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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) :सऊदी अरब सरकार ने हज या उमरा करने वाली महिलाओं के लिए महरम की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब कोई भी महिला बिना महरम के हज या उमरा करने के लिए सऊदी अरब जा सकती है। सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-राबिया ने इसकी घोषणा की है।
सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-राबिया ने कहा बिना पुरुष के हज-उमरा पर जा सकेंगी महिलाएं। सऊदी के हज मंत्री बोले- हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित। आपको बता दें, 26 जून 2023 से शुरू होगी हज यात्रा जिसको लेकर सऊदी के हज मंत्री ने बयान दिया है। सऊदी अरब में अब उमरा के लिए कोई वीजा लिमिट नहीं ,किसी भी वीजा पर आने वाला उमरा कर सकेगा ऐसा सऊदी के हज मंत्री ने कहा है।
हज मंत्री के पूर्व सलाहकार रहे फतेह इब्राहिम हुसैन के मुताबिक यह फैसला देश में महिलाओं की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए लिया गया है। देश में परिवहन के साधनों के साथ-साथ सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है, इसलिए महिलाओं का यहां आना आसान हो गया है।
ऐसी कई महिलाएं हैं जो बिना महरम (गार्जियन) के काम करने के लिए सऊदी अरब आती हैं। उनके साथ यहां कोई दुर्घटना नहीं हुई है। महिलाओं को कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसके पीछे कोई कारण अब मौजूद नहीं है।
इस्लाम के मुताबिक महरम परिवार का एक सदस्य होता है जिसके साथ विवाह को इस्लाम में अवैध माना जाता है। इस्लाम के अनुसार वह पुरुष जिसके साथ रहते हुए महिला को पर्दा करना या शरीर को हिजाब से ढंकने की जरूरत नहीं होती। महिला के पति को भी महरम में शामिल किया गया है।
यह पहला मौका नहीं है, जब महिलाओं से जुड़ा सऊदी अरब में कोई बड़ा फैसला हुआ है।सऊदी सरकार ने इससे पहले 2001 में महिलाओं को पहली बार पहचान पत्र दिया था,इसके बाद 2005 में जबरन शादी जैसी कुप्रथा को खत्म किया गया। 2015 में वोट देने का अधिकार मिला और 2018 में महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस का अधिकार दिया गया।
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