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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : हिजाब को लेकर जारी विवाद को लेकर एक बार फिर से एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। ओवैसी ने सवाल किया क्या हिजाब मुसलमानों के ‘पिछड़ेपन’ को दर्शाता है यही नहीं ओवैसी ने पूछा कि क्या मुस्लिम महिलाएं देश के विकास में योगदान नहीं दे रही हैं। ओवैसी ने बिकनी को लेकर बयान दिया कि ‘जिसे बिकिनी पहननी है वो पहने, आप क्यों चाहते हो मेरी बेटी हिजाब उतारे और मैं दाढ़ी कटवा लूं’।
हिजाब बैन पर कोर्ट के बंटे हुए फैसले के बाद अपने संबोधन में ओवैसी ने कहा कि अगर मुस्लिम महिलाएं अपना सिर ढंकना चाहती हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपनी बुद्धि को ढक रही हैं. “उन्होंने कहा कि मुसलमान छोटे बच्चों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर कर रहे हैं. क्या हम वास्तव में अपनी लड़कियों को मजबूर कर रहे हैं?”
कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध विवाद का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा, “जब एक हिंदू, एक सिख और एक ईसाई छात्र को अपने धार्मिक कपड़ों के साथ क्लास में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है और एक मुस्लिम को रोका जाता है, तो वे मुस्लिम छात्र के बारे में क्या सोचते हैं? जाहिर है, वे सोचेंगे कि मुसलमान हमसे नीचे हैं.”
ओवैसी ने कहा कि ‘इस बात से कई लोगों को सिरदर्द और पेट दर्द हुआ जब मैंने कहा कि इस देश को एक दिन हिजाब पहनने वाला प्रधानमंत्री मिलेगा। मैं ऐसा क्यों नहीं कहूं? यह मेरा सपना है। इसमें गलत क्या है? लेकिन आप कह रहे हैं हिजाब नहीं पहनना चाहिए। फिर क्या पहनना है? बिकिनी? आपको बिकनी भी पहनने का अधिकार है। आप क्यों चाहते हैं कि मेरी बेटियां अपना हिजाब उतार दें और मैं अपनी दाढ़ी मुंडवाऊं?
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