इंडिया न्यूज़ (दिल्ली): सुप्रीम कोर्ट ने स्वयंभू बाबा आसाराम बापू द्वारा दायर जमानत याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। आसाराम ने अपनी बढ़ती उम्र और ख़राब सेहत का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की थी, आसाराम की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है.
न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और अजय रस्तोगी ने गुजरात सरकार से सात सितम्बर तक जवाब माँगा और सुनवाई की अगली तारीख सात सितम्बर तय की है.
आसाराम पर उनकी एक पूर्व भक्त ने यौन शोषण और जबरन कैद करने का आरोप का लगाया था, पीड़िता ने कहा था की आसाराम ने साल 2001 से 2006 के बीच लगातार उसका यौन शोषण किया जब वह अहमदाबाद में उनके आश्रम में थी.
आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी, गुजरात हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2021 को उसकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी.
इस मामले के अलावा भी आसाराम पर कई मामले चल रहे है। जैसे 2018 में, आसाराम को राजस्थान की एक विशेष अदालत ने अपने आश्रम में एक नाबालिग से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में आसाराम के आश्रम में 1997 से 2006 के बीच रहने वाली सूरत की दो बहनों ने उनके और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर बलात्कार और अवैध रूप से बंधक बनाने का आरोप लगाया गया था.
26 अप्रैल, 2019 को सूरत की एक अदालत ने नारायण साई को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी), और 120-बी (साजिश) के तहत दोषी ठहराया था, उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
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