संबंधित खबरें
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
छत्तीसगढ़ में इंडिगो फ्लाइट को मिली धमकी, इमरजेंसी हुई लैंडिग
ऑटो में बैठी थी महिला तभी पीठ पर किसी ने फेरा हाथ, पीछे मुड़ी तो कांप गई रूह, देखें सबसे डरावने 5 मिनट की झलक
खिचड़ी बनी जानलेवा, मौत से पटना में लोगों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
(Ayushman Bharat Digital Mission) पीएम मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरूआत की थी। ये मिशन देश के गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज में जो दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। इस मिशन का लक्ष्य देश के प्रत्येक नागरिक का का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाना है। यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह ही होगा। इस कार्ड पर आपको एक यूनिक नंबर मिलेगा, जैसा कि आधार कार्ड में होता है। इस नंबर के द्वारा व्यक्ति की पहचान कर ली जाएगी जिससे स्वास्थ सेवा में और आसानी हो जाएगी। इस नंबर के जरिए डॉक्टर के पास भी लोगों का पूरा रिकॉर्ड रहेगा।
पीएम मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को लाल किले से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य आईडी शामिल होगी जिसका उपयोग उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी किया जाएगा। व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को इस खाते से जोड़ा जा सकता है और मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से देखा जा सकता है। इस स्वास्थ्य खाते में हर परीक्षण, हर बीमारी, चेक-अप के लिए आए डॉक्टरों, ली गई दवाओं और निदान का विवरण होगा। एक हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा दोनों प्रणालियों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के भंडार के रूप में कार्य करेंगी।
इस हेल्थ कार्ड में एक यूनिक आईडी होगी जिसे देखकर डाक्टर आपकी पहले से चल रही बीमारियों की पूरा डिटेल देखकर ईलाज कर सकेंगे। इससे मरीजों को डॉक्टर के पास अपनी मेडिकल फाइल ले जाने से की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं इस आईडी से यह भी पता चल सकेगा कि आयुष्मान भारत के तहत मरीज को इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं। इसके अलावा मरीज को स्वास्थ्य से संबंधित किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।
सबसे पहले एक हैल्थ आईडी बनाई जाएगी जिसके बाद किसी व्यक्ति से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जाएगी। फिर उन व्यक्तियों की सहमति लेने के बाद इस जानकारी को स्वास्थ्य आईडी से जोड़ा जाएगा। पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड-सिस्टम (पीएचआर) नामक जानकारी किसी व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जानकारी का प्रबंधन करने में सक्षम बनाती है। इसमें सभी स्वास्थ्य डेटा, प्रयोगशाला रिपोर्ट, उपचार विवरण, एक या एक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं में छुट्टी से लेकर रिकॉर्ड देखना शामिल है। मिशन ‘इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (ईएमआर) बनाएगा, जैसा कि सरकार द्वारा समझाया गया है, एक मरीज के चार्ट का एक डिजिटल संस्करण है। इसमें मरीज की बीमारी और इलाज की सारी जानकारी होती है। इस स्वास्थ्य खाते में हर परीक्षण, हर बीमारी, डॉक्टरों का दौरा, दवाएं ली जाती हैं और निदान का विवरण होगा।
Also Read : Ayushman Bharat Digital Mission launched, हर नागरिक की होगी यूनिक आईडी
आप किसी भी सार्वजनिक अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़े हेल्थकेयर प्रोवाइडर के पास जाकर हेल्थ कार्ड बना सकते हैं। आप स्वयं भी आॅनलाइन अपना हेल्थ आईडी बना सकते हैं। इसके लिए आपको सरकार की वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करना होगा।
इस मिशन में 4 आवश्यक ब्लॉक शामिल हैं – अद्वितीय डिजिटल स्वास्थ्य आईडी, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर रजिस्ट्री, स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड।योजना का पहला उद्देश्य इन चार ब्लॉक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा के लिए एक डिजिटल वातावरण बनाना है। सरकार के अनुसार, हेल्थ सेवा प्रदाताओं में किसी व्यक्ति की पहचान की प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी महत्वपूर्ण है। हेल्थ आईडी का उपयोग विशिष्ट रूप से व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें प्रमाणित करने और उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को कई प्रणालियों और हितधारकों में फैलाने के लिए किया जाएगा।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.