होम / कैबिनेट ने ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022 हरियाणा को दी मंजूरी, जानें क्या है उद्देश्य?

कैबिनेट ने ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022 हरियाणा को दी मंजूरी, जानें क्या है उद्देश्य?

India News Desk • LAST UPDATED : May 6, 2022, 8:30 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

कैबिनेट ने ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022 हरियाणा को दी मंजूरी, जानें क्या है उद्देश्य?
  • इसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना और कारोबार की सहुलियत के लिए ठेकेदारों को सिंगल विंडो प्रदान करना

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में पारदर्शिता लाने और कारोबार की सहुलियत के लिए ठेकेदारों को सिंगल विंडो उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के साथ काम करने के इच्छुक ठेकेदारों के पंजीकरण के लिए ठेकेदार पंजीकरण नियम-2022, हरियाणा लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

नियमों के अनुसार, अब हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स (एचईडब्ल्यू) पोर्टल पर ठेकेदारों की आईडी सृजित करना अनिवार्य होगा। हालांकि, पंजीकरण भी बेहतर होगा ताकि निविदाएं आमंत्रित करते समय प्रामाणिकताओं (क्रेडेंशियल्स) के सत्यापन की आवश्यकता और इसमें लगने वाले समय को कम करने के लिए सक्षम ठेकेदारों की तैयार सूची उपलब्ध हो सके। साथ ही, ठेकेदार के प्रदर्शन का मूल्यांकन प्रत्येक पूर्ण कार्य के लिए अंक देकर और एक गतिशील रेटिंग उत्पन्न करके किया जाएगा।

हालांकि ठेकेदारों द्वारा पंजीकरण के लिए आवेदन करना वैकल्पिक है, लेकिन हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग, बोर्ड, सोसायटी आदि में काम करने वाले प्रत्येक ठेकेदार के लिए कुछ मूल जानकारी दर्ज करते हुए एचईडब्ल्यू पोर्टल पर एक प्रोफाइल बनाना आवश्यक है।

हरियाणा में किसी भी जगह काम करने वाले हर ठेकेदार की एक विशिष्ट ठेकेदार आईडी तैयार करने के लिए यह आवश्यक है। सभी ठेकेदारों को लॉगइन अकाउंट बनाना होगा और ह्यप्रोफाइल समरीह्ण दस्तावेज प्राप्त करने होंगे।

पंजीकृत योग्य ठेकेदारों को होगा लाभ

इससे पंजीकृत योग्य ठेकेदारों को लाभ होगा क्योंकि उन्हें बयाना राशि जमा (ईएमडी) के भुगतान से छूट दी जाएगी। ऐसे ठेकेदार, जो एचईडब्ल्यू पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है, वे निविदा प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे, लेकिन वे ईएमडी छूट का लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे और इन ठेकेदारों को किसी विशेष कार्य के लिए निर्दिष्ट राशि के लिए बोली के हिस्से के रूप में ईएमडी जमा करवानी होगी। प्रत्येक कार्य के पूरा होने के बाद ठेकेदार के प्रदर्शन का निरीक्षण और मूल्यांकन किया जाएगा।

थ्रेशोल्ड लिमिट स्कोर (अर्थात उनके प्रदर्शन स्कोर में 70 प्रतिशत) से नीचे आने वाले किसी भी पंजीकृत ठेकेदार को एचईडब्ल्यू पोर्टल पर स्वत: डी-रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। किसी भी विभाग, बोर्ड, सोसायटी से संबंधित जानकारी के लिए पंजीकृत ठेकेदारों की सूची एचईडब्ल्यू पोर्टल (६ङ्म१‘२.ँं१८ंल्लं.ॅङ्म५.्रल्ल) पर उपलब्ध करवाई जाएगी।

अवैध रूप से उप-विभाजित भूखंडों को नियमित करने की पालिसी बनाई

अवैध रूप से उप-विभाजित भूखंडों को नियमित करने और भूखंड मालिकों को मूल रूप से आवंटित भूखंडों को तर्कसंगत रूप से उप-विभाजित करने की अनुमति देने के लिए एक पथप्रदर्शक कदम उठाते हुए मंत्रिमंडल की बैठक में इसे नियमित करने की एक नीति निदेर्शों को स्वीकृति प्रदान की गई।

नीति का उद्देश्य, नियोजित योजना में निर्धारित उपयोग को बदले बिना हरियाणा के नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित नगर आयोजना योजनाओं, पुनर्वास योजनाओं, सुधार न्यास योजनाओं में भूखंड के अवैध उप-विभाजन को विनियमित करने एवं आवासीय भूखंडों के उप-विभाजन की अनुमति के लिए दिशानिर्देश और मानदंड जारी करना है।

नीति के तहत केवल 1980 से पहले की नियोजित योजना में स्थित भूखंडों के नियमितीकरण और उप-विभाजन पर विचार किया जाएगा। नियमितीकरण एवं नये उप-विभाजन के लिए पात्र न्यूनतम भूखण्ड का आकार 200 वर्ग मीटर होगा। उप-विभाजित भूखंड का आकार 100 वर्ग मीटर से कम नहीं होगा।

मूल लेआउट में दर्शाई गई सडक से उप-विभाजित प्लॉट तक पहुंच होनी चाहिए। ऐसे सभी उप-विभाजित भूखंडों में हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 के पार्किंग दिशानिदेर्शों के अनुसार भूखंड के भीतर पार्किंग प्रावधान होने चाहिएं।

नीति के अनुसार, 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रतिभूति शुल्क लिया जाएगा। अवैध रूप से उप-विभाजित प्लाट और उप-विभाजन के नियमितीकरण हेतु नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा समय-समय पर अधिसूचित (आवासीय प्लाट हेतु) लाइसैंस फीस के 1.5 गुणा की दर से लाइसैंस फीस ली जाएगी।

नए उप-विभाजन के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा अधिसूचित लाइसेंस फीस (आवासीय प्लाट) लागू होगी।नियोजित योजना में भूखंडों को निवासियों द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार अवैध रूप से उप-विभाजित किया गया है। आगे पारिवारिक विभाजन के कारण भूखंडों को अवैध रूप से उप-विभाजित किया गया था क्योंकि ऐसी कोई नीति नहीं है जो नियोजित योजना में उप-विभाजन की अनुमति देती हो।

हरियाणा में ईज आफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए, नियम, 2021 को दी मंजूरी

हरियाणा में निवेशकों पर नियमतीकरण भार को कम करने और कारोबार की सहुलियत को और बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 में प्रस्तावित सुधारों के कार्यान्वयन के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन) नियम, 2021 को को स्वीकृति प्रदान की गई।

राज्य सरकार ने एक ईको सिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) बनाने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 और संबंधित नियम बनाए थे, जिसमें राज्य में कारोबार की सहुलियत के लिए उद्यमों को मंजूरी और अनुमोदन देने में देरी के साथ-साथ व्यवसाय करने की लागत को कम किया गया।

निवेशक एचईपीसी के आनलाइन पोर्टल के माध्यम से समयबद्ध तरीके से 23 से अधिक विभागों की लगभग 150 मंजूरी प्राप्त करने के लिए सामान्य आवेदन पत्र (सीएएफ) भर सकते हैं।

नीति के अध्याय 5 के तहत अनुमोदित नियमितीकरण सुधारों के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को 15 दिनों के भीतर सभी आवश्यक व्यावसायिक मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद एचईपीसी पोर्टल पर स्व:चालित डीम्ड क्लीयरेंस का प्रावधान होगा।

आरडीएसएस को अपनाने और लागू करने के लिए यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन की कार्य योजना को स्वीकृति

मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा में विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ह्यपुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस)ह्ण को अपनाने और लागू करने के लिए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) की कार्य योजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना एक सुधार आधारित एवं परिणाम से जुड़ी योजना है जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से टिकाऊ एवं परिचालन रूप से कुशल वितरण क्षेत्र के माध्यम से उपभोक्ताओंकी बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता में सुधार लाना है।

इस योजना का लक्ष्य 2024-25 तक अखिल भारतीय स्तर पर एटी एंड सी हानियों को 12-15 प्रतिशत और एसीएस-एआरआर अंतर को शून्य तक कम करना है। भारत सरकार से 97,631 करोड़ रुपये के अनुमानित सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) के साथ इस योजना का कुल परिव्यय 3,03,758 करोड़ रुपये है।

इस योजना के कार्यान्वयन से बिजली क्षेत्र की हानियों को कम करके और चोरी की संभावना को रोककर यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन के अधिकार क्षेत्र में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में वितरण प्रणाली को सुदृढ़ किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, इससे सरकार की प्रतिबद्धताओं और वाणिज्यिक साइकल में नागरिक इंटरफेस के अनुसार हरियाणा में उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे निर्बाध, गुणवत्तापरक, विश्वसनीय और सस्ती बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन को वित्तीय रूप से टिकाऊ और परिचालन रूप से कुशल बनाने में मदद मिलेगी।

नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति (एनआईएलपी) को स्वीकृति प्रदान की

मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा में आवासीय एवं वाणिज्यिक उपयोग के लिए नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति (एनआईएलपी) को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि राज्य में भूमि का समूचित उपयोग और आवासीय क्षेत्रों के एकीकृत विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

नई एकीकृत लाइसेंसिंग नीति का मुख्य उद्देश्य मौजूदा मानकों को तर्कसंगत बनाकर दुर्लभ एवं अत्यधिक मूल्य वाले भू संसाधन का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करना और आवासीय क्षेत्रों के एकीकृत विकास को सक्षम बनाना है।

अब जनसंख्या के अनुसार सामुदायिक सुविधाओं का अपेक्षित प्रावधान करना आवश्यक होगा। मूल नीति के अनुसार, कालोनाइजर के लिए सामुदायिक सुविधाओं के प्रावधान के लिए लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी के 10 प्रतिशत क्षेत्र को सरकार को निशुल्क हस्तांतरित करना आवश्यक था।

वर्तमान प्रावधान में संशोधन करने का औचित्य निर्धारित मानदंडों की बजाय वास्तविक जनसंख्या घनत्व के आधार पर आंतरिक सामुदायिक स्थलों के प्रावधान की सुविधा प्रदान करना है।

आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की

मंत्रिमण्डल की बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई। नई आबकारी नीति 12 जून,2022 से 11 जून, 2023 तक लागू रहेगी। चालू आबकारी नीति 11 जून, 2022 तक लागू है। लगातार दूसरे वर्ष के लिए, लाइसेंस शुल्क के भुगतान में कोई विलम्ब नहीं होगा। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।

वित्त वर्ष 2020-21 में 6791.98 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में 7938.8 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व एकत्रित हुआ जो कि 17 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार, वर्ष 2022-23 में खुदरा क्षेत्र (अधिकतम 4 खुदरा दुकानें शामिल हैं) में ई-निविदा के माध्यम से शराब के ठेकों की नीलामी की जाएगी।

कारोबार की सहुलियत

उन ब्रांडों/लेबलों, जिनमें पिछले वर्ष की तुलना में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, को अनुमोदित करने की शक्तियां डीईटीसी को सौंपी गई हैं। कारखानों को त्रैमासिक आधार की बजाय अब वार्षिक आधार पर अतिरिक्त पारियों में संचालन की अनुमति प्रदान की जाएगी।

लाइसेंसों का नवीनीकरण करने और मौजूदा बारज में अतिरिक्त अंक देने की शक्तियां डीईटीसी को सौंपी गई हैं। नए लेबलों/ब्रांडों का अनुमोदन आनलाइन किया जाएगा। सभ्य तरीके से पीने को प्रोत्साहित करने के लिए कम मादक पेयों को बढ़ावा दिया जाएगा।

वाइन पर आयात शुल्क घटाया गया

शराब पर आयात शुल्क 7 रुपये से घटाकर 2 रुपये प्रति बीएल किया गया है। शराब कारखाना स्थापित करने के लिए आशय पत्र का शुल्क 15 लाख रुपये से घटाकर एक लाख रुपये किया गया है। बार लाइसेंस के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं होगी।

मोरनी को उन स्थानों की सूची में जोड़ा गया है, जहां पर्यटन और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए बार लाइसेंस दिए जा सकते हैं। राज्य में कहीं भी स्थित बार और क्लब अब बार लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार, बार और खुदरा विक्रेता अब अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करके लंबे समय तक अपना संचालन कर सकेंगे।

सीएल और आईएमएफएल का मूल कोटा क्रमश: 1100 लाख प्रूफ लीटर और 650 लाख प्रूफ लीटर होगा जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत अधिक है। डिस्टिलरीज को आवंटित देशी शराब का कोई निर्धारित कोटा नहीं होगा। इसलिए लाइसेंसधारकों को किसी भी डिस्टिलरी के ब्रांड चुनने की पूरी आजादी होगी। देशी शराब (सीएल) और आईएमएफएल के थोक लाइसेंसों के लाइसेंस शुल्क में मामूली वृद्धि होगी।

देशी शराब और आईएमएफएस के अधिकांश ब्रांडों के न्यूनतम खुदरा बिक्री मूल्य में कोई बदलाव नहीं

नई नीति में मेट्रो शराब, जिसमें मामूली वृद्धि हुई है, को छोडकर, देशी शराब और आईएमएफएस के अधिकांश ब्रांडों के न्यूनतम खुदरा बिक्री मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए अब 950 रुपये के मुकाबले 1050 रुपये प्रति मामले से कम के एक्स डिस्टिलरी इश्यू प्राइस (ईडीपी) के आईएमएफएल ब्रांडों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।

डिस्टिलर्स, नान-डिस्टिलर्स और ब्रुअरीज के थोक लाइसेंस शुल्क को तर्कसंगत बनाया गया है ताकि कम बिक्री वाले ब्रांडों के थोक विक्रेताओं को अपने लाइसेंस कम लाइसेंस शुल्क पर मिल सकें।

इसके अतिरिक्त, अधिकांश आईएमएफएल ब्रांडों के आबकारी शुल्क में कोई वृद्धि नहीं हुई है बल्कि पड़ोसी राज्य से आने वाली चुनौती को दूर करने के लिए 5000 रुपये प्रति मामला से अधिक के आईएमएफएल ब्रांड थोड़ा कम आबकारी शुल्क आकर्षित करेंगे।

आयातित विहस्की और वाइन पर आबकारी शुल्क घटाया गया

किसी भी पड़ोसी राज्य से आयातित विदेशी शराब के प्रवाह की किसी भी संभावना को दूर करने के लिए व्हिस्की और वाइन के आबकारी शुल्क को 225 रुपये प्रति पीएल/बीएल से घटाकर 75 रुपये प्रति पीएल/बीएल किया गया है। इसी प्रकार बारों की आपूर्ति के लिए एसेंसमेंट शुल्क को भी कम किया गया है।

आयातित विदेशी शराब पर कम किया गया वैट

आयातित विदेशी शराब पर वैट 10 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत और देशी शराब, वाइन, बीयरऔर आईएमएफएल आदि के मामले में 13 प्रतिशत-14 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है।

किराया कलेक्टर दर का 6 प्रतिशत वार्षिक

शहरी क्षेत्रों में सरकारी एजेंसियों की भूमि का किराया 500 मीटर से कम आकार के मामले में कलेक्टर दर का 6 प्रतिशत वार्षिक निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, उच्च सुरक्षा वाले होलोग्राम के साथ ट्रक व ट्रैक सिस्टम क्रियान्वित किया जाएगा।

सभी डिस्टिलरी और बाटलिंग प्लांट में फ्लो मीटर लगाए जाएंगे। हाई सिक्योरिटी सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से शराब कारखानों की सुविधाओं की निगरानी की जाएगी। शराब की अंतर्राज्यीय आवाजाही के बेहतर नियंत्रण के लिए ट्रांजिट स्लिप शुरू की जाएगी।

सभी शराब के ठेकों और बारज में प्वाइंट आॅफ सेल (पीओएस) मशीनें लगाई जाएंगी। ये उपाय अधिकांश गैर आबकारी भुगतान वाली शराब की जांच करके कर चोरी के मामलों को कम करने में सहायक सिद्घ होंगे।

ये भी पढ़ें : पंजाब सरकार ने मूंग की फसल को एमएसपी पर खरीदनें का किया ऐलान, किसानों के लिए बनाई ये फसल चक्र योजना…

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे 

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Makeup Side Effects: रोजाना मेकअप करने से होते हैं ये नुकसान, उम्र से पहले आ जाएंगी झुर्रियां
Makeup Side Effects: रोजाना मेकअप करने से होते हैं ये नुकसान, उम्र से पहले आ जाएंगी झुर्रियां
‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत का डर
‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत का डर
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
पहली ही मुलाकात में नार्वे की राजकुमारी के बेटे ने 20 साल की लड़की से किया रेप, फिर जो हुआ…सुनकर कानों पर नहीं होगा भरोसा
पहली ही मुलाकात में नार्वे की राजकुमारी के बेटे ने 20 साल की लड़की से किया रेप, फिर जो हुआ…सुनकर कानों पर नहीं होगा भरोसा
हॉकी के बाद बिहार को इस बड़े स्पोर्ट्स इवेंट की मिली मेजबानी, खेल मंत्री मांडविया ने दी जानकारी
हॉकी के बाद बिहार को इस बड़े स्पोर्ट्स इवेंट की मिली मेजबानी, खेल मंत्री मांडविया ने दी जानकारी
2025 में इस नाम वाले लोगों पर होगी पैसों की बरसात, बाबा वेंगा ने कर दी बड़ी ये भविष्यवाणी, इन 5 राशियों के लिए खुलेगा किस्मत का दरवाजा
2025 में इस नाम वाले लोगों पर होगी पैसों की बरसात, बाबा वेंगा ने कर दी बड़ी ये भविष्यवाणी, इन 5 राशियों के लिए खुलेगा किस्मत का दरवाजा
‘अधिकारी UP से कमाकर राजस्थान में …’, अखिलेश यादव का जयपुर में बड़ा बयान; CM योगी के लिए कही ये बात
‘अधिकारी UP से कमाकर राजस्थान में …’, अखिलेश यादव का जयपुर में बड़ा बयान; CM योगी के लिए कही ये बात
इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
MP में बढ़ी ठिठुरन, भोपाल में 10.2 डिग्री तक लुढ़का पारा, शहरों में छाया घना कोहरा
MP में बढ़ी ठिठुरन, भोपाल में 10.2 डिग्री तक लुढ़का पारा, शहरों में छाया घना कोहरा
Bihar Hooch tragedy : बेगूसराय में जहरीली शराब का कहर, दो लोगों की मौत; 2 अन्य बीमार
Bihar Hooch tragedy : बेगूसराय में जहरीली शराब का कहर, दो लोगों की मौत; 2 अन्य बीमार
कांग्रेस नेता ने लगाए मंत्री पर जान से मारने का आरोप, कोर्ट में रोते हुए रखी अपनी बात
कांग्रेस नेता ने लगाए मंत्री पर जान से मारने का आरोप, कोर्ट में रोते हुए रखी अपनी बात
ADVERTISEMENT