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इंडिया न्यूज, मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खुद के साथ 19 में से 18 सांसदों का समर्थन होने का दावा किया है। उन्होंने शिवसेना पर दावा करते हुए आज लोकसभा स्पीकर के पास 12 सांसदों की परेड करा दी। शिंदे ने इस नए दांव असे महाराष्ट्र की सियासत में फिर हलचल मच गई है। उधर पूर्व सीएम व शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे बैठक कर रहे हैं। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी भाग ले रहे हैं। महानगरपालिका के अध्यक्षों को भी बैठक में शामिल रहने का निर्देश भेजा गया है। बता दें कि पार्टी के विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ने पिछले माह 29 जून को सीएम पद से इस्तीफा दिया था।
बात दे कि दिल्ली में एकनाथ शिंदे आज गृह मंत्री अमित शाह से मिले और उसके बाद वह सीधे लोकसभा स्पीकर के पास गए। सूत्रों के अनुसार शिंदे अपने गुट के नेताओं को लेकर चुनाव आयोग के पास जाएंगे और वह वहां शिवसेना पर दावा ठोकेंगे। शिवसेना के 12 सांसदों को केंद्र सरकार ने वाई प्लस की सुरक्षा प्रदान की है। सूत्रों का कहना है कि शिवसेना के 19 में से 12 सांसद लोकसभा में अलग गुट का दावा पेश कर सकते हैं। वे आज मंगलवार प्रधानमंत्री से भी मिल सकते हैं।
गौरतलब है कि 20 जुलाई को महाराष्ट्र संकट पर सुनवाई है और अब सभी की निगाहें इस सुनवाई पर हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही शिवसेना की सियासी जंग में नया मोड़ आएगा। बता दें कि शिवसेना के 40 विधायक व मूल पार्टी (उद्धव की शिवसेना) से 13 सांसद अलग हो गए हैं। बागी गुट के नेता व सीएम एकनाथ शिंदे ने विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर दावा किया है कि उनके पास दो तिहाई जनप्रतिनिधि हैं और असली शिवसेना अब उनकी वाली है।
शिवसेना के संविधान के जानकार का कहना है कि एकनाथ शिंदे 13 सांसदों और 40 विधायकों की संख्या के आधार पर शिवसेना व धनुष बाण का दावा नहीं कर सकते। इसके लिए उन्हें कम से कम 250 प्रतिनिधि सदस्यों वाली पार्टी से निर्वाचित होना जरूरी होगा। उन्हें इसके बाद ही चुनाव आयोग की मंजूरी मिलेगी और तभी वे शिवसेना पर दावा करने योग्य होंगे। जानकारों का कहना है कि शिवसेना अध्यक्ष का फैसला अंतिम है, इसलिए भविष्य में बागियों के लिए समय कठिन हो सकता है।
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