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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Hindustan Aeronautics Limited) : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड उन्नत और लंबे समय तक चलने वाले ड्रोन पर काम कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य चीन के साथ लगने वाली सीमाओं समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों को फुलप्रूफ बनाने का हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड रणनीतिक आपरेशनों के लिए एआई आधारित उन्नत और लंबे समय तक चलने वाले ड्रोन पर काम कर रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ड्रोन में मिसाइल ले जाने की क्षमता होगी। ये ड्रोन 40 किलोग्राम तक के भार को कही भी ले जा सकेंगे। इस ड्रोन का प्रयोग वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ लगे पहाड़ी क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए किया जाएगा। इसे सशस्त्र बलों की आवश्यकता को देखते हुए विकसित किया जा रहा है।
एचएएल ने अगले वर्ष के मध्य तक मानव रहित एयर वेहिकिल की पहली परीक्षण उड़ान आयोजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परियोजना के पहले चरण में 60 ऐसे प्लेटफार्मों का उत्पादन करने की योजना है। जो लंबे समय तक चलने वाले ड्रोन के आपरेटिंग सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए प्रयोग में लाया जा सकें।
यह सशस्त्र बल आवश्यक आपूर्ति के परिवहन के साथ ही कई उद्देश्यों को पूर्ण करने में सक्षम होगा। इस ड्रोन को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि यह सेंसर, मिसाइल और कई अन्य हथियारों एवं महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों की एक विस्तृत श्रृंखला को ले जाने में सक्षम हो।
एचएएल एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत इजरायली हेरॉन टीपी ड्रोन के उत्पादन की संभावना भी देख रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के साथ वैश्विक आपूर्ति की जरूरत को भी पूरा करना है। मालूम हो कि मध्यम ऊंचाई वाले हेरॉन ड्रोन 35,000 फीट की ऊंचाई पर लगभग 45 घंटे तक काम करने में सक्षम हैं। हेरॉन टीपी ड्रोन एक विस्तारित रेंज के लिए स्वचालित टैक्सी-टेकआफ और लैंडिंग (एटीओएल) सिस्टम से लैस हैं। इनमें उपग्रह संचार सिस्टम भी है। जो अपने आप में पूर्णत: आधुनिक होगा।
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