इंडिया न्यूज, Tehran News (Iran)। Demonstration In Iran: जैसा कि आप जानते ही हैं कि ईरान में पिछले कुछ दिनों से हिजाब के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वहीं इन प्रदर्शनों की अगुआई कर रहीं एक 20 साल की हदीस नजफी नाम की युवती की पुलिस फायरिंग में मौत होने की सूचना मिली है। सोशल मीडिया पर उसकी मौत से जुड़ी कई वीडियो वायरल हो रही हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार को हदीस तेहरान से कुछ दूर स्थित कराज शहर में कई महिलाओं के साथ विरोध कर रहीं थीं। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें 6 गोलियां मारीं थी।
जानकारी अनुसार ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की मॉरल पुलिस की कस्टडी में मौत हो गई थी। जिसके बाद से देश में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किए जा रहे हैं। इनमें 4 महिलाओं समेत अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रदर्शनों से घबराई और दमन पर उतारू ईरान की कट्टरपंथी सरकार ने कुछ दिन पहले इंटरनेट बंद कर दिया था। इसलिए वहां से काफी कम जानकारी सामने आ रही है। महसा की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद जिन महिलाओं या लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन की कमान संभाली, उनमें नजफी सबसे आगे थीं और इसलिए वो इब्राहिम रईसी सरकार की आंखों की किरकिरी बनी हुई थीं।
20 साल की स्टूडेंट नजफी ने पुलिस के सामने भी हिजाब नहीं पहना और अपने बाल भी उसके सामने ही काट दिए थे। कराज में शनिवार को ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मॉरल पुलिस ने नजफी को 6 गोलियां मारीं।
वहीं सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि नजफी के परिवार ने ही उनकी मौत के बाद अंतिम रस्म का वीडियो जारी किया है। ऐसे कई वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि अब तक किसी न्यूज एजेंसी ने इनकी पुष्टि नहीं की है। नजफी की याद और उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले भी कई वीडियोज सामने आए हैं।
एलन मस्क ने ईरान के लिए स्टारलिंक सैटेलाइट सर्विस शुरू कर दी है। हालांकि इसके बाद भी यह सर्विस हासिल करने में आम ईरानी को काफी दिक्कतें हो सकती हैं। इसकी वजह टेक्निकल है। दरअसल, स्टारलिंक से इंटरनेट एक्सेस के लिए टर्मिनल बनाने होंगे। इस बात की उम्मीद काफी कम है कि ईरान सरकार इन्हें लगाने की मंजूरी देगी। हालांकि अगर कोई टर्मिनल लगा लेता है तो वो स्टारलिंक के जरिए बाहरी दुनिया से कनेक्ट हो सकता है।
इसके अलावा कानेर्गी एंडाउमेंट सेंटर से जुड़े ईरान मामलों के विश्लेषक करीम सादजादपोर के मुताबिक ईरान का इंटरनेट बंद करना खतरनाक संकेत है। पिछली बार जब ईरान ने इंटरनेट बंद किया था, तब 1500 लोग मारे गए थे।
13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। अब 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। दो साल तक शांत रहीं महिलाएं अब सरकार के लिए मुश्किल का बहुत बड़ा सबब बन गई हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढंकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं।
इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान में 2019 में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए थे। तब भी आम नागरिकों पर फायरिंग हुई थी, जबरदस्त जुल्म हुए थे, इंटरनेट बंद कर दिया गया था। अब फिर वही तस्वीर सामने है। अमीनी को लोग जिना के नाम से भी जानते हैं, पिछले हफ्ते वो कुर्दिस्तान के अपने घर से काम की तलाश में तेहरान आई थीं। उन्होंने हिजाब नहीं पहना था, इसकी सजा उन्हें मौत के तौर पर मिली। वैसे तो हिजाब कानून 1981 की इस्लामिक क्रांति के बाद बना था और इसका तब से ही विरोध होता रहा। कई बार विरोध में हिंसक आंदोलन भी हुए।
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