होम / Do You Know The First IAS Officer Of India? अंग्रेजों का गुरूर तोड़ने में हुए थे सफल

Do You Know The First IAS Officer Of India? अंग्रेजों का गुरूर तोड़ने में हुए थे सफल

India News Editor • LAST UPDATED : September 28, 2021, 8:03 am IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Do You Know The First IAS Officer Of India? अंग्रेजों का गुरूर तोड़ने में हुए थे सफल

Do You Know The First IAS Officer Of India?

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली
Do You Know The First IAS Officer Of India? देश में आज सर्वश्रेष्ठ नौकरी की बात करें तो अईएएस और आईपीएस के नाम ही सबसे पहले आते हैं। देश के लाखों छात्रों का सपना सिविल सर्विस का एग्जाम पास करना होता है। हर साल हजारों छात्र परीक्षा में बैठते हैं, कुछ की उम्मीदों को पंख लगते हैं, तो कोई फिर से प्रयास के लिए जुट जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर वो पहला भारतीय शख्स कौन था, जिसने इस मुश्किल परीक्षा को पास किया था। आखिर क्यों सरकार में नौकरी के लिए इस परीक्षा की जरूरत पड़ी और इसकी शुरूआत कैसे हुई। चलिए हम आपको बताते हैं।
भारत में सिविल सर्विस एग्जाम की शुरूआत साल 1854 में हुई। अंग्रेजों ने इसकी शुरूआत की थी। ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करने वाले सिविल सर्वेंट को पहले कंपनी के निदेशकों द्वारा नामित किया जाता था। इसके बाद लंदन के हेलीबरी कॉलेज में इन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता। यहां से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ही भारत में तैनात किया जाता था।
ऐसे हुई सिविल सर्विस परीक्षा की शुरूआत (Do You Know The First IAS Officer Of India?)
ईस्ट इंडिया कंपनी की इस प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। इसके बाद ब्रिटिश संसद की सेलेक्ट कमेटी की लॉर्ड मैकाउले रिपोर्ट में एक प्रस्ताव पेश किया गया। इसके तहत भारत में सिविल सर्विस के चयन के लिए एक मेरिट पर आधारित परीक्षा कराई जाए। एक प्रतिस्पर्धी परीक्षा हो और उसी के आधार पर सही उम्मीदवार का चयन हो। इस तरह से एक निष्पक्ष प्रक्रिया की शुरूआत की जा सकेगी। इस उद्देश्य के लिए 1854 में लंदन में सिविल सर्विस कमीशन का गठन किया गया। इसके अगले साल परीक्षा की शुरूआत हो गई।
भारतीयों को नीचा दिखाने को अंग्रेजों ने चली ये चाल ( Do You Know The First IAS Officer Of India)
अंग्रेजों ने खुद को महान साबित करने के लिए कमीशन का गठन तो कर दिया। मगर वो नहीं चाहते थे कि कोई भारतीय इस प्रतिष्ठित पद तक पहुंचे। शुरूआत में यह परीक्षा सिर्फ लंदन में ही होती थी। इसके लिए न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु महज 23 साल ही थी। भारतीयों को फेल करने के लिए खासतौर से सिलेबस को तैयार किया गया और उसमें यूरोपीय क्लासिक के लिए ज्यादा नंबर रखे गए। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि भारतीय ये परीक्षा पास करें।
इस भारतीय ने तोड़ा अंग्रेजों को गुरूर (Do You Know The First IAS Officer Of India?)
शुरूआती दशक में तो अंग्रेजों को लगा कि वो अपनी चाल में कामयाब हो गए हैं। मगर उन्होंने भारतीयों को कम आंककर बड़ी भूल कर दी थी। 1864 में पहली बार किसी भारतीय ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की। सत्येंद्रनाथ टैगोर इस परीक्षा को पास करने वाले पहले भारतीय थे। वह महान रबिंद्रनाथ टैगोर के भाई थे। इसके बाद कामयाबी का सिलसिला चल निकला। तीन साल के बाद 4 भारतीयों ने एक साथ यह परीक्षा पास की।
भारत में परीक्षा के लिए 50 साल का संघर्ष
यही नहीं भारतीयों को 50 साल से ज्यादा समय तक इस बात के संघर्ष करना पड़ा कि यह परीक्षा लंदन के बजाय भारत में हो। ब्रिटिश सरकार नहीं चाहती थी कि ज्यादा भारतीय सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल करें। मगर भारतीयों के लगातार प्रयास और याचिकाओं के बाद आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा। प्रथम विश्व युद्ध के बाद 1922 से यह परीक्षा भारत में होनी शुरू हुई।

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी  छोड़ने  की बड़ी वजह
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
ADVERTISEMENT