इंडिया न्यूज, कोलकाता, (Cattle And Coal Smuggling)। बंगाल में मवेशी और कोयला तस्करी मामले में बंगाल के सीएम ममता बनर्जी ने गृह मंत्री को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। बंगाल में मवेशी और कोयला तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी और विपक्ष के आरोपों के बीच बनर्जी ने अपनी पार्टी व सरकार का बचाव करते हुए सीधे तौर पर भाजपा व केंद्र सरकार पर हमला बोला।
ममता ने अमित शाह का नाम लिए बिना मवेशी और कोयला तस्करी के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इसे रोकने का दायित्व केंद्र सरकार का है। यह मेरा दायित्व नहीं है। ममता ने कहा कि बीएसएफ व अन्य केंद्रीय बल गृह मंत्री के अधीन हैं। कोयला और मवेशियों की तस्करी रोकने का दायित्व किसका है? उन्होंने कहा कि मवेशी कहां से आते हैं? कभी उत्तर प्रदेश, कभी असम, कभी बिहार, कभी दिल्ली व कभी मध्य प्रदेश से आते है।
एक बार मैंने गाड़ी आना बंद कर दिया था, तो केंद्र ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि कोई भी गाड़ी रोकी नहीं जाएगी। ममता ने कहा कि अभी तो मवेशियों की तस्करी काफी कम हो गई है। मैं तो सिर्फ 11 साल से सत्ता में हूं। उसके पहले क्या हुआ है। केंद्र व मीडिया इसकी भी खबर लें। ममता ने भाजपा पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ समय के लिए लोगों को बेवकूफ बनाया जा सकता है, लेकिन यह हर समय के लिए संभव नहीं हो सकता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तस्करी के सारे पैसे दिल्ली ले जा रहे हैं और दोष हम पर मढ़ा जा रहा है। कितने दिनों तक लोगों को गलत समझाएंगे। जिनका रंग कोयला है, वे ही ज्यादा कोयला-कोयला करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार चाहेगी कि किसी को बदनाम करें, तो इनके लिए एक मिनट लगेगा।
ममता बनर्जी ने इस दौरान मीडिया पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मीडिया बिना सच्चाई जाने तृणमूल कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश नहीं करें, नहीं तो मैं छोडूंगी नहीं। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी को लगातार बदनाम और अपमानित करने का काम किया जा रहा है। ममता ने आगे कहा कि मैं समाज सेवा के लिए राजनीति में आई हूं।
आज जिस प्रकार की घिनौनी राजनीति हो रही है उसे मैं पसंद नहीं करती हूं। आज एक तरह की ब्लैकमेलिंग पालिटिक्स शुरू हो गई है। एक मीडिया में प्रसारित मुख्यमंत्री के परिवार द्वारा कालीघाट में कथित रूप से सरकारी जमीन पर कब्जे के आरोप पर आक्रोशित ममता ने कहा कि मैंने मुख्य सचिव को इसकी जांच की जिम्मेदारी दे दी है। यदि सरकारी जमीन पर कब्जा मिले तो बुलडोजर से उसे ध्वस्त कर दें, इसके लिए हमसे अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं है।
ममता ने आगे कहा कि 12 साल से मैंने बिना वेतन का काम कर रही हूं। आज तक वेतन का एक पैसा भी नहीं लिया है। उन्होंने आगे कहा कि वह सात बार सांसद रही हैं और एक लाख रुपये प्रति माह पेंशन पाती हूं। लेकिन इसके बावजूद वह 12 साल से एक भी पैसा नहीं लिया। मैं मुख्यमंत्री का भी वेतन नहीं लेती हूं। मै राजनीति में वेतन के लिए सेवा भाव से आई हूं लेकिन इसके बावजूद मुझे सफाई देनी पड़ रही है।
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