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इंडिया न्यूज, कोलंबो, (Protesters In Sri Lanka): श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन लगातार जारी हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के बाद अब पीएम रनिल विक्रमसिंघे के आवास पर भी कब्जा कर लिया है। देश में जारी बवाल के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे बुधवार को इस्तीफा देने जा रहे हैं।
स्पीकर ने यह जानकारी दी है कि देश में अगले राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा। वहीं, सियासी और आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ता नजर आ रहा है। अब नौबत यहां तक आ गई है कि डॉक्टर मरीजों को बीमार नहीं होने की सलाह दे रहे हैं। देश में जरूरी दवाओं और अन्य आपूर्ति की खासी कमी बतायी जा रही है।
फिलहाल, देश की कमान कार्यवाहक राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे के हाथ में है। उन्होंने देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया है। पश्चिम श्रीलंका में कर्फ्यू लगाया गया है। हंगामे के बीच देश के सरकारी चैनल एसएलआरसी ने भी लाइव टेलीकास्ट बंद कर दिया है।
श्रीलंका ईंधन और भोजन जैसी बुनियादी चीजों के भुगतान के लिए भी पैसों की कमी से जूझ रहा है। इसी बीच दवाओं की किल्लत की भी खबरें है। अब तो ऐसी स्थिति हो गई है कि कुछ डॉक्टर और डोनेशन और फंड जुटाने के लिए सोशल मीडिया का रुख कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश से बाहर रह रहे श्रीलंका के लोगों से मदद की गुहार लगाई है।
राष्ट्रपति गोटबाया ने आज इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है। स्पीकर अभयवर्धने के अनुसार गोटबाया ने जानकारी दी है कि वह आज देर शाम तक इस्तीफा भेज देंगे। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई तक संसद में देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा। देश में लगातार बिगड़ते हालात के बीच विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार ने बताया कि लोग पीएम और राष्ट्रपति दोनों को सरकार से बाहर देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि पीएम इस्तीफा दे दें, क्योंकि हमारे संविधान के अनुसार अगर राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं, तो पीएम कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाएंगे। लोग चाहते हैं कि दोनों चले जाएं। पुलिस ने आंसू गैस के गोलों के जरिए कार्रवाई की है।
जातिक रूपवाहिनी नाम से पहचाने जाने वाले सरकारी न्यूज चैनल श्रीलंका रूपवाहिनी कॉपोर्रेशन ने सीधा प्रसारण बंद कर दिया है। खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने चैनल परिसर को घेर लिया था। इसके बाद यह फैसला लिया गया है।
राष्ट्रपति गोटबाया के देश छोड़कर भागने के बाद नागरिकों का गुस्सा और भड़क गया था। वहीं, इसके बाद जब प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया तो प्रदर्शनकारी और हिंसक हो गए। नाराज भीड़ ने कोलंबों में पीएम आवास को घेर लिया था। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फिलहाल, प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए पीएम आवास में पहुंच गए हैं।
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