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इंडिया न्यूज, गांधीनगर (International Bullion Exchange) : भारत में बिकने वाले सोने का भाव देश में ही तय होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज को लॉन्च कर दिया है। पीएम मोदी ने इस एक्सचेंज को गुजरात की राजधानी गांधीनगर के पास इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में लॉन्च किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरूआत करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के भाव की दिशा भी अब भारत तय करेगा, क्योंकि भारत सोने की खपत करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह बुलियन एक्सचेंज कई ट्रायलों के बाद लांच हुआ है।
बता दें कि फिलहाल लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) द्वारा सोने की कीमत तय की जाती है, जिसके मुताबिक भारत के बुलियन बाजार में सोने की बिक्री होती है। लेकिन अब गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) में आइआइबीएक्स की शुरूआत होने से अब अंतरराष्ट्रीय सटोरियों के कारण भारत में बेवजह सोने के भाव ऊपर-नीचे नहीं हो सकेंगे। दरअसल, आइआइबीएक्स भारत में आयात होने वाले सोने के गेटवे के तौर पर काम करेगा।
देश के केंद्रीय बैंक स्वर्ण भंडार के रूप में बुलियन को रखते हैं। निवेशक भी बुलियन में निवेश करते हैं। बुलियन का मतलब होता है उच्च शुद्धता वाला फिजिकल गोल्ड और सिल्वर। इन कीमती धातुओं को बार, सिल्लियों या सिक्कों के रूप में रखने को बुलियन कहते हैं। बुलियन को लीगल टेंडर के रूप में भी माना जाता है।
जानकारी के मुताबिक 1990 के दशक में भारत में नोमिनेटेड बैंकों और एजेंसियों के माध्यम से सोने के आयात का उदारीकरण किया गया था। इसके बाद पहली बार भारत में योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स के माध्यम से सीधे सोना आयात की अनुमति दी गई। इसके लिए ज्वैलर्स को अब एक मौजूदा ट्रेडिंग मेंबर का ट्रेडिंग पार्टनर या क्लाइंट होना जरूरी होगा। एक्सचेंज ने भौतिक सोने और चांदी की देखभाल के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है।
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