कल शारदीय नवरात्रि का पांचवें दिन है। इस दिन मां दुर्गा की स्कंदमाता के रूप में पूजा-अराधना की जाती है।इन्हें पद्मासनादेवी भी कहते हैं। आरकी जानकारी के लिए बता दे की कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा। आइए जानते है मां स्कंदमाता की पूजा की विधी।
जीवन में सुख शांति चाहते हैं तो आपको मां के पांचवे स्वरूप यानि मां स्कंदमाता की पूजा जरूर करनी चाहिए। सबसे पहले चौकी मां स्कंदमाता की मूर्ती या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल से शुद्धिकरण करें। चौकी पर चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर कलश रखें। इसमें लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल जैसी श्रृंगार की वस्तुएं भी रखें फिर घी का दीपक जलाकर मां की अराधना करें।
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को केला बहुत प्रिए है इस दिन माता को केले का भोग लगाना चाहिए। आप केले की खीर,हलवा और केले से बने किसी भी मीठे व्यंजन की भोग लगा सकते है।
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