित सुविधा भी प्रदान की जा रही है,ताकि प्रदेश में आधिकारिक रोजगार एवं आर्थिक उन्नति का काम हो।ओडोप प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास का एक उत्तम उदहारण है, जहां व्यवसाय,शिल्पकला,रोजगार,ग्रामीण क्षेत्र का सशक्तिकरण और वंचितों का आर्थिक उद्धार,ये सभी तथ्यों पर जोर दिया गया है ताकि, हर प्रदेश के हर जिले की विभिन्नताओं का सम्मान हो।

Also Read : UP Government ने दिए अधिकारियों को सख्त निर्देश

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