इंडिया न्यूज, Kerala News (Monkeypox First Death) : देशभर में अभी तक कोरोना से मौत की खबरें सामने आ रही थी लेकिन अब मंकीपॉक्स से भी एक मरीज की मौत का समाचार आया है जिसने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है। भारत में केरल में पहले मंकीपॉक्स मरीज की मौत दर्ज की गई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा कि उक्त युवक जो कुछ दिनों पहले संयुक्त अरब अमीरात से केरल आया था और त्रिशूर में उसकी मौत हो गई। ज्ञात रहे कि अभी हाल ही में केरल में तीन मंकीपॉक्स के मरीज मिले थे जिसमें से एक ने दम तोड़ दिया है।
यूएई से लोटा था युवक
जिस मरीज की मौत हुई है वह त्रिशूर के पुन्नियूर का 22 वर्षीय युवक था जोकि यूएई से लौटने के कुछ दिनों बाद त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में दाखिल हुआ था जहां उसने दम तोड़ दिया। ज्ञात रहे कि केरल स्वास्थ्य विभाग ने उनके नमूने अलाप्पुझा में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की केरल इकाई को भेजे थे।
कैसे फैल रहा मंकीपॉक्स
आपको जानकारी दे दें कि मंकीपॉक्स एक ऐसा संक्रामक रोग है, जो संक्रमित स्थानों पर जाने या संक्रमित के संपर्क में आने के कारण फैलता है। सीडीसी की रिपोर्ट के मानें तो उक्त वायरस जानवरों से इंसानों में आया है। अध्ययन में यह भी पता चला कि करीब 95% लोग यौन संबंधों के दौरान एक-दूसरे से संक्रमित हुए हैं।
मंकीपॉक्स के लक्षण
रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस की चपेट में आए व्यक्तियों में बुखार, सुस्ती, मायलागिया सिरदर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन इत्यादि के लक्षण पाए जाते हैं। इस वायरस का प्रकोप अमूमन 2-4 सप्ताह तक रह सकता है। लेकिन कई बार यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। वहीं आपको बता दें कि चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े दाने पड़ना मंकीपॉक्स के मुख्य लक्षणों में से एक है।
इन देशों में मंकीपॉक्स के केस ज्यादा मिले?
यूके, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड, इटली और बेल्जियम में मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले देखने को मिले हैं। सरकार की नई गाइड लाइन के तहत मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारंटाइन रहना होगा। वहीं चेहरे पर तीन लेयर वाला मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें।
घावों को पूरी तरह से ढककर रखें ताकि वायरस अधिक न फैल सके। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में ही रहना होगा। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी है। मंकीपॉक्स के मरीजों की सभी चीजें अलग रखनी होगी।
डब्ल्यूएचओ के वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी का मतलब क्या?
डब्ल्यूएचओ जैसे ही किसी बीमारी को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित करती है, तो इसका मतलब होता है कि वह बीमारी तेजी से दुनिया भर में फैल रही है। ऐसे में भारत में इसकी दस्तक चिंताजनक है। अब भारत या दूसरे देशों के सरकार को इस बीमारी को रोकने के लिए 3 स्टेप में फैसले लेने होंगे।
पहला, बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्रोटोकॉल और कड़ी गाइडलाइ बनाना। दूसरा, लोगों को जागरूक करते हुए बनाई गई गाइडलाइन को कड़ाई से लागू करना। तीसरा, संक्रमित मरीजों की पहचान कर उनका इलाज करना।
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