इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (By Giving Flats To Rohingyas) : रोहिंग्याओं को फ्लैट देने से गृह मंत्रालय ने इनकार करते हुए कहा कि जब तक रोहिंग्या मुस्लमानों को उनके वतन वापसी सुनिश्चित नहीं हो जाती तब तक उन्हें डिटेंशन सेंटर में ही रहना होगा। गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उसने दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर रोहिंग्या मुस्लिमों को फ्लैट देने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया था।
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जब तक रोहिंग्याओं की उनके वतन वापसी निश्चित नहीं हो जाती तब तक दिल्ली सरकार इनके मौजूदा लोकेशन को ही डिटेंशन सेंटर घोषित करे। इसके साथ ही मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि दिल्ली में अवैध विदेशी अभी जहां रह रहे हैं वहां से ये कहीं और न जा पाए, इसकी व्यवस्था की जाए।
दिल्ली सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों को नई जगह शिफ्ट कराने का प्रस्ताव दिया था। जिसे गृह मंत्रालय ने अस्वीकार करते हुए दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिया कि रोहिंग्या मुस्लमान अपनी मौजूदा जगह पर ही रहें। उन्हें कही और जगह स्थानांतरित करना सही नहीं होगा। गृह मंत्रालय ने बताया कि इन रोहिंग्या मुस्लमानों को वापस इनके वतन भेजने के लिए विदेश मंत्रालय के जरिए संबंधित देश से बातचीत कर रही है।
गृह मंत्रालय की ओर बताया गया कि कानून के अनुसार अवैध विदेशियों को इनकी वापसी तक डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाएगा। दिल्ली सरकार ने मौजूदा स्थान पर रह रहे रोहिंग्या मुस्लमानों के लोकेशन को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से रोहिंग्या मुस्लमानों को तत्काल प्रभाव से ऐसा करने का निर्देश दिया है। ताकि इन्हें आसानी से चिह्नित किया जा सकें।
इससे पहले यह बात सामने आयी थी कि गृह मंत्रालय ने रोहिंग्याओं के लिए दिल्ली में आधारभूत सुविधाओं के साथ फ्लैट देने का फैसला किया है। इस मामले के सामने आने पर केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट भी किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की राजधानी में बने ये फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया कि भारत हमेशा अपने देश में आने वालों को शरण देता रहा है।
इसी क्रम में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए एक अहम फैसला लिया गया है। जिसके अनुसार इन शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में बने एहर फ्लैट में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वहां इन्हें आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा इन्हें यूएनएचसीआर आईडीएस और 24 घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा दी जाएगी।
दिल्ली सरकार को निर्देश दिया गया है कि इन फ्लैटों को आधारभूत सुविधाओं से लैस करा दे और इसे एफआरआरओ (फॉरेने रिजनल रजिस्ट्रेशन आफिस) को सौंप दे जो रोहिंग्याओं को इन फ्लैटों में शिफ्ट कराएगा। कोरोना महामारी के दौरान एनडीएमसी ने दिल्ली सरकार को ये फ्लैट संदिग्ध संक्रमितों को आइसोलेट करने के लिए दिया था। इन फ्लैटों में जिन रोहिंग्याओं को लाया जाएगा उनके पास यूएनएचसीआर (यूनाइटेड नेशन हाई कमीश्नर फार रिफ्यूजी) का आईडी होगा और उनके विवरण आन रिकार्ड होंगे।
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