इंडिया न्यूज़ ( प्रयागराज, Mosambi Juice Allegedly Given In Drip, Patient Dies): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक निजी अस्पताल में मरीज की मौत हो गई क्योंकि उसे ड्रिप में रक्त प्लेटलेट्स के बजाय मौसंबी जूस दे दिया गया। मरीज डेंगू होने के बाद अस्पताल में भर्ती हुआ था, जिला प्रशासन द्वारा इस घटना की प्रारंभिक जांच के बाद अस्पताल के अधिकारियों की ओर से चूक का खुलासा किया गया है। मरीज के परिवार ने राज्य सरकार से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में 32 वर्षीय मरीज के परिजनों को कथित तौर पर ‘प्लाज्मा’ के रूप में चिह्नित एक बैग में मीठे नीबू के रस की आपूर्ति की गई। मरीज के परिवार का आरोप है कि अस्पताल की ओर से आपूर्ति किए गए बैग से रक्त चढ़ाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई इसेक बाद मरीज को दूसरे निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
जनपद प्रयागराज में झलवा स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा डेंगू मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मोसम्मी का जूस चढ़ा देने के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिये गए आदेशों के क्रम में तत्काल हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है एवं प्लेटलेट्स पैकेट को जाँच हेतु भेजा गया है
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) October 20, 2022
परिवार के अनुसार, दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि ‘प्लेटलेट’ बैग नकली था और वास्तव में रसायनों और मीठे जैसे या मौसमी के रस का मिश्रण था।
शख्स के परिवार ने अस्पताल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मरीज के एक रिश्तेदार सौरभ त्रिपाठी ने कहा, “मेरी 26 वर्षीय बहन विधवा है। मैं चाहता हूं कि योगी आदित्यनाथ सरकार अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।”
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एक ट्वीट में कहा, “अस्पताल के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए, जहां डेंगू के एक मरीज को प्लेटलेट्स के बजाय मीठे नींबू के रस से संक्रमित किया गया था, मेरे निर्देश पर अस्पताल को सील कर दिया गया और प्लेटलेट्स के पैकेट परीक्षण के लिए भेज दिए गए हैं। पाठक ने कहा, “दोषी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
प्रयागराज के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि “अस्पताल को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर सील कर दिया गया था और यह तब तक रहेगा जब तक कि नमूना परीक्षण नहीं हो जाता।”
अस्पताल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि प्लेटलेट्स मरीजों के रिश्तेदारों ने खुद खरीदे थे। अस्पताल के मालिक ने कहा कि मरीज के प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 हो गया, जिसके बाद उसके रिश्तेदारों को ब्लड प्लेटलेट्स की व्यवस्था करने के लिए कहा गया।
अस्पताल के मालिक ने एक बयान में कहा, “वे एक सरकारी अस्पताल से पांच यूनिट प्लेटलेट्स लाए। तीन यूनिट चढ़ाने के बाद मरीज की कि हालत बिगड़ने लगी। इसलिए हमने इसे रोक दिया।”
प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने कहा, ‘जांच की जा रही है और प्लेटलेट्स की भी जांच की जाएगी।
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