होम / ईडब्लूएस कोटा: SC में दलील-अगर आरक्षण से बेहतर प्रतिनिधित्व का तरीका मिले तो आरक्षण को अरब सागर में फेंक देंगे

ईडब्लूएस कोटा: SC में दलील-अगर आरक्षण से बेहतर प्रतिनिधित्व का तरीका मिले तो आरक्षण को अरब सागर में फेंक देंगे

Naresh Kumar • LAST UPDATED : September 13, 2022, 11:42 pm IST
ADVERTISEMENT
ईडब्लूएस कोटा: SC में दलील-अगर आरक्षण से बेहतर प्रतिनिधित्व का तरीका मिले तो आरक्षण को अरब सागर में फेंक देंगे

EWS Reservation

इंडिया न्यूज, New Delhi News। EWS Reservation : मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कांस्टीट्यूशन बेंच ने ईडब्लूएस कोटे के संवैधानिक वैधता को लेकर दायर केसेज की सुनवाई की। चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, एस रविंद्र भट, बेला एम त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला की बेंच ने अगले 5 वर्किंग-डे में केस की सुनवाई पूरी करने की बात कही है। इस केस में शिक्षाविद डॉ. मोहन गोपाल ने दलीलें पेश कीं।

पिछड़े वर्ग को नहीं मिल पाता ईडब्लूएस कोटे का लाभ

उन्होंने तर्क दिया कि आरक्षण को वंचित समूह को प्रतिनिधित्व देने का साधन माना जाता रहा है। लेकिन ईडब्ल्यूएस कोटा ने इस कांसेप्ट को पूरी तरह से उलट दिया है। यही नहीं डॉ. मोहन गोपाल ने यह भी कहा कि ईडब्लूएस कोटे का लाभ उच्च वर्ग को मिलता है। लेकिन इससे सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग बाहर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा होने से संविधान की मूल भावना का उल्लंघन होता है, जिसके तहत समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत की बात की गई है।

संशोधन संविधान पर हमला

वहीं इस दौरान डॉ. मोहन गोपाल ने 103वें संशोधन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह संशोधन संविधान पर हमले के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर ईडब्लूएस वास्तव में आर्थिक आरक्षण होता, तो यह जाति के बावजूद गरीब लोगों को दिया जाता। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

103वें संशोधन में पिछड़ा वर्ग ईडब्ल्यूएस कोटा का हकदार नहीं

डॉ. गोपाल ने समझाया कि ईडब्ल्यूएस कोटा लागू होने से पहले जो आरक्षण मौजूद थे, वे जाति-पहचान पर आधारित नहीं थे, बल्कि सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन और प्रतिनिधित्व की कमी पर आधारित थे।

हालांकि, 103वें संशोधन में कहा गया है कि पिछड़े वर्ग ईडब्ल्यूएस कोटा के हकदार नहीं हैं और यह केवल अगड़े वर्गों में गरीबों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कुमारी बनाम केरल राज्य में यह कहा गया था कि सभी वर्ग सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के रूप में शामिल होने के हकदार हैं।

हमें आरक्षण में नहीं, प्रतिनिधित्व में रुचि

दलील पेश करते हुए डॉ. गोपाल ने कहा कि हमें आरक्षण में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम प्रतिनिधित्व में रुचि रखते हैं। अगर कोई आरक्षण से बेहतर प्रतिनिधित्व का तरीका लाता है, तो हम आरक्षण को अरब सागर में फेंक देंगे। उन्होंने बताया कि किसी की भी फाइनेंशियल कंडीशन एक क्षणिक स्थिति है।

यह लॉटरी जीतने या जुआ हारने जैसी किसी एक घटना से बदल सकती है। उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन इसलिए लाया गया ताकि पिछड़ों को शिक्षा और नौकरी में प्रतिनिधित्व मिल सके। इससे उनकी सामाजिक स्थिति और निजी जिंदगी में बदलाव लाया जा सके। डॉ. गोपाल के मुताबिक ईडब्ल्यूएस आरक्षण एक व्यक्ति या एक परिवार की स्थिति पर आधारित है। वहीं एसईबीसी आरक्षण समुदाय की सामाजिक और शैक्षिक स्थिति पर आधारित है।

इन राज्यों का दिया उदाहरण

इसके अलावा डॉ. गोपाल ने कहा कि यह मान लेना एक भ्रम है कि एसईबीसी आरक्षण जाति-आधारित है और इसमें उच्च जातियों को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में, सामाजिक भेदभाव के शिकार कई ब्राह्मण समुदायों को ओबीसी आरक्षण के तहत लाभ दिया गया है। कहा कि अनुच्छेद 15(4) और 15(5) के तहत आरक्षण उन सभी जातियों के लिए है जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं।

हालांकि, अनुच्छेद 15(6), जिसे 103वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया है, विशेष रूप से इसे उन लोगों के लिए बताता है जो एससी/एसटी और एसईबीसी आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछड़े वर्गों का बहिष्कार अवैध है। आप गरीब व्यक्ति को बताते हैं कि आप निचली जाति से होने के कारण हकदार नहीं हैं।

ये भी पढ़ें: बिहार के बेगूसराय में 30 किलोमीटर तक गोलियों की तरतराहट, 1 की मौत, 10 घायल

ये भी पढ़ें: पालपुर राजघराने का दावा: शेरों के लिए दी थी जमीन न की चीतों के लिए, जमीन वापसी के लिए कोर्ट में लगाई याचिका

ये भी पढ़ें: पंजाब के बंगा-फगवाड़ा हाईवे पर भीषण हादसा, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत

ये भी पढ़ें: 16 हजार से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का 12 बिंदुओं पर सर्वे शुरू, 5 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश

ये भी पढ़ें: ममता सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के विरोध में मार्च के दौरान रोकने पर भड़के बीजेपी वर्कर, आगजनी

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
शख्स दोस्तों के साथ मना रहा था अपना Birthday…तभी हुआ कुछ ऐसा भारत में मच गई चीख पुकार, मामला जान नहीं होगा विश्वास
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
अगर आपको है मर्दाना कमजोरी तो करें ये आसान Exercise, छूमंतर हो जाएगी सारी समस्या, वैवाहिक जीवन में मिलेगा चरम सुख
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
पेट भरने वाली रोटी बनी कैंसर की वजह? धीमे-धीमे शरीर में जहर फैलाने का कर रही है काम, रिसर्च ने किया बड़ा खुलासा
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
लालू के बेटे को किया इस शख्स ने मानसिक प्रताड़ित, तेजस्वी ने लगाई पुलिस से एक्शन की गुहार
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
सेब, जूस में मिलावट के बाद अब…केरल से सामने आया दिलदहला देने वाला वीडियो, देखकर खौल जाएगा आपका खून
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी  छोड़ने  की बड़ी वजह
BJP ने शुरू की दिल्ली विधानसभा की तैयारी… पूर्व APP नेता ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, बताई पार्टी छोड़ने की बड़ी वजह
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
शादी समारोह में गया परिवार…फिर घर लौटने पर छाया मातम, जानें पूरा मामला
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
पत्नी को हुए कैंसर के बाद Navjot Singh Sidhu ने दी ऐसी सलाह…बोले- ’10-12 नीम के पत्ते, सेब का सिरका और फिर स्टेज 4 कैंसर छू’
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
शादी के मंडप पर अचानक पहुंची गर्लफ्रेंड… फिर हुआ हाई वोल्टेज फिल्मी ड्रामा
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
ADVERTISEMENT