इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pfizer Vaccine: दुनियाभर में छोटे बच्चों पर लग रही कोरोना वैक्सीन को लेकर रिसर्च जारी है। अमेरिका स्ट्डी मुताबिक फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन पांच से 15 साल के बच्चों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण का खतरा काफी कम कर देती है। तो चलिए जानते हैं कि बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का क्या हो रहा असर, कैसे हुई रिसर्च। (New Research Claims)
रिसर्च में पाया गया है कि 5 से 15 साल के बच्चों की हर हफ्ते कोरोना जांच हुई। लक्षण नहीं होने पर भी उनका टेस्ट किया गया। यह जुलाई 2021 से फरवरी 2022 तक चला। वैज्ञानिकों ने पाया कि ओमिक्रॉन के आधे मामलों में अनवैक्सीनेटेड बच्चों को कोई लक्षण नहीं आते। वहीं फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दो डोज से 5 से 11 साल के बच्चों में ओमिक्रॉन का खतरा 31फीसदी कम और 12 से 15 साल के किशोरों में संक्रमण का जोखिम 59 फीसदी तक कम मिला है।
पर्याप्त डेटा नहीं होने के कारण फरवरी माह ही फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने छह महीने से चार साल तक के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के फैसले को टाल दिया था। अब यह फैसला कम से कम एक माह बाद लिया जाएगा। फिलहाल नवजात और छोटे बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल किए जा रहे हैं।
अक्टूबर 2021 में अमेरिका में पांच से 11 साल की उम्र के बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई थी। उस समय क्लिनिकल ट्रायल में 2,000 से ज्यादा वॉलेंटियर्स को शामिल किया गया था कि यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण रोकने में 90 फीसदी से ज्यादा असरदार है। बता दें कि देश में केवल फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन को ही 5 साल की उम्र से ज्यादा के बच्चों के लिए मंजूरी मिली है। मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को अब तक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने हरी झंडी नहीं दिखाई है।
Pfizer Vaccine
READ ALSO: Research On Death From Corona : कोरोना से अब तक मौतें ज्यादा, आंकड़े बता रहे कम, जानिए कैसे?
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.