होम / भारत 22 अक्टूबर को क्यों मनाता है 'ब्लैक डे' के रूप में, जानें

भारत 22 अक्टूबर को क्यों मनाता है 'ब्लैक डे' के रूप में, जानें

Roshan Kumar • LAST UPDATED : October 21, 2022, 10:53 pm IST
ADVERTISEMENT
भारत 22 अक्टूबर को क्यों मनाता है 'ब्लैक डे' के रूप में, जानें

ब्लैक डे.

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, Why India celebrates October 22 as “Black Day”): साल 1839 का था जब महाराजा रणजीत सिंह इस दुनिया को छोड़ गए। उनके साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत में सिखों का साम्राज्य भी सिमटने लगा। 1845 में पहला एंग्लो- सिख युद्ध हुआ। इसमें अंग्रेज़ जीत गए, साल 1946 में लाहौर संधि हुए, इसके हिसाब से कश्मीर का नियंत्रण अंग्रेज़ो के पास चला गया।

कश्मीर का इलाका काफी ठंडा और पहाड़ी होने की वजह से अंग्रेज़ अपने संसाधन यहाँ खर्च नही करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने तब 75 लाख रुपये लेकर कश्मीर जिसमे गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल था, महाराजा गुलाब सिंह के हवाले कर दिया। लेकिन जासूसों के माध्यम से अंग्रेज़ो ने कश्मीर पर बाहर से नियंत्रण बनाये रखा।

इस दौरान रूस, सेंट्रल एशिया में अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहा था, अंग्रेज़ो को डर था की गिलगित-बाल्टिस्तान के माध्यम से रूस, भारत पहुंच सकता है। अंग्रेज़ ऐसा नही चाहते थे। साल 1877 में अंग्रेज़ो ने कई इलाकों को छोड़ कर एक नया प्रान्त बना दिया, जिसका नाम रखा गया गिलगित-एजेंसी। इस प्रान्त की देखरेख करना के लिए अंग्रेज़ो ने एक सेना बनाई जिसका नाम था गिलगित स्काउट्स।

kashmir-black-day

1948 युद्ध की तस्वीर.

साल 1935 में अंग्रेज़ो ने गिलगित को महाराजा हरि सिंह से 60 साल की लीज पर ले लिया। फिर आया साल 1947 जब अंग्रेज़ो का समय भारत छोड़ने का आया गया था। कश्मीर में महाराजा हरि सिंह की रियासत थी। सभी रियासतों को यह अधिकार था की वह किसे चुने। अंग्रेज़ो ने तब गिलगित वाला इलाकों भी राजा हरि सिंह को सौंप दिया। एक अगस्त 1947 को गिलगित के इलाके हरि सिंह ने अपने नियंत्रण में ले लिया।

इसके बाद भारत और पाकिस्तान को आज़ादी मिली, महाराजा हरि सिंह यह तय नही कर पा रहे थे की वह पाकिस्तान के साथ जाए या भारत के साथ, पाकिस्तान को तब शेख अब्दुल्लाह पर भरोसा था की वह कश्मीर के लोगों को भारत में शामिल होने के लिए मना लेंगे, लेकिन शेख कभी भारत के पक्ष के बोलते कभी अलग आज़ाद कश्मीर के, इन सब को देखते हुए पाकिस्तान ने 22 अक्टूबर 1948 को कश्मीर पर हमला कर दिया।

20 अक्टूबर से सेना ने बढ़ाना शुरू कर दिया था 

20 अक्टूबर को पाकिस्तानी सेना की टुकड़ियों ने कोला- मुज़फ़्फ़राबाद से बढ़ाना शुरू कर दिया था। 21 अक्टूबर को नीलम नदी के एक महत्वपूर्ण पुल पर पाकिस्तानी कब्ज़ा कर लेते है। यह लोग 22 अक्टूबर को बारामुल्ला पहुंचे, कुछ लोकल गुटों ने इनसे लड़ने की कोशिश की। जिनसे निपटने में इन्हें ज्यादा देर नही लगे। फिर इन्होंने जो किया उसने कश्मीर की सफ़ेद वादियों को मासूम लोगों के खून से लाल कर दिया था। युद्ध में जो बर्बरता की गई वह कुछ दिन बाद दुनिया के सामने आई। ज़िंदा दफ़न करना, महिलाओं से सामूहिक रेप समेत कई दर्दनाक कहानियां पाकिस्तानी अपने पीछे कश्मीर में छोड़ गए थे।

indian army in srinagar airport

श्रीनगर हवाई अड्डे पर भारतीय सेना.

22 अक्टूबर को इन्होंने पूरे बारामुल्ला शहर में आग लगा दी। लूटपाट की, औरतों से रेप किया और औरतों और बच्चों को किडनैप कर पाकिस्तना भेजना शुरू कर दिया।

ऑपरेशन गुलमर्ग’ दिया गया था नाम

इस ऑपरेशन को नाम दिया गया था ‘ऑपरेशन गुलमर्ग’। कबीलाइयों को आगे रखकर पाकिस्तानी सैनिक श्रीनगर पर कब्ज़ा करने के लिए आगे बढ़ने लगी। राजा हरि सिंह की फ़ौज के भी मुस्लिम सिपाहियों ने इन कबीलाइयों का साथ दिया। इन सब ने ऐलान किया की वह 26 अक्टूबर को श्रीनगर पर कब्ज़ा कर लेंगे। और श्रीनगर की मस्जिद में ईद का जश्न मनाएंगे। जब मामला राजा की नियंत्रण से बाहर चला गया तो, उन्होंने दिल्ली से मदद मांगी।

26 अक्टूबर को राजा हरि सिंह ने कश्मीर के भारत में विलय का ऐलान किया। 27 अक्टूबर को भारत की सेना श्रीनगर हवाई अड्डे के माध्यम से कश्मीर में दाखिल हुए और पाकिस्तानियों को पीछे खदेड़ना शुरू किया। इस युद्ध के दौरान पास्कितानियो ने रेल और रोड को बाधित कर कश्मीर में राशन और खानी-पीने की सप्लाई को भी काफी हद तक रोक दिया था।

तब से अब तक पाकिस्तान की सरकार और सेना ने लाखों पाकिस्तानियों को इस भ्रम के साथ बड़ा किया है कि वे उस क्षेत्र पर कब्जा कर सकते हैं जिस पर वे दावा करता हैं। इसने पाकिस्तान में शांति और प्रगति को रोक दिया है। सेना ने हथियार बनाने पर अरबों रुपये खर्च किए और लोगों के विकास पर ध्यान नही दिया। पाकिस्तानी जनरल का वह बयान कौन भूल सकता है की “पाकिस्तानियों को भले घास की रोटी खानी पड़े लेकिन फिर भी हम एटम बम बनाएंगे।”

इस युद्ध में मिली दर्द को याद करते हुए भारत 22 अक्टूबर को “ब्लैक डे” के रूप में मनाता है।

जिन्नाह ने दिया था पाकिस्तान में विलय का प्रस्ताव

बाद में रक्षा विश्लेषकों द्वारा इस युद्ध का विश्लेषण किया, उनके अनुसार इस युद्ध में पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र में जोर देना शुरू किया था, न कि घाटी में क्योंकि पाकिस्तान का अस्तित्व पुंछ पर टिका था। पेशावर-रावलपिंडी सड़क झेलम से केवल 50 मील की दूरी पर थी जिसके साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा आज चलती है। इसके अलावा, उत्तर में पाकिस्तान की कनेक्टिविटी सड़क के माध्यम से थी जो झेलम के पार जाती थी। और मंगला हेडवर्क्स (बाद में एक बांध में परिवर्तित) पाकिस्तान की जल सुरक्षा का केंद्र था।

इस युद्ध के दौरान राजा हरि सिंह ने पाकिस्तान सरकार और जिन्नाह को केबल भेजकर कहा कि वह छापेमारी करने वाले बैंडों को जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने से रोके। लेकिन, जिन्नाह ने यह कहा की वह युद्ध रुकवा सकता है जब हरि सिंह पकिस्तान में शामिल होने का फैसला करे जिसके लिए हरि सिंह तैयार नही हुए थे।

आज 75 साल बाद भी इस घटना को याद करना प्रासंगिक है क्योंकि पाकिस्तान अब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के साथ चार युद्ध लड़ चुका है। और, क्योंकि यह पाकिस्तान था जिसने चारों की पहल की, लेकिन अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में विफल रहा, दुनिया पाकिस्तान को एक ‘हारे हुए’ के ​​रूप में देखती है जो अनिच्छुक और हार मानने में असमर्थ है, क्योंकि इसकी स्थापना नफरत पर जीवित है और उस पर पनपती है।

दुनिया के देश जिसमे संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और खाड़ी में मित्र पाकिस्तान के बाढ़ और आर्थिक संकट के कारण होने वाले संकट में मदद तो करते है लेकिन उसके पुराने दोस्त अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया का “सबसे खतरनाक देश कह चुके है”

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

शुगर के लिए किसी ‘साइलेंट किलर’ से कम नहीं ये फूड…चीनी और मैदा तो यूंही है बदनाम, उनसे भी 3 गुना ज्यादा खतरनाक है ये चीज?
शुगर के लिए किसी ‘साइलेंट किलर’ से कम नहीं ये फूड…चीनी और मैदा तो यूंही है बदनाम, उनसे भी 3 गुना ज्यादा खतरनाक है ये चीज?
बागेश्वर बाबा की पदयात्रा के दौरान बड़ा हादसा, छत का छज्जा गिरने से एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल
बागेश्वर बाबा की पदयात्रा के दौरान बड़ा हादसा, छत का छज्जा गिरने से एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
मुस्लिम बहुल इलाकों में मिली हार के बाद तिलमिला उठे सपाई, कह दी ऐसी बात सुनकर सकते में आ जाएंगे आप
‘जनता को पसंद आया …’, पंजाब उपचुनाव के नतीजों को केजरीवाल ने बताया दिल्ली चुनाव का सेमीफाइनल; किया ये बड़ा दावा
‘जनता को पसंद आया …’, पंजाब उपचुनाव के नतीजों को केजरीवाल ने बताया दिल्ली चुनाव का सेमीफाइनल; किया ये बड़ा दावा
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
महाराष्ट्र्र चुनाव में मौलानाओं के फतवे का बीजेपी पर नहीं पड़ा कुछ असर, अब PM Modi देंगे ऐसी सजा 7 पुश्तें भी रखेंगी याद
Himachal Politics: CM सुक्खू ने प्रियंका गांधी को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे
Himachal Politics: CM सुक्खू ने प्रियंका गांधी को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
UP News: सीएनजी सिलिंडर लदे ट्रक में लगी आग, धमाकों से दहला शाहजहांपुर हाईवे
UP News: सीएनजी सिलिंडर लदे ट्रक में लगी आग, धमाकों से दहला शाहजहांपुर हाईवे
‘पीएम के करिश्माई नेतृत्व…’, उपचुनाव में जीत पर सीएम नीतीश ने PM मोदी को दी बधाई, कही ये बड़ी बात
‘पीएम के करिश्माई नेतृत्व…’, उपचुनाव में जीत पर सीएम नीतीश ने PM मोदी को दी बधाई, कही ये बड़ी बात
दुल्हन आने से पहले दूल्हे भाई की हुई मौत, दर्दनाक हादसे में 2 की गई जान
दुल्हन आने से पहले दूल्हे भाई की हुई मौत, दर्दनाक हादसे में 2 की गई जान
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
ADVERTISEMENT