पवन शर्मा, Chandigarh News। Rajya Sabha Elections : हरियाणा के 56 साल के इतिहास के सबसे रोचक चुनाव में केवल 24 घंटे बचे हैं। माना जा रहा है कि 10 जून को हरियाणा (Haryana) में एक और इतिहास बनने जा रहा है। वैसे तो हरियाणा की धरती पर कई सियासी दिग्गजों ने अनूठे कारनामे किए हैं, लेकिन इस बार राज्यसभा (Rajya Sabha Elections) को लेकर जो हो रहा है वह अपने आप में बहुत ही रोचक होगा।
लोगों का कहना कि राज्यसभा की सीट पर कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय नेता अजय माकन (Ajay maken) को युवा तुर्क कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) जबरदस्त पटखनी देने जा रहे हैं। इस बात के संकेत हरियाणा के वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम (MLA Ramkumar Gautam) ने भी दे दिए हैं।
नारनौल से विधायक राम कुमार गौतम (MLA Ramkumar Gautam) ने बुधवार को साफ कहा की विनोद शर्मा (Vinod Sharma) ने प्रदेश के पिछड़े वर्गों के साथ-साथ ब्राह्मणों को जो आरक्षण दिलवाया था वह अपने आप में अनूठा उदाहरण था। इसलिए जिसकी सोच गरीबों पिछड़ों की भलाई की है उस पूर्व मंत्री विनोद शर्मा (Vinod Sharma) के बेटे कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) को अपना मत देना चाहिए। सियासी लोगों का मानना है कि राम कुमार गौतम के साथ-साथ कई कांग्रेस के विधायक कार्तिकेय को वोट देने का मन बना चुके हैं। जिससे प्रदेश में 10 जून को नया सियासी तूफान आना तय माना जा रहा है।
पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली (Devendra Babli) ने बुधवार को देर शाम निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (MLA Balraj Kundu) से मुलाकात कर राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) में उनको निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट डालने की अपील की। मिली जानकारी अनुसार उन्होंने कुंडू से मुद्दे पर लंबी बातचीत की। वहीं कुंडू की तरह से मामले को लेकर पत्ते नहीं खोले।
दूसरी तरफ ये भी सामने आया है कि कांग्रेस (Congress) के नेता संपर्क में हैं लेकिन उनकी बात नहीं बन रही। भाजपा और सहयोगी जन नायक जनता पार्टी (JJP) के विधायक निरंतर बलराज कुंडू (Balraj Kundu) से कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) के पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे हैं।
कार्तिकेय (Kartikeya Sharma) के चुनाव मैदान में उतरते ही कांग्रेसियों के हलक तो पहले ही सूख गए थे लेकिन जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। स्थिति यहां तक आ गई है कि कांग्रेसी (Congress) खेमे में ही 50 प्रतिशत फूट के आसार हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करीब 4-5 रोज से सभी कांग्रेसी विधायक राज्य से दर बदर हैं और उनको ऐसे राज्य में ठहराया गया है जहां कांग्रेस की सत्ता है।
कांग्रेस में इतनी भी हिम्मत नहीं हो पाई कि किसी आसपास के राज्य में इनको ठहराया जा सके। क्योंकि छतीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस की सत्ता होने के कारण पूरी सुरक्षा, सरकारी अमला इन विधायकों को एक तरह से कैदी बनाकर रखे हुए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेसी आलाकमान कार्तिकेय शर्मा से कितनी डर गई है।
जजपा (JJP), निर्दलीय व भाजपा (BJP) कार्तिकेय शर्मा को पहले ही समर्थन दे चुके हैं जबकि कांग्रेस (Congress) में बड़ी फूट कार्तिकेय शर्मा का मार्ग प्रशस्त किए हुए है। देखा जाए तो इसमें कार्तिकेय शर्मा के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री व दमदार राजनीति के हर फन में माहिर विनोद शर्मा की मेहनत भी पूरी तरह से काम आ रही है।
विनोद शर्मा (Vinod Sharma) एक बड़ी सोच वाले नेता हैं। ये वही विनोद शर्मा है जिन्होंने सबसे पहले आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने की मांग उठाई थी। शर्मा ने ही शिक्षा नीति में बदलाव की और नौकरी में इंटरव्यू खत्म करने का मुद्दा भी सबसे पहले उठाया था। उनकी कई बातों पर राष्ट्रीय स्तर तक अमल हुआ है। शर्मा (Vinod Sharma) का व्यवहार न केवल खुद की पार्टी के लोगों से बल्कि दूसरे नेताओं से भी बहुत अच्छा है। शर्मा को आजकल की नई पीढ़ी के नेता आदर्श मानकर काम करते हैं।
यही कारण है कि उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) में भी राजनीति के गुण अलग ही आए हैं। वह पीड़ित, मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म मानकर काम करते हैं। लोगों का मानना है कि नर में नारायण देखने वाली नीति इस परिवार में रही है। धनबल से संपन्न यह परिवार समाज सेवा में कभी पीछे नहीं रहता। इसीलिए यही कारण है कि जजपा, भाजपा व निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ कांग्रेसी विधायक भी इनको वोट देने के लिए आतुर है।
बड़ी बात यह भी है कि अजय माकन (Ajay Maken) दूसरे प्रदेश से हैं। उनको तुनक मिजाज नेता भी माना जाता है। कांग्रेस के विधायकों से कभी सीधे मुंह बात तक नहीं की। ऐसे कई कारणों के चलते उनकी हेकड़ी संभवत कांग्रेस के 50 प्रतिशत विधायक निकालने के मूड में हैं।
माना जा रहा है कि कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) 15 से 17 वोट ज्यादा लेकर जीत हासिल करेंगे। कांग्रेसी खेमे में अभी तक मान मनुहार का दौर चल रहा है। ऐसे में अब चुनाव का एक दिन शेष रहते लगता नहीं कि कांग्रेस अपने रूठे को मना पाएगी। क्योंकि मनाने का प्रयास हरियाणा से दिल्ली तक हो चुका है। बड़े-बड़े नेता इन से जाकर मिल चुके हैं लेकिन विधायक अपने मन की बात कुटिल हंसी में टाल रहे हैं।
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