इंडिया न्यूज, गुरुग्राम।
Chandigarh Resolution Issue : चंडीगढ़ के मसले पर पंजाब विधानसभा में रेजुलेशन पास करने को लेकर शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में कहा कि पंजाब सरकार का यह रेजुलेशन बेमानी है।
उन्होंने कहा कि सन 1966 में पास हुए पंजाब पुनर्गठन एक्ट से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ अस्तित्व में आया था। इस एक्ट में प्रावधान है कि चंडीगढ़ के 60 प्रतिशत कर्मचारी पंजाब से और 40 प्रतिशत कर्मचारी हरियाणा से होंगे। यह बात उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कही।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक है और रहेगा। पंजाब-हरियाणा दोनों राज्यों के बीच केवल चंडीगढ़ का ही मसला नहीं है, बल्कि कई मुद्दे हैं। इनमें एसवाईएल नहर का निर्माण, दोनों राज्यों के बीच विवादित क्षेत्र आदि जैसे विषय हैं।
इन पर एक साथ बैठकर हल करने की जब बात आएगी, तब कोई विषय आगे बढ़ सकता है। मनोहर लाल ने यह भी कहा कि सिर्फ पंजाब और हरियाणा ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश के लोग भी चंडीगढ़ में अपना शेयर मांगते हैं। Chandigarh Resolution Issue
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत चंडीगढ़ की 7.19 प्रतिशत जमीन पर हिमाचल प्रदेश का भी हक बताया था। यह अलग बात है कि हिमाचल प्रदेश ने अपनी राजधानी शिमला में बना ली है।
नियम-134ए के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस नियम में निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूलों में 10 प्रतिशत सीटों का प्रावधान था, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में इन बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटों का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि अब शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निर्धन परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में 10 प्रतिशत की बजाय 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला हो सकेगा।
पंजाब सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है, क्या हरियाणा में भी इस तरह के आदेश प्राइवेट स्कूलों को दिए जाएंगे। इसके जवाब में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हर वर्ष प्राइवेट स्कूलों को फीस के बारे में फार्म-6 भरकर शिक्षा विभाग में जमा करवाना होता है। अभी तक शिक्षा विभाग को फीस बढ़ोतरी के बारे में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।
गुरुग्राम में पुराने डीजल आटो रिक्शा को बदलकर उनके स्थान पर इलैक्ट्रिक आटो लाने के लिए लागू किए जा रहे परिवर्तन योजना पर सीएम ने कहा कि इस योजना के तहत पुराने डीजल आटो को बदलने के लिए एक अप्रैल तक की समय सीमा निर्धारित की गई थी।
अभी तक 150 आटो मालिकों ने इस योजना का लाभ उठाया है। अब एनजीटी के आदेश अनुसार 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल आटो और 15 साल से पुराने पेट्रोल आटो को सड़कों से हटाने के नियम को लागू किया जाएगा। Chandigarh Resolution Issue
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