Indigenous Fighter Aircraft LCA Mark 2 | Approval granted for prototypes
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तेजस के ज्यादा प्रभावी मॉडल के विकास को मंजूरी, राफेल को देगा टक्कर

Vir Singh • LAST UPDATED : September 1, 2022, 3:36 pm IST
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तेजस के ज्यादा प्रभावी मॉडल के विकास को मंजूरी, राफेल को देगा टक्कर

जानकारी देते एयरोनाटिकल डेवेलपमेंट एजेंसी के प्रमुख गिरीश देवधर।

  • जगुआर और मिराज की जगह लेगा स्वदेशी लड़ाकू विमान
  • 2027 तक पूरा होगा नए विमानों का विकास

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Indigenous Fighter Aircraft LCA Mark 2): कैबिनेट कमेटी आन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (एलसीए मार्क 2) के ज्यादा प्रभावी मॉडल के विकास को मंजूरी दे दी है। इसकी कामयाबी को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह बड़ा निर्णय लिया है। अब यह विमान जगुआर और मिराज 2000 व वायु सेना में मिग-29 लड़ाकू विमान का स्थान लेगा। डीआरडीओ के मुताबिक यह विमान एवियोनिक्स और क्षमताओं के मामले में राफेल विमान की श्रेणी का होगा। हालांकि वजन में यह हल्का होगा।

2027 तक पूरा कर लिया जाएगा प्रोजेक्ट : गिरीश देवधर

एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान विकास परियोजना को सरकार की मंजूरी मिलने से एक उन्नत 17.5 टन एकल इंजन विमान विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। एयरोनाटिकल डेवेलपमेंट एजेंसी (एडीए) के प्रमुख गिरीश देवधर ने उक्त जानकारी दी है। उनके मुताबिक सीसीएस ने बुधवार को परियोजना को मंजूरी दी। देवधर ने कहा कि नए विमानों का विकास 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा।

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प्रोटोटाइप के विकास को प्रदान की स्वीकृति

देवधर ने बताया कि परियोजना को एलसीए मार्क 1ए कार्यक्रम में हुई प्रोगे्रस से फायदा मिलेगा। इसी के साथ पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना के विकास को भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि सीसीएस ने प्रोटोटाइप के विकास को अपनी स्वीकृति प्रदान की है। इनमें से पहला एक साल में शुरू होने की संभावना है। यह परियोजना व्यापक उड़ान परीक्षणों व अन्य संबंधित कार्यों के बाद अगले पांच साल यानी 2027 तक पूरी होने वाली है।

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प्रारंभिक विकास चरण के बाद मेड इन इंडिया होने चाहिए इंजन

केंद्र सरकार ने इस बात की भी स्वीकृति दी है कि विमान में इस्तेमाल किए जाने वाले इंजन प्रारंभिक विकास चरण के बाद मेड इन इंडिया होने चाहिए। डीआरडीओ इस नए विमान को जीई-414 इंजन के साथ विकसित करेगा जो जीई-404s का उन्नत संस्करण है। यह मौजूदा एलसीए और 83 एलसीए मार्क 1As को ज्यादातर ताकतवर बनाएगा। अगले कुछ वर्षों में यह भारतीय वायुसेना में शामिल होना शुरू हो जाएगा। मौजूदा समय में 30 एलसीएएस आईएएफ के साथ सेवा में हैं। वहीं दो का उपयोग एचएएल द्वारा मार्क 1As को विकसित करने के लिए किया जा रहा है।

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