पवन शर्मा, Haryana News। Haryana Rajya Sabha Elections: राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछने लगी है। हरियाणा में निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) ने कांग्रेस (Congress) के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग (Congress Fears Cross Voting) का भय बुरी तरह सताने लगा है। यही कारण है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों की बाड़ाबंदी शुरू कर दी है। हालत यह है कि कांग्रेस अपनी पार्टी के विधायकों को सैर पर भेजने की तैयारी में है।
वहीं कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) के बाद कैप्टन अजय यादव (Captain Ajay Yadav) के सैलजा (Selja) के पक्ष में बोलने पर भी कांग्रेस का भय बढ़ा दिया है। उनके बेटे चिरंजिव राव (chiranjeev rao) रेवाड़ी से कांग्रेस के विधायक (Congress MLAs) हैं। कल तक कांग्रेस में फ्री हैंड मांगने वाले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) को विनोद शर्मा (Vinod Sharma) के एक दांव ने फंसा के रख दिया है।
प्रदेश की राजनीति में हमेशा से चाणक्य की भूमिका में रहने वाले पंडित विनोद शर्मा (Vinod Sharma) ने अंबाला मेयर चुनावों में अपना जलवा दिखाने के बाद अब राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha Elections) में भी कांग्रेस के साथ दो दो हाथ करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने नामांकन के बाद जिस तरह से जीत का दावा किया है उससे साफ संकेत है कि प्रदेश की राजनीति में जल्द ही भूचाल आने वाला है।
अपने छोटे बेटे कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) को जिस दमदार तरीके से राज्यसभा चुनाव में उन्होंने उतारा है उससे कांग्रेस की नींद हराम हो गई। प्रदेश की राजनीति पर पारखी नजर रखने वाले जानकार लोगों का मानना है कि सारी बिसात बिछाने के बाद ही विनोद शर्मा (Vinod Sharma) ने कार्तिकेय को मैदान में उतारा है।
विनोद शर्मा (Vinod Sharma) ने लंबे समय कांग्रेस में रहकर राजनीति की है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कईं विधायकों के साथ अब भी उनकी गहरी दोस्ती है।
इसके अलावा इस बात को कांग्रेस (Congress) के छोटे से बड़े तक के नेता मानते हैं कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) का भी अंदर खाने विधायकों में पूरा विरोध है। ऐसे में लगभग तीन से चार विधायक क्या गुल खिलाएंगे किसी को अंदाजा नहीं है। खास बात यह है कि 6 साल पहले भी कांग्रेस के विधायक स्याही कांड करके अपनी पार्टी के समर्थित उम्मीदवार को हरा चुके हैं।
जैसे ही कार्तिकेय (Kartikeya Sharma) मैदान में उतरे तभी से अजय माकन भी परेशान बताए जा रहे हैंं। कांग्रेस के अपने विधायक अंदरखाने माकन को बाहरी प्रत्याशी बताकर विरोध जता चुके हैं। इसके अलावा कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत का साथ मिला हुआ है। दोनों की जोड़ी युवा निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ दूसरी पार्टी के युवाओं को भी अपनी और खिंच रहे हैं।
लगभग सभी निर्दलीय विधायकों ने कार्तिकेय (Kartikeya Sharma) का साथ देने की हामी की है। हरियाणा हो चाहे राजस्थान दोनों ही जगह कांग्रेस का सार गणित दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने भाजपा (BJP) की मदद से बिगाड़ के रख दिया है। परिणाम जो भी होगा मगर इतना तय है कि कांग्रेस के नेता दस जून तक चैन की नींद नहीं सो सकेंगे।
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