इंडिया न्यूज, नई दिल्ली: कोविड जैसी महामारी से आज देश और दुनिया उबर रही है। लेकिन इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता कि कोविड ने बहुत कुछ बदल दिया है। इनमें से कई बदलाव बेहद सकारात्मक भी हैं। जैसे इन महाशय का यह अनोखा संकल्प। अब तक कई हजार पौधों का रोपण कर चुके यह सज्जन एक लाख वृक्ष लगाने का निर्णय ले चुके हैं। पेशे से इंजीनियर अजय कुमार रजक समाजसेवी होने के साथ-साथ दलित चिंतक भी हैं। अजय कुमार रजक अब तक 5 हजार के लगभग पौधे लगा चुके हैं। वह भी अकेले अपने दम पर बिना किसी के सहयोग के।
जब उनके इस प्रकृति प्रेम के बारे में हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया यह निर्णय मैंने कोविड के दौरान लिया। बहुत से दूसरे लोगों की तरह मैंने भी इस महामारी को झेला। यही नहीं, इस त्रासदी से होने वाली अपूर्णीय क्षति को मैं शायद ही कभी भूला पाऊंगा। जिस समय महामारी दुनिया में तांडव मचा रही थी, उन्हीं लम्हों में मैंने निर्णय लिया था कि बचे हुए जीवन में कुछ ऐसा कार्य अवश्य करूंगा, जिससे आने वाली नस्लों का भला हो सके। यही वजह रही कि कोविड से उभरने के बाद साल 2020 में ही मैंने पौधा रोपण शुरू किया।
इस सवाल के जवाब में अजय कुमार रजक कहते हैं पीने का पानी और शुद्ध हवा ही भविष्य की दुनियां की सबसे बडी चुनौतियां हैं। हममें से ज्यादातर लोग इस बारे में बातें तो करना पसंद करते हैं, लेकिन एक्शन के मामले में आगे कम ही आते हैं। मुझे अब भी याद है वह दिन कोविड से स्वस्थ होने के बाद एक दिन सुबह-सुबह मैं घर से कुदाल और पानी का कंटेनर लेकर निकला और नर्सरी से गाडी में लगभग सौ पौधे खरीदकर मैंने अलग-अलग स्थानों पर उन्हें लगाया, और उसके बाद यह परिपाटी चल निकली। अजय कुमार रजक का यह प्रकृति प्रेम उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा हो सकता है, जो ऐसा ही कोई पुनीत कार्य करना चाहते हैं लेकिन इसके लिए सही वक्त या किसी के साथ का इंतजार करते रहते हैं।
ये भी पढ़ें : CU MMS Case: छात्रों का धरना-प्रदर्शन खत्म, छह दिन बंद रहेगा कैम्पस
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.