होम / जानिए भारत के होने वाले मुख्य न्यायादीश उदय उमेश ललित के बारे में

जानिए भारत के होने वाले मुख्य न्यायादीश उदय उमेश ललित के बारे में

Roshan Kumar • LAST UPDATED : August 6, 2022, 11:09 am IST
ADVERTISEMENT
जानिए भारत के होने वाले मुख्य न्यायादीश उदय उमेश ललित के बारे में

जस्टिस उदय उमेश ललित और वर्तमान मुख्य न्यायादीश एनवी रमना.

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): देश के वर्त्तमान मुख्य न्यायादीश एनवी रमना का कार्यकाल 26 अगस्त को खत्म होने वाला है,उस से पहले एनवी रमना ने अपने उत्तराधिकारी और देश के 49वे मुख्य न्यायादीश की सिफारिश चार अगस्त को देश के कानून मंत्रालय को भेज दी है,देश के होने वाले नए मुख्य न्यायादीश उदय उमेश ललित वर्त्तमान में सुप्रीम कोर्ट में दूसरे नंबर के वरिष्ठ जज है.

यू.यू ललित सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले वकील थे,वह भारत के 13वे मुख्य न्यायादीश अरुण कुमार सिकरी के बाद ऐसे दूसरे मुख्य न्यायादीश होंगे जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने और फिर मुख्य न्यायादीश बने,अरुण कुमार सिकरी साल 1971 से अप्रैल 1973 तक भारत के मुख्य न्यायादीश थे,वह साल 1964 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे.

यू.यू ललित 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे,उन्हें आर.एस लोढ़ा की अगुवाई वाली कॉलेजियम की सिफारिश पर देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया था,वह 27 अगस्त से आठ नवंबर तक,73 दिन देश के मुख्य न्यायादीश रहेंगे.

JusticeUULalit

जस्टिस उदय उमेश ललित एक लीडरशिप समिट में दौरान अभिवादन करते हुए.

यू.यू ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को हुआ था,उनके पिता जस्टिस यू.आर ललित बॉम्बे उच्च न्यायालय के जज और फिर सुप्रीम कोर्ट में सीनियर काउंसल के पद कर रहे थे,यू.यू ललित ने वकालत की शुरुआत साल 1983 में बॉम्बे उच्च न्यायालय से की थी,बॉम्बे उच्च न्यायालय में वह दिसंबर 1985 तक रहे.

1986 से 1992 के तक उन्होंने वरिष्ठ वकील और देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल सोली सोराबजी के साथ काम किया था,साल 2004 के अप्रैल महीने में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में वकील नियुक्त किया गया,वकील के रूप में जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ के विशेषज्ञ रहे हैं,उन्हें राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण यानी नालसा का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था,2जी घोटाले के सभी मामलों में ट्रायल चलाने की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें विशेष लोक अभियोजक भी नियुक्त किया था.

जज के रूप में जस्टिस यू.यू ललित के महत्वपूर्ण फैसले-

1.तीन तलाक़ (तलाक-ए-बिद्दत)-तीन तलाक़ की वैधता पर सुनवाई करने वाली संविधान पीठ का हिस्सा जस्टिस ललित थे,उन्होंने इस प्रथा को ख़ारिज करते हुए कहा था कि यह प्रथा संविधान के अनुच्छेद-14 के तहत दिए गए मूल अधिकार का उल्लंघन करता है.

2.अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम-उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजातियों के उत्पीड़न रोकने वाले,1989 के क़ानून का दुरुपयोग रोकने के लिए कई उपायों की व्यवस्था की थी,जस्टिस आदर्श गोयल के साथ मिलकर उन्होंने इस मामले में एफआईआर के पहले होने वाली जांच की प्रक्रिया तय की,इस मामले को काशीनाथ महाजन बनाम महराष्ट्र सरकार के नाम से जाना जाता है,इस पीठ ने गिरफ्तारी के पहले जांच अधिकारी को मंजूरी लेने का आदेश और अग्रिम ज़मानत देने का प्रावधान किया था.

justice uu lalit

जस्टिस ललित ने खुद को अयोध्या मामले से अलग कर लिया था.

3.अनुसूचित जाति दर्जा-जस्टिस ललित ने पूर्व मुख्य न्यायादीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के साथ मिलकर फैसला दिया था कि किसी दूसरे राज्य से आने वाले प्रवासियों को नए राज्य में सिर्फ इसलिए अनुसूचित जाति के तौर पर मान्यता नही दी जा सकती की पहले के राज्य में उनकी जाति को अनुसूचित के रूप में मान्यता मिली हुई थी,इस केस को रंजना कुमारी बनाम उत्तराखंड सरकार के नाम से जाना जाता है.

4.तलाक अवधि-सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ,जिसमे जस्टिस ललित भी थे,यह फैसला दिया था की हिंदू विवाह कानून की धारा 13बी (2) के तहत आपसी सहमति से तलाक़ लेने के लिए छह महीने की प्रतीक्षा अवधि अनिवार्य नहीं है,इस मामले को अमरदीप सिंह बनाम हरवीन कौर के नाम से जाना जाता है.

5.विजय माल्या-जस्टिस ललित ने अदालत की अवमानना के मामले में विजय माल्या को 4 महीने की जेल और 2,000 रुपए का जुर्माना देने का आदेश भी सुनाया था.

कुछ समय पहले जस्टिस ललित ने अदालत की कार्यवाही और पहले शुरू करने का सुझाव दिया था,उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई सुबह 9.30 बजे शुरू करने का सुझाव दिया था,उनका तर्क था की इससे शाम में और चीज़ें करने का वक्त मिल जाएगा,उनका कहना था की यदि बच्चे सुबह सात बजे स्कूल जा सकते हैं,तो जज और वकील नौ बजे सुबह अपना काम क्यों शुरू नहीं कर सकते?

कई सारे मामलो में जस्टिस ललित ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था,जिसमे कुछ बड़े मामले है-

1.याकूब मेनन –जस्टिस ललित ने याकूब मेनन की मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में जिसमे याकूब मेनन को फांसी की सजा सुनाई गई थी उसकी पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था,साल 2014 में यह याचिका दायर की गई थी.

justice u.u lalit

जस्टिस ललित सुप्रीम कोर्ट के अपने साथियो के साथ एक कार्यक्रम में.

2.मालेगांव ब्लास्ट-मालेगांव ब्लास्ट केस से जुड़ी एक याचिका की सुनवाई में जस्टिस ललित ने खुद को अलग कर लिया था,क्योंकि उन्होंने जज बनने से पहले एक आरोपी की पैरवी की थी,यह मामला साल 2015 में आया था.

3.आसाराम बापू-आसाराम बापू पर चल रहे जांच में एक अहम गवाह के लापता होने की मांग करने से जुड़ी याचिका पर उन्होंने खुद को मामले से अलग कर लिया था,यह मामला साल 2016 का है.

4.शिक्षक भर्ती घोटाला-जस्टिस ललित ने साल में 2016 में हरियाणा के शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चैटाला की याचिका पर सुनवाई से भी ख़ुद को अलग कर लिया था.

5.सूर्यनेली रेप केस-सूर्यनेली रेप केस में उन्होंने खुद को सुनवाई से इसलिए अलग कर लिया था कि क्योंकि जज बनने से पहले उन्होंने एक आरोपी कि पैरवी वकील के रूप में कि थी,यह मामला साल 2017 का है.

6.-एजेंसियो की जांचमालेगांव ब्लास्ट केस के एक अभियुक्त की याचिका जिसमें एजेंसियों द्वारा किए गए उत्पीड़न की जांच की मांग की गई थी,जस्टिस ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया था,यह मामला साल 2018 का है.

7.अयोध्या मामला-2019 में अयोध्या मामले पर बनी सांविधानिक पीठ से भी ख़ुद को उन्होंने अलग कर लिया था,क्योंकि बाबरी विध्वंश आपराधिक मामले में साल 1997 में उन्होंने बीजेपी के दिंवंगत नेता कल्याण सिंह की तरफ़ से पैरवी की थी.

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी  छोड़ने  की बड़ी वजह
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
मणिपुर में जल्द होगी शांति! राज्य में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, उपद्रवियों के बुरे दिन शुरू
मणिपुर में जल्द होगी शांति! राज्य में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, उपद्रवियों के बुरे दिन शुरू
जहां पर भी फटेगा परमाणु बम…तबाह हो जाएगा सबकुछ, यहां जाने उस विनाश और उसके प्रभाव के बारे में
जहां पर भी फटेगा परमाणु बम…तबाह हो जाएगा सबकुछ, यहां जाने उस विनाश और उसके प्रभाव के बारे में
उपचुनाव के बाद UP में आया सियासी भूचाल,ओवैसी ने CM  योगी पर लगाया बड़ा आरोप
उपचुनाव के बाद UP में आया सियासी भूचाल,ओवैसी ने CM योगी पर लगाया बड़ा आरोप
ADVERTISEMENT