संबंधित खबरें
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: झारखंड-महाराष्ट्र में किसको मिलेगी सत्ता की चाभी, जनता ने किसको किया है बेदखल? आज हो जाएगा तय
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
Operation Green Yojana 2021 हमारे देश वर्तमान के बिना की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है और हमारी इकोनॉमी का एक बड़ा भाग कृषि पर निर्भर करता है। लेकिन इसके बावजूद भी कृषि करने वाले लोगों की आर्थिक हालत कुछ सही नजर नहीं आती। इसका कारण उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य ना मिल पाना है इन सभी स्थितियों से निपटने और किसानों की दशा सुधारने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है जिसका नाम आॅपरेशन ग्रीन योजना है यह योजना 2019 के बजट के दौरान शुरू की गई थी और ऐसी योजना से वर्तमान में प्याज, आलू टमाटर उगाने वाले किसानों को लाभ भी मिलता था। इसमें किसान उत्पादक संगठन के गठन के साथ उन्हें पोस्ट हार्वेस्टिंग में नुकसान रोकने जैसी तकनीक को अपनाने और इन संवेदनशील फसलों की खेती पर जोर देना था। कृषि और सहायक उत्पादों में मूल्य वर्धन और उनके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, वित्त मंत्री ने ‘आपरेशन ग्रीन योजना’ का दायरा बढ़ाकर जल्दी खराब होने वाले 22 और कृषि उत्पादों को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव किया है जो वर्तमान में सिर्फ़ टमाटर, प्याज और आलू पर लागू थी ।
नाम आपरेशन ग्रीन योजना
किसने लांच की मंत्री हरसिमरत कौर बादल
लांच तारीख सन 2018-19
विभाग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए आपरेशन ग्रीन योजना 2021 का मुख्य उद्देश्य टॉप प्रसंस्करण को बढ़ावा देना है। आॅपरेशन ग्रीन का शुभारंभ उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई 2001 से किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न कृषि उत्पादक संगठन के साथ-साथ कृषि परिषद प्रसंस्करण सुविधाएं और पेशेवर प्रबंधनों को भी प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा। इस योजना का लाभ बृहद पैमाने पर किसानों को दिया जाएगा जिसमें 22 नए कृषि उत्पादों को शामिल करने का ऐलान भी किया गया है हालांकि अब तक इस योजना में केवल टमाटर प्याज और आलू ही शामिल किए गए थे।
अभी तक आॅपरेशन ग्रीन में सरकार द्वारा आलू प्याज एवं टमाटर को रखा गया था। सरकार का मुख्य उद्देश्य था कि इन सब्जियों के उत्पादन की सही कीमत किसानों को मिल सके। किसानों को इसके रख-रखाव और ट्रांस्फोर्ट के लिए भी सरकार आर्थिक मदद करती है।
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ किसानों को यह प्राप्त होगा कि उन्हें अपनी कोई भी फसल कम कीमत पर बेचना नहीं पड़ेगा। मॉनसून या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से जिन किसानों की फसल खराब हो गई है उन्हें किसी तरह की क्षति पहुंची है तो उन्हें इस योजना के तहत सहायता दी जाएगी। इस योजना की मदद से फसल के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने में सहायता मिलेगी जिससे किसान सही कीमत में खेती के लिए बिजवाई खरीद पाएंगे। देश में आलू टमाटर और प्याज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और किसानों की आय में दुगनी बढ़ोतरी करने के लिए सरकार ने इस योजना को साल 2022 तक के दिशा निदेर्शों पर लागू कर दिया है।
इस योजना के तहत टॉप उत्पादन क्लस्टर और एफपीओ को भी सुदृढ़ और उन्हें बाजार से जोड़ने का काम किया जाएगा जिसमें किसी भी मध्य व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होगा। और इसी कारण किसानों द्वारा उत्पादित फसलों की कीमत में वृद्धि नहीं होगी और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम भी मिल पाएगा। इस योजना के अंतर्गत किसानों के लिए 470 से अधिक आॅनलाइन कृषि सेवा केंद्र शीघ्र ही प्रारंभ कर दिए जाएंगे। किसानों की पहुंच आसानी से बाजार तक हो सके इस बात को ध्यान में रखते हुए भी इस योजना के अंतर्गत 22000 नई कृषि मंडियों का विकास किया जाएगा।
सरकार ने कोरोना महामारी काल की गंभीरता को देखते हुए आॅपरेशन ग्रीन में अब टमाटर, प्याज और आलू के अलावा दूसरी सब्जी और फल को भी इसमें जोड़ने की घोषणा की है। किसानों को आर्थिक नुकसान से बाहर निकालने के उद्देश्य से यह बदलाव हुआ है। कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण आज भी कई किसान एक जगह से दूसरी जगह अपने फल,सब्जी को नहीं ले जा पा रहे है। परिवहन सेवा सरकारी तौर पर बंद है, प्राइवेट वाहन को किसानों को बहुत अधिक खर्च उठाना पड़ रहा है। सरकार ऐसे किसानों की मदद के लिए यह स्कीम लेकर आई है। लॉकडाउन के समय कई जगह किसानों की फसल बड़े तौर पर बर्बाद हुई है, कहीं-कहीं तो वे कम दर में बेचने में मजबूर थे, कई जगह फसल कटाई के बाद फसल रखे-रखे खराब हो गई। इन सभी हानियों की कुछ हद तक भरपाई के लिए आॅपरेशन ग्रीन को नए तरह से सरकार शुरू कर रही है।
आपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत किसान अब अपनी फसल, फल, सब्जी को एक जगह से दुसरे जगह बेचने के लिए अगर लेकर जाते है तो उन्हें परिवहन सेवा में सरकार अब 50 प्रतिशत का अनुदान देगी. मतलब अब किसान अपनी फसल को कम खर्चे में दूसरी जगह बेचने ले जा सकते है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होगा. इसके साथ ही जिन फसलों का भंडारण करना है। उन्हें शीतगृह भण्डारण में फसल रखने के लिए 50 प्रतिशत का भी अनुदान दिया जायेगा। शीतगृह भण्डारण बनाने के लिए 50 % का खर्चा सरकार उठाएगी। सरकार आॅपरेशन ग्रीन के तहत अब किसानों को सब्जी, फल के परिवहन और भंडारण के लिए 50 प्रतिशन की सब्सिडी देगी।
अभी तक आपरेशन ग्रीन में टमाटर, प्याज एवं आलू को ही रखा गया था। अब इसमें 18 और सब्जी एवं फल को जोड़ दिया गया है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अब आॅपरेशन ग्रीन में 10 फल एवं 8 सब्जी शामिल किये जा रहे है। फलों में अब केला, कीवी, अमरुद, आम, संतरा, पपीता, लीची, अनार, कटहल एवं अनानास को जोड़ा जा रहा है। इसके साथ सब्जियों में राजमा, गाजर, शिमला मिर्च, बैगन, फूलगोभी, भिन्डी एवं करेला भी शामिल किया जा रहा है। मंत्री जी ने यह भी बताया है कि भविष्य में सरकार इस योजना के दायरे को और बढाकर अन्य फल एवं सब्जी को भी शामिल करने की योजना बना रही है।
फिलहाल कुछ राज्यों में ही आपरेशन ग्रीन योजना को क्रियान्वित किया गया है परंतु साल 2021 में इस योजना को अपडेट कर के घोषित किया गया है जिसमें नीचे दिए गए राज्यों की सूची को भी जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा। इन राज्यों में इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने हाल ही में बजट की घोषणा की है।
आंध्र प्रदेश
कर्नाटक
ओडिशा
गुजरात
तेलंगाना
प्याज उत्पादक राज्य
महाराष्ट्र
कर्नाटक
गुजरात
आलू उत्पादक राज्य
बिहार
उत्तर प्रदेश
पश्चिम बंगाल
गुजरात
मध्य प्रदेश
इन सबके अलावा पंजाब राज्य को प्रोडक्शन क्लस्टर क्षेत्र बताया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा 2 फरवरी साल 2021 में लोकसभा के अंदर आॅपरेशन ग्रीन योजना 2021 के बजट की घोषणा की गई थी जिसमें अनुमानित आंकड़ों के अनुसार आॅपरेशन ग्रीन के लिए 200 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए थे। जिसे संशोधित अनुमानों के अनुसार घटाकर 32.48 करोड रुपए कर दिया गया था। परंतु इसी वित्त वर्ष 2020-21 के अंतर्गत इसे दोबारा से 127.50 करोड़ रुपए कर दिया गया। परंतु कुछ समय पश्चात संशोधित अनुमानों के अंतर्गत निर्धारित राशि को घटाकर 38.32 करोड़ रुपए कर दिया गया। साथ में यह भी घोषणा की गई कि इस योजना के तहत किसान सहित कोई भी अधिसूचित फलों एवं सब्जियों जैसी फसलों का परिवहन करने में सक्षम हो पाएगा। योजना के तहत रेलवे द्वारा इन फलों एवं सब्जियों के परिवहन पर मात्र 50% शुल्क लगाया जाएगा तथा बचा हुआ 50% शुल्क मंत्रालय की ओर से भारतीय रेल को प्रदान किया जाएगा।
Read Also : Brand India Mission 2021-22 – Brand India Tag
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि योजना का लाभ जो भी किसान लेना चाहते है वे जल्द से जल्द इस योजना के लिए आवेदन कर लें। क्योकि इसका लाभ सन 2022 तक पात्र किसानों को दिया जायेगा।
आपरेशन ग्रीन योजना पात्रता, लाभार्थी
किसान उत्पादक संगठन एवं संस्था
खाद्य प्रसंस्करण
सहकारी समिति
व्यक्तिगत किसान
निर्यातक राज्य विपरण
आदि जो भी लोग सब्जी एवं फलों के उत्पादन या प्रसंस्करण कार्य में लगे है उन्हें इस योजना का पात्र माना जायेगा।
जो भी व्यक्ति इस योजना के लिए आवेदन करना चाहेगा उसे जरुरी है कि वो अपना आधार कार्ड जमा करे। आवेदक को आवेदन के समय अपने स्थाई पता का प्रूफ भी देना अनिवार्य होगा, इसके लिए वो बिजली का बिल, वोटर आईडी कार्ड या पासपोर्ट के कागज जमा कर सकता है। आवेदक को अपना पैन कार्ड भी दिखाना अनिवार्य होगा। आवेदक को अपना चालू मोबाइल नंबर भी शेयर करना अनिवार्य होगा, क्यूंकि आगे आवेदन की सारी जानकारी आपको मेसेज द्वारा अधिकारी देंगें।
(Operation Green Yojana 2021)
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.