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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
संसदीय सचिवालय मानसून सत्र शुरू होने से पहले लगातार पिछले तीन दिन से नए निर्देश जारी कर रहे हैं। अब लोकसभा सचिवालय ने सदन में पोस्टर, पर्चे और तख्तियों पर पाबंदी लगा दी है। गौरतलब है कि इससे पहले कई तरह के शब्दों के इस्तेमाल पर संसद में रोक लगा दी गई है। यानी कई शब्दों को असंसदीय शब्दों की नई सूची डाल दिया गया है। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने कल संसद परिसर में धरने प्रदर्शन पर रोक के आदेश जारी किए थे। अब पोस्टर, पर्चे व तख्तियां बैन कर दी हैं।
पर्चे, पोस्टर व तख्तियों पर रोक को लेकर लोकसभा सचिवालय द्वारा कल जारी एडवाइजरी से विपक्षी और भड़क गए हैं। जानकारी के अनुसार संसद परिसर में धरने प्रदर्शन पर रोक के बाद सदन में हंगामे के आसार को देखते हुए पर्चे, पोस्टर आदि को बैन किया गया है। बता दें कि सदस्य अक्सर संसद परिसर में मौजूद राष्टÑपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष इकट्ठे हो प्रदर्शन करते हैं।
संसद के दोनों सदनों में इसी सप्ताह गुरुवार को असंसदीय माने जाने वाले शब्दों की नई लिस्ट जारी की गई है। विपक्ष के नेता इस पर पहले से नाराज हैं। अब पोस्टर, पर्चे, बैनर व तख्तियों पर रोक से वे और आग बबुला हो गए हैं। बता दें कि पिछले कुछ सत्रों में विपक्षी दलों ने खासकर राज्यसभा में भारी शोर-शराबा किया था। उन्होंने सदन में पर्चे फाड़कर व तख्तियां फेंकी थी। तख्तियां लहराते हुए वे सदन से बाहर चले गए। इससे सदन के कामकाज बुरी तरह बाधित रहा था।
माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने संसद के फरमानों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि क्या तमाशा है। हमारे देश की आत्मा, उसके लोकतंत्र व उसकी आवाज का गला घोंटने का प्रयास कतई सफल नहीं होगा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने संसद परिसर में धरने-प्रदर्शन पर बैन की सूचना के बाद कल इसकी कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि ‘विश्वगुरु का एक और काम, धरना मना है।
संसद की परंपरा के मुताबिक कोई भी प्रश्नावली, प्रकाशित सामग्री, तख्तियां, पर्चे, व बैनर आदि स्पीकर की पूर्व इजाजत बिना सदन में वितरित नहीं किए जा सकते। नियमानुसार ये प्रतिबंधित हैं। इसी के साथ असंसदीय शब्दों की नई लिस्ट में जुमलाजीवी, तानाशाह, भ्रष्टाचार व भ्रष्ट, जैसे कई शब्दों शामिल किया गया है।
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