होम / America Needs to Get India's Support भारत का साथ पाना अमेरिका की जरूरत

America Needs to Get India's Support भारत का साथ पाना अमेरिका की जरूरत

India News Editor • LAST UPDATED : September 24, 2021, 2:10 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

America Needs to Get India's Support भारत का साथ पाना अमेरिका की जरूरत

pm modi

America Needs to Get India’s Support

रहीस सिंह
वरिष्ठ पत्रकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐसे समय में अमेरिका यात्र हो रही है, जब अमेरिका अफगानिस्तान से थक कर वापस लौट चुका है, नए वर्ल्ड आॅर्डर की चचार्एं चल रही हैं और तालिबान के काबुल पर काबिज होने के बाद दुनिया एक बार फिर से आतंकवाद के भय को महसूस कर रही है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या जो बाइडेन भारत की महत्ता को उसी तरह से महसूस करेंगे जिस प्रकार उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति मानते रहे हैं।

क्या राष्ट्रपति जो बाइडेन भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ उसी प्रकार के रिश्ते कायम करना चाहेंगे जैसे कि बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के थे। अंतिम सवाल यह कि क्या अमेरिका भारत के साथ वैसी ही स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप और गर्मजोशी के साथ आगे बढ़ना चाहेगा जो कि बराक ओबामा और ट्रम्प के समय कायम थी? बीते दिनों अमेरिका, ब्रिटेन और आॅस्ट्रेलिया के बीच एक नया गठबंधन निर्मित हुआ। आॅकस नाम के इस गठबंधन से पहले भी इंडो-पैसिफिक में दो गठबंधन अथवा साझेदारियां थीं। इनमें से एक है-फाइव आइज जो अमेरिका, आॅस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और न्यूजीलैंड के बीच बना है और दूसरा है क्वाड जो कि भारत, अमेरिका, जापान और आॅस्ट्रेलिया के बीच बना है। सवाल यह है कि क्या अमेरिका अभी भी एक अनिश्चित विदेश नीति के सहारे आगे बढ़ रहा है?

America Needs to Get India’s Support

यदि ऐसा नहीं है तो क्या अमेरिका इस बात पर गंभीरता से विचार कर पा रहा है कि टेरिटोरियल पॉवर्स के बिना वह चीन पर स्थायी दबाव नहीं बना सकता। क्या जो बाइडेन कर्ट कैंपबेल की रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ना चाहेंगे जो ओबामा काम में इंडो-पैसिफिक के अध्ययन के बाद तैयार की गई थी? बताया जा रहा है कि आॅकस घोषित रूप से तो आधुनिक रक्षा प्रणालियों जैसे साइबर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग और समुद्र के भीतर की क्षमताओं के विकास के लिए काम करेगा। लेकिन यह इतना सीधा रणनीतिशास्त्र नहीं हो सकता। हिंद-प्रशांत की प्रत्येक अमेरिकी रणनीति चीन को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती है लेकिन क्या यह फ्रांस और भारत के बिना सफल हो पाएगी? स्पष्टत: नहीं।
आर्थिक ताकत बनने के बाद चीन जिस प्रकार से अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर क्षेत्रीय शक्ति से महाशक्ति की ओर बढ़ने के लिए प्रेशर डिप्लोमेसी का इस्तेमाल कर रहा है उससे सारी दुनिया परिचित है। चीन द्वारा उठाए जाने वाले कदम दिखाते हैं कि वह उसी महादानव के रूप में स्वयं को प्रस्तुत करने लगा है जिसके विषय में कभी नेपोलियन बोनापार्ट ने घोषणा की थी। इसका अर्थ है कि चीन के खिलाफ अमेरिका बिना भारत के सफल लड़ाई नहीं लड़ सकता। दरअसल अमेरिका को अब यह मानकर नीति और मित्र बनाने होंगे अथवा उनमें वैल्यू एडीशन करना होगा कि वह अब सुपर पॉवर नहीं है बल्कि पॉवर एक्सिस में अब तीन धुरियां (पोल्स) हैं- वाशिंगटन, बीजिंग और मॉस्को।

मूल प्रतिस्पर्धा वाशिंगटन और बीजिंग के बीच है। हालांकि वाशिंगटन और बीजिंग काफी समय से आमने-सामने दिख रहे हैं खासतौर से ट्रेड वॉर को लेकर। लेकिन अमेरिका तथा चीन के बीच जितने मूल्य का वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार हो रहा है और वह भी अमेरिका के पक्ष में भारी असंतुलन के साथ, वह तो कुछ और ही बताता प्रतीत होता है। वैसे ट्रेड वॉर को जितना सामान्य और एकल रेखीय (यूनिलीनियर) दिखाया गया, वैसा वह है नहीं। इसमें अनदेखे या अदृश्य आयाम ज्यादा प्रभावशाली हैं, जैसे- जियोपॉलिटिक्स, जियोस्ट्रेटेजी, वॉर टैक्टिक्स है और चीन की एकाधिकारवादी-नवसाम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं की दृष्टि से सॉफ्ट वॉर की रणनीति। चूंकि मॉस्को-बीजिंग बॉन्ड काफी मजबूत है और दमिश्क, तेहरान, इस्लामाबाद, प्योंगयांग आदि इसके प्रभाव में हैं, इसलिए बाइडेन की राह शायद आसान नहीं होगी।

America Needs to Get India’s Support

जहां तक भारत के साथ रिश्तों की बात है तो राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती को कुछ विचारकों ने असामान्य परिधियों तक देखा और स्वीकार किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि भारत अमेरिका का नेचुरल पार्टनर या मेजर डिफेंस पार्टनर बना। भारत ने अमेरिका के साथ डोनाल्ड ट्रम्प रेजीम में तीन बुनियादी समझौते किए जिसमें लिमोआ, कॉमकासा और बेका शामिल हैं। गैर नाटो देश होते हुए भी अमेरिका ने भारत को एसटीए-1 की सुविधा दी। यह पहली बार किसी गैर नाटो देश के रूप में भारत को दी गई। ऐसा नहीं कि इस दौर में दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति नहीं बनी। लेकिन कुल मिलाकर भारत अमेरिका द्विपक्षीय रिश्तों में सकारात्मकता के लिए स्थान बहुत ज्यादा है, अवसर भी ज्यादा हैं और सफलता की संभावनाएं भी।

यह अलग बात है कि इनमें यूनिटी फॉर पीस के साथ-साथ स्ट्रेटेजी फॉर वार को अधिक महत्व देने की आवश्यकता है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड देशों के पहले वचरुअल सम्मेलन में ही कह चुके हैं कि, हमलोग अपने साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और एक सुरक्षित, स्थायी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पहले की तुलना में और ज्यादा साथ मिलकर काम करेंगे। इसलिए क्वाड की आगे की राह जो बाइडेन, स्कॉट मॉरिसन और योशिहिदे सुगा की सक्रियता पर निर्भर करेगी। जहां तक भारत अमेरिका द्विपक्षीय रिश्तों की बात है तो हमें अभी जो बाइडेन की इस बात पर भरोसा करना होगा कि भारत अमेरिका का नेचुरल फ्रेंड है। वैश्विक जरूरतें, विशेषकर इंडो-पैसिफिक की, आगे भी उन्हें इसके अनुपालन के लिए बाध्य करती रहेंगी।

Must Read:-   बिना परमिशन नहीं कटेंगे आपके खाते से पैसे, 1 अक्टूबर से लागू होगा नया ऑटो डेबिट पेमेंट सिस्टम

Connect With Us: Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

महाराष्ट्र के असली हीरो मोदी-शाह नहीं…CM Yogi निकले? नतीजों के बाद कुछ बड़ा होने वाला है
महाराष्ट्र के असली हीरो मोदी-शाह नहीं…CM Yogi निकले? नतीजों के बाद कुछ बड़ा होने वाला है
तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच दुनिया के 10 ताकतवर देशों का चल गया पता, कितने नंबर पर है भारत-पाकिस्तान?
तीसरे विश्व युद्ध की आहट के बीच दुनिया के 10 ताकतवर देशों का चल गया पता, कितने नंबर पर है भारत-पाकिस्तान?
हेमंत सोरेन का सिम्पैथी फैक्टर और बीजेपी चारों खाने चित, जानें कैसे इस योजना ने पलट दिया झारखंड का पूरा सियासी खेल
हेमंत सोरेन का सिम्पैथी फैक्टर और बीजेपी चारों खाने चित, जानें कैसे इस योजना ने पलट दिया झारखंड का पूरा सियासी खेल
UP News: गांव के 30 अभ्यर्थियों ने पास की पुलिस भर्ती परीक्षा, भाई-बहन के हिस्से में आई कामयाबी
UP News: गांव के 30 अभ्यर्थियों ने पास की पुलिस भर्ती परीक्षा, भाई-बहन के हिस्से में आई कामयाबी
देसी चीज़ों से ठीक हो गया स्टेज 4 का कैंसर? सिद्धू की बीवी के शॉकिंग दावों पे क्या बोले डॉक्टर…सच्चाई सुनकर लगेगा झटका
देसी चीज़ों से ठीक हो गया स्टेज 4 का कैंसर? सिद्धू की बीवी के शॉकिंग दावों पे क्या बोले डॉक्टर…सच्चाई सुनकर लगेगा झटका
BJP नेता की बंद पड़ी फैक्ट्री में चोरी, जांच में जुटी पुलिस
BJP नेता की बंद पड़ी फैक्ट्री में चोरी, जांच में जुटी पुलिस
Bhopal Accident News: हेडफोन ने छीनी जिंदगी, ट्रेन की चपेट में आई रिटायर्ड फौजी की पत्नी
Bhopal Accident News: हेडफोन ने छीनी जिंदगी, ट्रेन की चपेट में आई रिटायर्ड फौजी की पत्नी
सिद्धार्थनगर में बड़ा हादसा, रेस्टोरेंट में रखे सिलेंडर में धमाका, बैंक की दीवार में भी आई दरार
सिद्धार्थनगर में बड़ा हादसा, रेस्टोरेंट में रखे सिलेंडर में धमाका, बैंक की दीवार में भी आई दरार
अब झारखंड में चिराग पासवान ने दिखाई अपनी राजनीतिक ताकत, NDA तो हार गई; मगर…
अब झारखंड में चिराग पासवान ने दिखाई अपनी राजनीतिक ताकत, NDA तो हार गई; मगर…
टैक्सी में हत्यारे ने कबूला जुर्म, ड्राइवर ने गोलमोल बातों में घुमा कर पुलिस को किया फोन, फिर जो हुआ…कातिल रह गया सन्न
टैक्सी में हत्यारे ने कबूला जुर्म, ड्राइवर ने गोलमोल बातों में घुमा कर पुलिस को किया फोन, फिर जो हुआ…कातिल रह गया सन्न
UP उपचुनाव में सपा को मिली हार, डिपंल यादव का आया ये बयान
UP उपचुनाव में सपा को मिली हार, डिपंल यादव का आया ये बयान
ADVERTISEMENT