इंडिया न्यूज़, National News: रघु गुजरात का रहने वाला शख्स हैं जो अपनी आर्थिक स्तिथि को ठीक करने दिल्ली आया था। उसे नौकरी की तलाश थी लेकिन उससे पहले ही किसी ने उसका पर्स और कीमती सामान चोरी कर लिया। इसके बाद लाचार रघु नई दिल्ली के गुरुद्वारा पहुंच गया। वहां पर वह काम करने लगा और 4 दिनों तक वहीं पर रहा।
इसी दौरान उसकी मुलाकात राजू नाम के एक शख्स से हुई। राजू जल्द समझ गया कि रघु के पास बिल्कुल भी पैसे नहीं हैं। इसके बाद राजू ने रघु को काफी बार कहा की अगर वह किडनी दे देगा तो उसे पैसे भी मिलेंगे। उसकी साडी समस्या का हल भी हो जायेगा। रघु ने बताया, उसने शुरुआत में तो मना कर दिया, लेकिन राजू उसे हर दिन यह कहता कि वह किडनी देना एक अच्छा काम है। किसी एक शख्स की जान भी बचेगी और पैसे भी मिलेंगे। शरीर पर कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा। राजू को इतने बार बोलने पर रघु मान गया।
13 मई
इसके बाद वे दोनों विपिन नाम के शख्स से मिले। विपिन इस काले व्यापार का दलाल था। वह उन्हें पश्चिमी बिहार के एक फ्लैट पर लेकर गया जहाँ उन्हें ओर डोनर मिले इसके बाद 13 मई को रघु को सोनीपत गोहाना के एक नर्सिंग होम में लेकर जाया गया। जहाँ उनका ट्रांसप्लांट होना था।
पुलिस ने पकड़ा पूरा गैंग
रघु के मुताबिक, शनिवार शाम को उसे नर्सिंग होम में लाया गया था। जहाँ उसका ओप्रशन हुआ। ओप्रशन करने वाले डॉक्टर शनिवार को वह पहुंचे थे। ऑपरेशन के बाद उसके पेट में बहुत दर्द हो रहा था और 3 दिनों बाद उसे वापस दिल्ली शिफ्ट किया गया। वहां पर उसे 2 लाख दिए गए और कहा गया कि बाकी की रकम टांके कटने के बाद मिलेगी। टांके काटने के बाद उसे एक लाख 20 हजार और दिए गए। उसके वह पहुँचते ही वह पुलिस आ गई।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक डॉक्टर समेत कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया हैं। गैंग का लीडर कुलदीप था। सूत्रों की मानें तो ओटी टेक्नीशियन कुलदीप डॉक्टर्स के साथ ट्रांसप्लांट में साथ रहता था।
पुलिस के मुताबिक, ये लोग 30 लाख में किडनी का सौदा करते थे। जिसमे से एजेंट्स को 30 हजार मिलते, डॉक्टर को 3 लाख, लैब टेक्नीशियन को 40 हजार मिलते। कुछ पैसे ये पीड़ित को रखने और टेस्ट में खर्च करते, जबकि बाकी की धनराशि दोनों के पास जाती थी। जबकि डोनर को महज 2 से 4 लाख रुपए ही मिलते थे।
आरोपियों की हुई पहचान
सरबजीत और शैलेष: नए पीड़ितों को बेहला फुसला कर ये काम करवाते थे।
मोहम्मद लतीफ (24 साल): ट्रांसप्लांट के पहले टेस्ट करवाता थाओर ये एक लैब में काम करता था।
विकास (24 साल): डोनर के रहने की व्यवस्था यही करता था।रंजीत की मदद से ये डोनर को गोहाना भी पहुँचता था।
रंजीत (43 साल): ये डोनर का पश्चिम विहार के फ्लैट में ध्यान रखता था और डोनर को साथ लेकर गोहाना जाता था।
डॉक्टर सोनू रोहिल्ला (38 साल): ये शख्स खुद को डॉक्टर बताता था।
डॉक्टर सौरभ मित्तल (37 साल): एंड्रोलॉजिस्ट डॉक्टर मित्तल ट्रांसप्लांट में मदद करता था।
कुलदीप विश्वकर्मा (46 साल), ओम प्रकाश (48 साल), मनोज तिवारी (36 साल): ये भी अवैध ट्रांसप्लांट के ओप्रशन में मौजूद रहता था।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.