इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, Northeast Weather Update: मेघालय और असम में बारिश का कहर अभी थमा नहीं है। पूर्वोत्तर के असम व मेघालय की स्थिति बाढ़ और भूस्खलन से बदहाल है। बर्षाजनित हादसों में मेघायल में 19 और असम में अब तब 12 लोगों की मौत हो चुकी है। असम के 28 जिलों में 19 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसी के साथ इस राज्य में करीब एक लाख लोग राहत शिविरों में हैं। इधर उत्तर भारत के भी पंजाब-हरियाणा व पहाड़ों सहित ज्यादातर राज्यों में रोज बारिश हो रही है जिससे इस क्षेत्र के लोगों को कुछ दिन से पड़ रही भीषण गर्मी से राहत मिली है।
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी बारिश व बाढ़ के कारण जनजीवन बुरी तरह बाधित हो गया। शहर में मात्र छह घंटे में 145 मिमी बारिश दर्ज की गई। गत 60 वर्ष में अगरतला में यह तीसरी सर्वाधिक बारिश है। राज्य में कई जगह अचानक आई बाढ़ को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थान बंद करने पड़े हैं। यहां उपचुनाव का प्रचार भी रोक दिया गया है।
मेघालय के मौसिनराम और चिरापूंजी में 1940 के बाद सर्वाधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को 24 घंटों में मौसिनराम में 1003.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे पहले 16 जून 1995 को यहां 1563.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। पांच जून 1956 को इस इलाके में 973.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। मेघायल के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 122 साल में केवल तीन बार इतना पानी गिरा है।
असम के करीब तीन हजार गांव बाढ़ से प्रभावित हुए और 43 हजार से ज्यादा खेत बर्बाद हो गए हैं। कई इलाकों में ब्रह्मपुत्र, गौरांग सहित अधिकतर नदिया खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। राज्य सरकार की ओर से भूस्खलन और बाढ़ में फंसे लोगों के लिए गुवाहाटी व सिल्चर के बीच उड़ानों की भी व्यवस्था की गई है। दक्षिण असम त्रिपुरा और मिजोरम को जोड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा भूस्खलन के कारण बह गया है, जिस कारण एहतियातन सड़क को बंद कर दिया गया है।
असम में होजई जिले के रायकाटा में एक नाव डूब गई। तीन बच्चे लापता हैं और 21 लोगों को बचा लिया गया है। नाव बाढ़ प्रभावित लोगों को लेकर जा रही थी। तेज बहाव के कारण नाव कोपिली नदी में पलटी और फिर डूब गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात करके बाढ़ का जायजा लिया और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
कश्मीर के मैदानी इलाकों में बारिश हुई है और अमरनाथ यात्रा आरंभ होने से पहले पंजतरणी, पवित्र गुफा व आसपास के इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई है। बालटाल में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ गुफा के नजदीक एक से दो इंच तक बर्फ जमा हुई है। मैदानी इलाकों में भी बारिश से तापमान में गिरावट हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों तक मौसम खराब ही रहेगा।
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