इंडिया न्यूज, Chandigarh News। पंजाब के किसानों की मांगों पर आखिरकार सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) के साथ हुई मीटिंग के बाद सहमति बन ही गई। मान ने धान की बुआई (paddy sowing date) के लिए 14 जून और 17 जून की नई तारीखों का ऐलान किया है और इसके साथ ही जोनों की संख्या दो कर दी है, जबकि इससे पहले चार जोन बनाए गए थे।
हालांकि, कंटीली तार से पार वाले सीमावर्ती इलाके वाली जमीनों को जोनों की बंदिशों से बाहर रखा गया है और इस क्षेत्र के किसानों को 10 जून से धान की फसल लगाने की इजाजत होगी।
पंजाब भवन (Punjab Bhawan) में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Farmer leader Jagjit Singh Dallewal) के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब किसानों को जाकर तुरंत पनीरी लगानी शुरू कर देनी चाहिए, जिससे निर्धारित समय के अंदर धान की बुवाई को तय किया जा सके।
मूंग की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum support price on moong crop) तय करने के लिए मान ने किसान नेताओं को बताया कि राज्य सरकार ने 7275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के लिए नोटीफिकेशन पहले ही जारी कर दिया है।
उन्होंने किसानों को यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार फसलीय विभिन्नता के अपने प्रमुख कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद के लिए रूप-रेखा को अंतिम रूप देने जा रही है।
बासमती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि वह कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात कर बासमती पर तुरंत न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान करने के लिए भारत सरकार पर जोर डालेंगे, जिससे किसानों को पानी की अधिक उपभोग वाली धान की फसल से मक्का की कृषि करने के लिए बढ़ावा दिया जा सके, जिससे पानी की बचत होगी जो हमारी आने वाली पीढियों के लिए राज्य का एकमात्र बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है।
उन्होंने किसान मोर्चा के सदस्यों को यह भी कहा कि वह सभी हिस्सेदारों की संतुष्टि के लिए जल्द समाधान करने के लिए अमित शाह के पास भाखड़ा ब्यास प्रशासनिक बोर्ड (BBMB) के विवादपूर्ण मुद्दे को भी उठाएंगे।
इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisaan morcha) के सभी सदस्यों ने सीधी बिजाई के द्वारा धान की कृषि करने को प्रोत्साहित करने के राज्य सरकार के फैसले की सराहना की और मुख्यमंत्री का किसानों के कल्याण के लिए राह से एक तरफ हट कर रास्ता तलाशने के लिए धन्यवाद किया।
मान ने किसान नेताओं से कृषि क्षेत्र में किसान समर्थक सुधार लाने के लिए कम से कम एक साल का समय मांगा। उन्होंने कहा कि कृपा करके सब्र रखो, मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपके संगठनों को मैं धरना मुक्त कर दूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण से जुड़ा कोई भी मसला हल करने के लिए उनके कार्यालय के साथ-साथ घर के दरवाजे हमेशा खुले हैं
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए एक अन्य मसले का जवाब देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंचायती जमीन (panchayat land) पर लंबे समय से कब्जाधारकों, जिन बंजर जमीनों को कृषि योग्य बनाया, को मालिकाना हक देने के लिए व्यापक रणनीति लाएगी।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल (Panchayat Minister Kuldeep Singh Dhaliwal) को किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और इस मसले का जल्द हल करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती जमीन को अवैध कब्जों से छुड़ाने के लिए शुरू की गई मुहिम तब तक जारी रहेगी, जब तक जमीन की आखिरी इंच तक भी कब्जों से मुक्त नहीं करवा ली जाती। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की अवैध कब्जे छुड़ाने की मुहिम में किसान संगठनों को भी सहयोग देने के लिए कहा।
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