देश के करीब 12 करोड़ किसानों को केंद्र सरकार की ओर से दीवाली का तोहफा मिल गया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के किसानों के खाते में इसकी 12वीं किस्त (PM Kisan 12th Installment) भेज दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में ‘पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022’ का उद्घाटन किया और डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 12वीं किस्त राशि जारी कर दी है. इस दौरान प्रधांमत्री ने किसानों से जुड़ी कुछ बातों को भी देश के साथ सांझा किया।
प्रधानमंत्री ने कही ये बातें
- प्रधानमंत्री ने कहा आज देश में 600 से ज्यादा PM किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है, ये केंद्र केवल किसानों के लिए उर्वरक खरीद बिक्री का केंद्र नहीं बल्कि एक संपूर्ण रूप से किसान के साथ घनिष्ठ नाता जोड़ने वाला है और उसके हर सवालों का जवाब देने वाला केंद्र है।
- नैनो यूरिया, कम खर्च में अधिक प्रोडक्शन का माध्यम है। जिसको एक बोरी यूरिया की जरूरत लगती है वो काम अब नैनो यूरिया की एक छोटी सी बॉटल से हो जाता है। ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का कमाल है।
- हमने यूरिया की शत प्रतिशत नीम कोटिंग करके उसकी कालाबाजारी रुकवाई। हमने बरसों से बंद पड़े देश के छह सबसे बड़े यूरिया कारखानों को फिर से शुरू करने के लिए मेहनत की।यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर के लिए भारत अब तेजी से लिक्विड नैनो यूरिया की तरफ बढ़ रहा है।
- आज ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ के रूप में किसानों को सस्ती और क्वालिटी खाद भारत ब्रांड के तहत उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू हुई है। 2014 से पहले फर्टिलाइजर सेक्टर में काफी संकट थे..किसानों का हक छीना जाता था और बदले में लाठियां झेलनी पड़ती थी इसे किसान कभी नहीं भूल सकते।
- ये ऐसे केंद्र होंगे जहां खिर्फ खाद ही नहीं मिलेगी बल्कि बीज, उपकरण, मिट्टी की टेस्टिंग, हर प्रकार की जानकारी जो भी किसान को चाहिए वो इन केंद्रों पर एक ही जगह मिलेगी।
- फर्टिलाइजर सेक्टर में रिफॉर्म के हमारे अब तक के प्रयासों में आज दो और प्रमुख रिफॉर्म, बड़े बदलाव जुड़ने जा रहे हैं। पहला बदलाव ये है कि आज से देशभर की सवा 3 लाख से अधिक खाद की दुकानों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के रूप में विकसित करने के अभियान की शुरुआत हो रही है।
- वन नेशन, वन फर्टिलाइजर से किसान को हर तरह के भ्रम से मुक्ति मिलने वाली है और बेहतर खाद भी उपलब्ध होने वाली है। देश में अब एक ही नाम, एक ही ब्रांड से और एक समान गुणवत्ता वाले यूरिया की बिक्री होगी और ये ब्रांड है भारत!। अब देश में यूरिया भारत ब्रांड से ही मिलेगी।
- हमारे यहां जो पारंपरिक मोटे अनाज- बाजरा होते हैं, उनके बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी आज देश में अनेक हब बनाए जा रहे हैं। भारत के मोटे अनाज पूरी दुनिया में प्रोत्साहन पाएं, इसके लिए सरकार के प्रयासों से अगले वर्ष को मोटे अनाज का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष भी घोषित किया गया है।
- टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसान घर बैठे ही देश की किसी भी मंडी में अपनी उपज बेच सके, ये भी e-NAM के माध्यम से किया जा रहा है।
- आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से छोटे किसानों को कैसे लाभ होता है, इसका एक उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि भी है। इस योजना के शुरू होने के बाद से दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।
- आज सबसे अधिक खर्च जिन चीजों को आयात करने में हमारा होता है, वो खाने का तेल, फर्टिलाइजर और कच्चा तेल है, इनको खरीदने के लिए ही हर वर्ष लाखों करोड़ रुपये हमें दूसरे देशों को देना पड़ता है। विदेशों में अगर कोई समस्या आती है तो इसका बुरा असर हमारे यहां भी पड़ता है।
- किसानों को कम कीमत पर खाद मिले, इसके लिए इस वर्ष लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार सिर्फ यूरिया के लिए लगा रही है। आयात पर हो रहे खर्च को कम करने के लिए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, हम सभी को मिलकर संकल्प करना होगा।
- हमारे देश के किसान पर बोझ न पड़े, हमारे किसान पर कोई नया संकट ना आए इसलिए जो 70-80 रुपए में यूरिया हम आज बाहर से लाते हैं वो हम किसानों को 5-6 रुपए में पहुंचाते हैं ताकि हमारे किसान भाइयों-बहनों को कष्ट ना हो।
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