इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : हाई कोर्ट ने नगर निकाय चुनाव को लेकर बुधवार को साफ फैसला दिया है। निकाय चुनाव नहीं कराने के फैसले के आगे कई दलीलें देने के बाद भी नीतीश सरकार के हाथ कुछ नहीं लगा। आखिर में बिहार सरकार ने आयोग गठन के लिए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट के इस फैसले पर पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए बिहार की जनता से माफी मांगने की बात कही। सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर बिहार में अतिपिछड़ों को आरक्षण दिए बिना ही चुनाव कराने की जिद पर अड़े थे मुख्यमंत्री। अब नीतीश कुमार को हाई कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी। उन्हें कोर्ट के सामने आत्म समर्पण करना पड़ा।
मोदी ने कहा कि यदि सरकार ने विशेष आयोग बनाने का निर्णय पहले कर दिया होता, तो यह फजीहत नहीं होती। नीतीश कुमार की हालत उस पठान जैसी है, जिसने 40 जूते भी खाए और 40 प्याज भी खा लिए। आगे मोदी बोले कि कोर्ट ने नीतीश कुमार के अहंकार को तोड़ दिया है। नितीश के पूर्व साथी ने कहा कि जब महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव पर रोक लगने का हवाला देकर हम नीतीश कुमार से बार-बार कह रहे थे कि निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाया जाए, तब हमें आरक्षण-विरोधी बताया जाने लगा।
सुशील मोदी बोले कि नीतीश कुमार की जिद के चलते निकाय चुनाव बीच में रुका। इससे अतिपिछड़ों के जो करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा ? कुमार मोदी ने कहा कि हाई कोर्ट में सरकार को झुकना पड़ा और आयोग बनाकर आरक्षण देने और दिसंबर के पहले निकाय चुनाव कराने की बात माननी पड़ी। आपको बता दें कि बुधवार को कोर्ट ने बिहार सरकार की किसी भी दलील को मानने से इनकार कर दिया। जिसके बाद बिहार सरकार बैकफुट पर आ गई। अब सरकार नए आयोग गठन करने के लिए तैयार है। नए आयोग के गठन के बाद ही डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट सौंपीं जाएंगी। उसके बाद ही चुनाव कराने पर विचार हो सकता है।
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