इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Politics Of Pakistan: बीते दिनों पाकिस्तान में इमरान सरकार ने डिप्टी स्पीकर की मदद से अविश्वास प्रस्ताव को खारिज और नेशनल असेंबली भंग करवा दी। नेशनल असेंबली भंग होने के बाद सवाल ये उठ रहा है कि क्या इमरान खान अब भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। तो चलिए जानते हैं कि पाकिस्तान के एक्सपर्टों के हिसाब से पाकिस्तान के पीएम पद पर इमरान खान कब तक रहेंगे। केयरटेकर प्रधानमंत्री का चुनाव कौन करेगा और कैसे होगा।
अब पाक का पीएम कौन? (Politics Of Pakistan)
- हाल ही में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के साथ ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया, और कहा कि विपक्ष विदेशी ताकतों के कहने पर यह अविश्वास प्रस्ताव लाया है। इसके बाद राष्ट्रपति ने इमरान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग करवा दिया है।
- नेशनल असेंबली भंग होने के बाद अब सवाल ये है कि क्या देश के प्रधानमंत्री अब भी इमरान हैं। लेकिन बीत दिन राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन से स्पष्ट है कि इमरान खान अब भी देश के प्रधानमंत्री हैं। इमरान केयरटेकर पीएम की नियुक्ति तक इस पद पर बने रहेंगे, लेकिन बड़े फैसले नहीं ले सकेंगे।
- आपको बता दें कि पाकिस्तान में नेशनल असेंबली को संविधान के आर्टिकल 58 के तहत भंग किया जा सकता है। हालांकि, संविधान में 18वें संशोधन से पहले खुद राष्ट्रपति ऐसा कर सकते थे, लेकिन अब यह प्रधानमंत्री की सलाह के बाद हो सकता है। संविधान के आर्टिकल 224 के तहत इमरान केयरटेकर पीएम चुने जाने तक, यानी 15 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य जारी रख सकते हैं। आर्टिकल 224 के मुताबिक एक बार जब राष्टÑपति नोटिफिकेशन जारी कर देता है तो पीएम की सिलेक्टिव एडमिनिस्ट्रेटिव पावर्स खत्म हो जाती हैं।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर क्या होगा?
- पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे सियासी घटनाक्रम का स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट इस बात पर फैसला करेगी की नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर की अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने की प्रक्रिया लीगल यानी वैध थी या नहीं। पाकिस्तान के संविधान का आर्टिकल 69 न्यायपालिका को विधायिका के कार्य में हस्तक्षेप से रोकता है।
- हालांकि, पाकिस्तान के लीगल एक्सपर्ट कहते हैं कि सदन के अंदर कोई कार्रवाई अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर की गई है तो कोर्ट हस्तक्षेप कर सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट खुद भी इसे कई बार दोहरा चुका है।
- लीगल एक्सपर्ट ने इमरान की ओर से नेशनल असेंबली भंग करने के कदम को पूरी तरह से असंवैधानिक बताया। ऐसे में माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट विपक्ष के पक्ष में फैसला सुनाए। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट ये कह सकता है कि सारी कार्रवाई गलत हुई है और पूरे मामले को डिप्टी-स्पीकर के फैसले से पहले ले जाना होगा यानी इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवानी होगी।
- इस स्थिति में विपक्ष को फायदा होगा, क्योंकि अभी नेशनल असेंबली में विपक्ष के पास बहुमत है और इमरान को इस्तीफा देना पड़ेगा। साथ ही विपक्ष की ओर से शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बन जाएंगे। यदि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि हम डिप्टी स्पीकर के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इस स्थिति में विपक्ष और प्रधानमंत्री मिलकर केयरटेकर पीएम को चुनेंगे और केयरटेकर पीएम को 90 दिन के अंदर चुनाव कराना होगा।
अगर केयरटेकर पीएम पर सहमति नहीं बनी तो क्या होगा?
- पाकिस्तान में केयरटेकर पीएम के लिए इमरान और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के बीच सहमति होना मुश्किल माना जा रहा है। एक्सपर्ट मुताबिक इसकी एक प्रक्रिया है। ऐसा होने की स्थिति में ये मामला 8 सदस्यों वली पार्लियामेंट्री कमेटी के पास जाएगा। नेशनल असेंबली अभी भंग की जा चुकी ऐसे इसमें कौन से सदस्य शामिल होंगे।
- एक्सपर्ट कहते हैं कि संविधान में कहा गया है कि इस कमेटी में नेशनल असेंबली के सदस्यों के साथ सीनेट के भी सदस्य शामिल हो सकते हैं। इस कमेटी में सरकार के 4 और विपक्ष के 4 सदस्यों का शामिल होना जरूरी होता है। साथ ही भंग हो चुकी नेशनल असेंबली के स्पीकर ही इस कमेटी का गठन करते हैं। संविधान के आर्टिकल 53 के मुताबिक जब तक नई असेंबली में नए स्पीकर का चुनाव न हो जाए तब तक मौजूदा स्पीकर पद पर बने रहते हैं।
- प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता इस कमेटी के लिए चार-चार सदस्यों को नामित करते हैं। इसके बाद कमेटी के सामने दो नाम प्रधानमंत्री और दो नाम विपक्ष के नेता सुझाते हैं। इस पर फैसला करने के लिए कमेटी के पास 3 दिन होता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि कमेटी गठित होने के तीन दिन में यदि कोई फैसला नहीं होता है तो फिर ये मामला चुनाव आयोग के पास जाता है। चुनाव आयोग को 2 दिन के अंदर-अंदर केयरटेकर पीएम के नाम का ऐलान करना होता है। केयरटेकर पीएम बनने के बाद सरकार को 90 दिन के अंदर चुनाव करवाने होते हैं।
पाक में केयरटेकर पीएम कैसे चुना जाएगा?
- जैसा कि पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 224 में कहा गया है कि नेशनल असेंबली भंग होने के 15 दिन में केयरटेकर पीएम को चुना जाना चाहिए। केयरटेकर पीएम का गठन भी आर्टिकल 224 के तहत होता है। आर्टिकल 224 के सबडिवीजन के मुताबिक, आर्टिकल 58 के तहत नेशनल असेंबली भंग होने पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता की सलाह पर केयरटेकर सरकार का गठन करेंगे।
- केयरटेकर सरकार के गठन के लिए प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता की सहमति के बाद ही हो सकता है। आर्टिकल 224 के मुताबिक, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता को नेशनल असेंबली भंग होने के तीन दिन में केयरटेकर पीएम को चुनना होता है। हालांकि, विशेष परिस्थिति में इस 15 दिनों में करना ही होता है। केयरटेकर पीएम के नाम पर सहमति हो जाने पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति की मंजूरी भी जरूरी होती है। हालांकि, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता की सहमति के बाद राष्ट्रपति अपनी मंजूरी दे देते हैं। Politics Of Pakistan
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