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Crime Against Women: देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। महिलाओं को घर से बाहर किसी नई जगह पर जाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है कि जहां पर वह जा रही हैं। वह जगह उनके लिए सेफ है या नहीं। देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध हर रोज बढ़ रहा है। हर रोज जुर्म की एक नहीं कहानी सुनने को मिलती है। क्या हमारा कानून इतना कमजोर है कि घर से महिलाएं बेखौफ नहीं निकल सकती हैं। जब घर से कोई लड़की बाहर निकलती है तो अपनी सेफ्टी को लेकर उसके दिमाग में कई सवाल चलते हैं।
वहीं घरवालों को भी उनकी बच्चियों की चिंता लगी रहती है कि उनकी बेटी आज सही सलामत घर वापस तो आ जाएगी न, ऐसे कई सवाल हैं जब घर से निकलने से पहले लड़कियों और उनके परिजनों के दिमाग में चलते रहते हैं। अब तो हाल इतना खराब होता जा रहा है कि एक लड़की यहां अपनी मर्जी से हां या न भी नहीं बोल सकती है। बीते दिनों जो कुछ भी दुमका में हुआ वो दिल दहला देने वाला था। उस भयावह हादसे से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि देश की राजधानी दिल्ली में भी एक लड़की को न कहने की वजह से, गोली मार दी गई। मतलब, अब लड़कियों को अप्रोच करने वाला ही यह तय करेगा कि लड़की उसे हां बोलेगी या न।
देश में महिलाओं के साथ अपराध के मामले 2020 के मुकाबले 2021 में ज्यादा देखने को मिले हैं। जबकि कई अपराध तो सामने ही नहीं आते हैं, जिनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई जाती है। हाल ही में NCRB यानी कि National Crime Bureau की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसके आकंड़े यह साफ बताते हैं कि महिलाएं देश में कितनी सुरक्षित हैं और कितनी नहीं। दरअसल, NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 के मुकाबले साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचार के मामले ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
एनसीआरबी की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 15.3 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। 2021 में 4 लाख 28 हजार 278 महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पिछले साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराधिक मामले करीब 56 हजार दर्ज किए गए हैं।
वहीं दूसरे नंबर पर राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ 40 हजार 738 अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं।
इसके बाद तीसरे नंबर पर आता है महाराष्ट्र यहां 2021 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के 39 हजार 526 मामले दर्ज किए गए। वहीं, बलात्कार के दर्ज हुए मामलों में राजस्थान देशभर में नंबर वन पर है।
पश्चिम बंगाल 35,884 मामलों के साथ साल 2021 में चौथे स्थान पर है।
वहीं महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में साल 2021 में ओडिशा पांचवे नंबर पर रहा है। यहां महिला अपराध के 31 हजार 352 केस दर्ज किए गए।
अब बात करते हैं साल 2020 की, 2020 में देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3 लाख 71 हजार 503 मामले दर्ज किए गए हैं। 2020 के मुकाबले 2021 में इन आंकड़ों में काफी इजाफा दर्ज किया गया है।
2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराधिक मामले दर्ज किए गए। साल 2020 में उत्तर प्रदेश में कुल 49 हजार 385 मामले दर्ज किए गए थे।
वहीं 2020 में पश्चिम बंगाल दूसरे नंबर पर रहा। जहां महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के 36 हजार 439 मामले दर्ज किए गए।
तीसरे नंबर पर 2020 में राजस्थान रहा, राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के 34 हजार 535 मामले दर्ज किए गए। वहीं, 2021 की तरह 2020 में भी बलात्कार के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए है।
2020 में महिलाओं के साथ हुए अपराधिक मामलों में महाराष्ट्र चौथे स्थान पर था। महाराष्ट्र में 31 हजार 954 मामले दर्ज किए गए थे।
इसके अलावा 25 हजार 640 मामलों के साथ साल 2020 में मध्य प्रदेश पांचवे नंबर पर रहा था।.
2019 में महिलाओं के प्रति हुए अपराध के देश में 4 लाख 5 हजार 326 मामले दर्ज किए गए थे।
हर साल की तरह 2019 में भी उत्तर प्रदेश महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में नंबर वन पर रहा। 2019 में सिर्फ उत्तर प्रदेश में 59 हजार 853 मामले दर्ज किये गए थे।
वहीं महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में साल 2019 में राजस्थान दूसरे नंबर पर रहा। 2019 में राजस्थान में 41 हजार 550 मामले दर्ज किए गए थे।
साल 2019 में महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर रहा। यहां महिलाओं के प्रति हुए अपराध के कुल 37 हजार 144 मामले दर्ज किए गए थे।
चौथे नंबर पर 2019 में असम रहा। यहां पर 2019 में महिलाओं के प्रति हुए अपराध के 30 हजार 25 मामले दर्ज किए गए थे।
2019 में महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में पांचवे नंबर पर पश्चिम बंगाल रहा…. महिलाओं के प्रति अपराधिक मामलों की संख्या यहां 29 हजार 859 दर्ज की गई थी।
देश में साल 2018 में महिलाओं के साथ हुए अपराध के 3 लाख 78 हजार 236 मामले दर्ज किए गए थे।
जिनमें उत्तर प्रदेश नंबर वन पर रहा। 2018 में सिर्फ उत्तर प्रदेश में 59 हजार 445 मामले दर्ज हुए।
वहीं महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में साल 2018 में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर रहा। 2018 में यहां 35,497 मामले दर्ज किए गए।
साल 2018 में पश्चिम बंगाल तीसरे नंम्बर पर रहा। यहां महिलाओं के प्रति हुए अपराध के कुल 30,394 मामले दर्ज किए गए थे।
चौथे नंबर पर 2018 में मध्य प्रदेश रहा। यहां महिलाओं के प्रति अपराध के 28 हजार 942 मामले दर्ज किए गए थे।
2018 में महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में पांचवे नंबर पर राजस्थान रहा। महिलाओं के प्रति अपराधिक मामलों की संख्या यहां 27 हजार 886 दर्ज की गई थी।
2017 में महिलाओं के साथ हुए अपराध के 3 लाख 59 हजार 849 मामले दर्ज किए गए थे।
जिनमें हर साल की तरह उत्तर प्रदेश नंबर वन पर रहा। यूपी में 56 हजार 11 मामले 2017 में दर्ज किए गए थे।
वहीं महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर रहा। यहां 2017 में 31,979 मामले दर्ज किए गए।
वहीं साल 2017 में पश्चिम बंगाल तीसरे नंम्बर पर रहा। यहां महिलाओं के प्रति हुए अपराध के मामले कुल 30,992 दर्ज किए गए।
चौथे नंबर पर मध्य प्रदेश यहां महिलाओं के प्रति साल 2017 में अपराध के 29 हजार 788 मामले दर्ज किए गए थे।
2017 में महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामलों में राजस्थान पांचवे नंबर पर रहा। महिलाओं के प्रति अपराध के दर्ज मामलों की संख्या यहां 2017 में 25 हजार 993 दर्ज की गई थी।
NCRB की रिपोर्ट देखकर आपको इतना तो समझ आ ही गया होगा कि देश में हर साल महिलाओं के खिलाफ अपराध कम होने की जगह लगातार बढ़ता जा रहा है।
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