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इंडिया न्यूज, आनंदपुर साहिब : होला मोहल्ला सिखों का एक बड़ा त्योहार है। जिस दिन देश-दुनिया के लोग रंगों का त्योहार होली मनाते हैं उसी दिन सिख होला मोहल्ला मनाते हैं। होला मोहल्ला भी रंगों का ही त्योहार है। होला मोहल्ला की शुरूआत सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने की थी। उन्होंने होली को नया रूप दिया था और नए ढंग से मनाने की पंरपरा शुरू की थी। जिसके बाद से आज तक सिख होला मोहल्ला मनाते आ रहे हैं।
गुरु जी के अनुसार जिंदगी में रंगो का महत्व तभी होता है जब हम परमात्मा के साथ जुड़े हों। परमात्मा की भक्ति के बिना सभी रंग अधूरे हैं। होला मोहल्ला संस्कृति, प्रेम, परंपरा का संगम है। होला मोहल्ला की शुरूआत गुरु जी ने 1680 में किला आनंदगढ़ साहिब से की थी। होला मोहल्ला को आरंभ करने के पीछे गुरु जी का मुख्य उद्देश्य सिख समुदाय को मजबूत बनाना और उनमें वीरता का जज्बा भरना था।
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