महाष्टमी के सुबह मां महागौरी की पूजा सफेद पुष्प से करें माता को सफेद रंग बेहद प्रिए है, माता को सिंदूर, अक्षत्, फूल, फल, मिठाई, धूप, दीप, गंध चढ़ाएं और उनको नारियल का भोग लगाएं। नारियल या नारियल से बनी मिठाई या अन्य खाद्य पदार्थों का भोग लगाने से देवी महागौरी प्रसन्न होती हैं आइए जानते है महागौरी की पूजा की पूरी विधि।
नवरात्रि के दुर्गाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा करने की प्रथा है। इस पूजन में आठ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन करने से भक्तो के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता और जीवन में दांपत्य, व्यापार, धन और सुख समृद्धि बढ़ती है।
देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा करने से सभी ग्रह दोष दूर होते है। जो भी भक्त महागौरी की सच्चे मन से पूजा और आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। व्यापार, धन और सुख समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।
मां गौरी का रंग दूध के समान श्वेत होता है। यही वजह है कि मां गौरी को सफेद चीजों का भोग लगाया है गौरवर्ण के कारण मां देवी महागौरी कहलाती हैं, हिंदू धर्म में मान्यता है कि मां देवी की पूजा से मनुष्य के सभी पाप मुक्त हो जाते है।
अष्टमी तिथि को मां गौरी को नारियल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इस दिन नारियल का दान करना भी अच्छा होता है। ऐसा करने से सौभाग्य और आरोग्य का वरदान मिलता है, मां गौरी की पूजा के दौरान महागौरी आराधना मंत्र का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
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