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सिद्धू मूसेवाला और 11 पंजाबी सिंगर जो कम उम्र में छोड़ गए दुनिया

India News Desk • LAST UPDATED : May 29, 2022, 11:36 pm IST
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सिद्धू मूसेवाला और 11 पंजाबी सिंगर जो कम उम्र में छोड़ गए दुनिया

सिद्धू मूसेवाला और 11 पंजाबी सिंगर जो कम उम्र में छोड़ गए दुनिया

इंडिया न्यूज, Sidhu Moose Wala

पंजाब (punjab) भारत का एक बहुत ही अच्छी जान-पहचान रखने वाला ऐसा राज्य है जोकि भारत-पाकिस्तान के अलग होने से पहले ही एक मजबूत पहचान रखता है। पंजाब की बहुत सी बातें प्रसिद्ध हैं जिनमें पंजाबी म्यूजिक (Punjabi Music) ने भी बहुत ही प्रसिद्धी प्राप्त की है। पंजाबी गाने (punjabi songs) पंजाब ही नहीं, बल्कि इसके आसपास के राज्यों में भी प्रसिद्ध हैं। पंजाबी गाने इतने पसंद किए जाते हैं कि इनको बालीवुड मूवीज में शामिल किया जाता है इसलिए पंजाबी सिंगर (punjabi singer) अपने म्यूजिक, गाने की शैली, डांस इत्यादि से विशेष पहचान रखते हैं। पंजाबी गानों के साथ-साथ इनके सिंगर्स ने भी विशेष पहचान बनाई है।

इस लेख में हम आपको ऐसे पंजाबी सिंगर्स के बारे में बताएंगे जो अपने गीतों, डांस और एक्टिंग की वजह से प्रसिद्ध तो हुए लेकिन बहुत कम उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। ये वे गायक हैं जिनका जीवन काल तो बहुत छोटा रहा लेकिन इसमें ही वह एक विशाल जीवन जी गए।

उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर अनगिनत प्रशंसकों का स्नेह प्राप्त किया। उन्होंने सामूहिक रूप से पंजाबी संगीत का इतिहास और भविष्य लिख दिया। वे वर्तमान के और आने वाले कई कलाकारों के लिए प्रेरणा और रोल माडल हैं। वे चले गए लेकिन उनकी अनुपस्थिति का शून्य कभी भी पूरा नहीं किया जा सकेगा। ये सिंगर आज भी अपनी पहचान लोगों के दिलों में कायम रखे हुए हैं। यह हैं वह पंजाबी सिंगर जोकि बहुत जल्द इस दुनिया को छोड़कर चले गए…

अमर सिंह चमकीला (1988 में निधन)

21 जुलाई, 1960 को जन्मे अमर सिंह चमकिला काम नाम उन कलाकारों में से एक है जिनकी मौत आज भी एक रहस्य बनी हुई है। चमकिला की 28 साल की उम्र में ही, उनकी पत्नी अमरजोत और बैंड के 2 अन्य सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।

चमकिला ने बाबा तेरा ननकाना, जट दी दुश्मनी, तलवार मैं कलगीदार दी जैसे कई लोकप्रिय गीत इंडस्ट्री को दिए। चमकिला अपनी आवाज, गीत, रचना और संगीत उत्कृष्टता के लिए जाने जाते थे। वह पंजाबी संगीत उद्योग के अब तक के सर्वश्रेष्ठ लाइव कलाकार थे।

दिलशाद अख्तर (1996 में निधन)

1966 में जन्मे दिलशाद अख्तर पंजाब के कोटकपुरा के एक छोटे से गांव के निवासी थे। वर्ष 1996 में एक कार्यक्रम के दौरान एक शख्स ने उनसे प्रसिद्ध पंजाबी गायक हंसराज हंस का गाना ‘नची जो साडे नाल…’ गाने को दिया लेकिन दिलशाद ने इसे गाने से मना कर दिया क्योंकि यह गीत उनका गाया हुआ नहीं था और यह दूसरे गायक का था।

दिलशाद के ऐसा करने से मना करने पर उक्त शख्स नाराज हो गया और उसने एक बाडीगार्ड से बंदूक छीनकर दिलशाद को गोली मार दी जिससे दिलशाद की मौके पर ही मौत हो गई थी। उस समय वह करीब 29 साल के थे।

दिवंगत गायक मनप्रीत अख्तर उनकी बहन थीं। अपने भाई के नक्शे-कदम पर चलते हुए उन्होंने भी इंडस्ट्री बड़ा नाम हासिल किया। उन्होंने कांवां वे सुन कांवां, मन विच वासना ऐ उनकी हिट फिल्में हैं।

सुरजीत सिंह बिंदरखिया (2003 में निधन)

15 अप्रैल, 1962 को रूपनगर में जन्मे सुरजीत सिंह बिंदरखिया पंजाबी सिंगर्स की दुनिया में ऐसा नाम है जिसने पंजाब के साथ आसपास के राज्यों के लोगों को भी अपने गीतों की धुनों पर नाचने पर मजबूर कर दिया था।

दुपट्टा तेरा सतरंग दा, तेरा यार बोल्दा, नी तू जट्ट नू पसंद उनके ऐसे गीत हैं जो आज तक पूरे पंजाब को नृत्य करने के लिए मजबूर कर देते हैं। पंजाबी लोक संगीत के दिग्गजों में से एक सुरजीत बिंदरखिया अपनी अनूठी आवाज और हेख (एक लंबी एक सांस में हुंकार की तरह) के लिए जाने जाते थे।

बिंदरखिया के अंतिम दिनों में उनके गिरते स्वास्थ्य की खबरें हर तरफ फैल रही थीं। सुरजीत सिंह बिंदरखिया की 17 नवंबर 2003 को मोहाली के फेज-7 में उनके घर पर कार्डियक अरेस्ट से मृत्यु हो गई थी। उस समय वे करीब 41 वर्ष के थे।

सोनी पाबला (2006 में निधन)

29 जून, 1976 को जन्मे सोनी पाबला वह गायक हैं जिन्होंने गल दिल दी, हीरे और अन्य जैसे प्रतिष्ठित गानों से धूम मचा दी। सोनी अपने समय के बहुत ही प्रसिद्ध गायक थे।

सोनी वर्ष 1990 में कनाडा चले गए तो वहां उन्होंने संगीत से परिचित हो इसे ही अपना पेशा बना लिया। वर्ष 2006 में करीब 30 साल की उम्र में वह ओंटारियो में प्रदर्शन के दौरान एक कार्यक्रम में गिर गए।

वहां पैरामेडिकल टीम ने उनकी मदद करने की कोशिश की लेकिन अस्पताल ले जाते समय ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उसी वर्ष उनके दोस्तों ने उन्हें ‘एटरनिटी’ एल्बम के माध्यम से श्रद्धांजलि भी दी थी।

कुलविंदर ढिल्लों (2006 में निधन)

1975 में जन्मे कुलविंदर ढिल्लों ने अपनी बहुत ही सुपरहिट एल्बम कचेरियन च मेले लगदे से डेब्यू किया था। उनके बोलिया गाने को दर्शकों का बहुत स्रेह मिला था।

कुलविंदर ढिल्लों की वर्ष 2006 में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। कथित तौर पर वह अपने दोस्त बलजिंदर बिल्ला के साथ यात्रा कर रहे थे। उनकी कार अचानक अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गई। मृत्यु के समय कुलविंदर ढिल्लों केवल 30 वर्ष के थे।

इश्मीत सिंह (2008 में निधन)

2 सितंबर, 1988 को जन्मे रियलिटी सिंगिंग शो अमूल स्टार वायस आफ इंडिया के विजेता इश्मीत सिंह पंजाब के लुधियाना के निवासी थे। एक निजी चैनल के शो के अलावा उन्होंने जो जीता वही सुपरस्टार में भी हिस्सा लिया था। उनका पहला एलबम धार्मिक था जिसका शीर्षक था सतगुरु तुम्हारे काज सवारे।

उनकी मौत का रहस्य आज भी अनसुलझा है। वह एक संगीत कार्यक्रम के लिए मालदीव गए थे जहां वह एक स्वीमिंग पूल में डूब गए। रिपोर्ट्स के अनुसार इश्मीत सिंह के सिर में चोट आई थी जिससे डूबने का शक हुआ था। दाह संस्कार के समय उनकी आयु करीब 19 वर्ष थी।

कुली राल (2012 में निधन)

5 जून, 1977 को जन्मे कुलदीप राल को उनके लोकप्रिय नाम कुली से जाना जाता है। वर्ष 2011 में उन्हें ब्रेन ट्यूमर का पता चला तो उन्होंने कई रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी करवाई लेकिन साल 2012 में ही वह दुनिया छोड़कर चले गए।

उनके गाने सिंह इज किंग, शेरां दी कौम पंजाबी सालों तक म्यूजिक चार्ट पर छाए रहे। वह उन 3 भाइयों में से एक थे जिन्होंने आरडीबी (रिदम ढोल बास) समूह की स्थापना की थी।

उनके निधन के बाद ही आरडीबी को समाप्त कर दिया गया था क्योंकि सभी सदस्य अलग-अलग स्थानांतरित होने के लिए इससे अलग हो गए थे। एक अंतरराष्ट्रीय भांगड़ा समूह और कुली की बहन ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष भी गीत गाया था।

सुखराज औजला (2013 में निधन)

2 जनवरी, 1968 को जन्म लेने वाले सुखराज औजला एक लोक गायक थे और उन्होंने निमि निमि तारियां दी लो, रंगली मधानी जैसे गीतों से सफलता हासिल की थी।

सुखराज की मौत भी वर्ष 2013 में सड़क दुर्घटना में हो गई थी। बताया जाता है कि जब वह अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहे थे, तब उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी कार का स्टेयरिंग जाम होने से उन्होंने कार से नियंत्रण खो दिया थी।

धर्मप्रीत (2015 में निधन)

9 जुलाई, 1973 को पंजाब के एक शहर बिलासपुर में जन्म लेने वाले पंजाबी उदास गीतों के राजा धर्मप्रीत वर्ष 1993 में पंजाबी संगीत उद्योग में शामिल हुए तो उनके एलबम दिल नाल खेड रही, अज्ज साडा दिल तोर ता, आइना कदे वी नी रोया’ ने उन्हें प्रसिद्ध कर दिया। धर्मप्रीत ने 8 जून, 2015 को अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी।

राज बराड़ (2016 में निधन)

3 जनवरी, 1972 को पंजाब के मोगा में जन्मे राज बराड़ एक पालीवुड गायक, अभिनेता, गीतकार और निर्देशक थे। सरहार, सहेली, गुनाहगार जैसे गाने उनके ही प्रोजेक्ट हैं। अगर उनके अभिनय करियर की बात की जाए तो वह जवानी जिंदाबाद, जट्ट इन मूड नामक फिल्मों में एक पुलिसकर्मी थे। उन्होंने अपने निधन से पहले आम आदमी फिल्म की शूटिंग पूरी की थी। उनका निधन वर्ष 2016 में हो गया था।

दिलजान (2021 में निधन)

31 जुलाई, 1990 को पंजाब के जालंधर में जन्मे दिलजान एक उभरते हुए पंजाबी गायक थे जोकि सुर क्षेत्र और आवाज पंजाब दी में एक प्रतियोगी के रूप में सुर्खियों में आ गए थे।

उन्होंने आधा पिंड, यारां दी गल, दूर करके, हर पल, फर्स्ट लव आदि कई प्रसिद्ध गाने गाए। 30 मार्च, 2021 को अमृतसर के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में वह इस दुनिया को छोड़ कर चले गए।

सिद्धू मूसेवाला (2022 में निधन)

1993 में पंजाब के मानसा में जन्मे शुभदीप सिंह सिद्धू ने सिद्धू मूसेवाला (sidhu moose wala) के नाम से प्रसिद्धि हासिल की, वह जगजाहिर है। उन्होंने पंजाबी सिंगर, रेपर, एक्टर और एक राजनीतिज्ञ के रूप में पहचान बनाई।

उनके गीत युवाओं में जोश भर देते थे। उनके गाए गए कुछ गीतों को लेकर उन पर कुछ आरोप लगाकर गीतों पर प्रतिबंध लगाने की बात भी उठी थी।

उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर मानसा से चुनाव भी लड़ा था। 29 मई, 2022 को करीब 28 साल की उम्र में मानसा में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई।

यह भी पढ़ें : Sidhu Moose Wala 2022 Quotes

यह भी पढ़ें : 2022 में सिद्धू मूसेवाला और दीप सिद्धू ने कहा दुनिया को अलविदा

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