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अनुलोम-विलोम एक तरह का प्राणायाम है, जिसमे सबसे महत्वपूर्ण श्र्वसन क्रिया को माना जाता है। अनुलोम-विलोम को इंग्लिश में अल्टरनेट नॉस्ट्रिल ब्रीथिंग एक्सरसाइज कहते हैं, जिसमें नाक के एक छिद्र से गहरी सांस लेना और फिर दूसरे छिद्र से धीरे-धीरे सांस छोड़ना होता है। अनुमोल का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नाक का दाहिना छिद्र और विलोम का अर्थ है नाक का बाया छिद्र। अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं तो बायी नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते हैं। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते हैं तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते हैं। अनुलोम-विलोम को ‘नारी शोधक’ भी कहते हैं। व्यक्ति को अनुलोम-विलोम की शुरूआत हमेशा धीरे-धीरे सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने से करनी चाहिए। जब इस प्राणायाम का अभ्यास सहज होने लगे तब इसकी गति थोड़ी थोड़ी करके बढ़ानी होती है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय एक चीज का हमेशा ख्याल रखना चाहिए कि जिस गति से सांस शरीर के अंदर भरे, उसी समान गति से सांस शरीर से बाहर निकलनी चाहिए। अनुलोम-विलोम अभ्यास हर रोज 15 मिनट करने से खून साफ होता है और खून में आॅक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
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