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इंडिया न्यूज, Varanasi News। PM Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 17 हजार करोड़ से ज्यादा की सौगात दी। उन्होंने काशी से जुड़ी 553 करोड़ की 30 परियोजनाओं का जहां लोकार्पण किया वहीं 1220 करोड़ की 13 परियोजनाओं का पीएम ने शिलान्यास किया। पीएम ने एलटी कॉलेज परिसर में सबसे पहले अक्षयपात्र किचन का उद्घाटन किया।
पीएम ने छात्रों से बातचीत की। किचन का निरीक्षण कर खाना बनाने की पूरी प्रक्रिया समझी। इसके बाद वह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचें। मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा कार्यक्रम को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था को विकसित करना होगा। हमे केवल डिग्री धारक युवा तैयार नहीं करने है। हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया।
अखिल भारतीय शिक्षा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज की दुनिया परिणाम के साथ ही प्रमाण भी मांगती है और हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था को इस लिहाज से तैयार करना होगा कि दुनिया हमारी चीजों को स्वीकार करे और उसका लोहा माने। खासतौर पर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, यदि हम आयुर्वेद की बात करें तो भले ही हम उसमें आगे हैं और उससे परिणाम भी मिलते हैं, लेकिन प्रमाण नहीं मिलते हैं। मोदी ने कहा, हमारे पास डेटा बेस होना चाहिए। हम भावनाओं के आधार पर दुनिया नहीं बदल सकते। यही वजह है कि परिणाम के साथ ही प्रमाण की भी जरूरत है, इसलिए यूनिवर्सिटीज को इस पर काम करना चाहिए कि परिणाम हैं तो फिर प्रमाण भी तलाशे जाएं।
समृद्ध देश भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनकी आबादी में बड़ा हिस्सा बुजुर्गों का है। आज हमारा देश युवा है और कभी ऐसा ही दौर यहां भी आ सकता है। क्या दुनिया में अभी से कोई है, जो इस पर काम कर रहा है। पीएम ने कहा कि इस पर हमें सोचना चाहिए। यही भविष्य की सोच है और यह फ्यूचर रेडी विचार ही अच्छी शिक्षा की नींव हैं।
उन्होंने कहा कि यदि हम इस पैटर्न पर काम करें तो फिर मुझे यकीन है कि आने वाले दौर में भारत वैश्विक शिक्षा केंद्र के तौर पर उभर सकता है। इसके लिए हमें अपने एजुकेशन सिस्टम को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक तैयार करना होगा।
मोदी ने कहा कि भारत में जिन चीजों की कल्पना भी नहीं की जाती थी, वह काम हमने किए हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। देश की रफ्तार जब ऐसी हो तो फिर हमें युवाओं को भी खुली उड़ान के लिए ऊर्जा से भरना होगा।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में बच्चों को उनकी प्रतिभा और स्किल के आधार पर तैयार करने पर जोर है। देश में तेजी से आ रहे परिवर्तन के बीच शिक्षा व्यवस्था और उससे जुड़े लोगों की भूमिका अहम है। यूनिवर्सिटी के छात्रों को सोचना होगा कि क्या हम फ्यूचर रेडी हैं। विश्वविद्यालयों में यह जानना जरूरी है कि दुनिया में क्या हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा शिक्षा समागम का आयोजन काशी में किया गया है। यहां का मैं सांसद भी होने के नाते होस्ट भी हूं। मेरा मानना है कि आपको कोई दिक्कत न होगी। यदि कोई कमी रह गई है तो दोष मेरा रहेगा। एक होस्ट के नाते कोई भी आपको असुविधा हो जाए तो उसकी क्षमा पहले मैं मांग ले रहा हूं।
उन्होंने कहा, हमारे उपनिषदों में कहा गया है कि विद्या ही अमरत्व व अमृत तक ले जाती है। काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं कि हमारे यहां मुक्ति का एक मात्र मार्ग विद्या को ही माना गया है। शिक्षा व शोध का विद्या व बोध का इतना बड़ा मंथन सर्व विद्या के केंद्र काशी में होगा तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा।
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