(इंडिया न्यूज़, Who is Dhanvantari, who appeared on this day): इस साल दीवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। दीवाली रोशनी से भरा त्योहार है। धनतेरस का त्यौहार 22 अक्टूबर 2022 को यानी आज मनाया जा रहा है। धनतेरस के दिन धातु के बर्तन और रत्न आभूषण की खरीदारी करने के लिए बेहद शुभ है। धनतेरस के दिन देशभर में सोना और चाँदी की खरीदारी खूब होती है। लेकिन क्या आप जानते है इसके पीछे की कहानी क्या है? चलिए आपको बताते है।
पद्म पुराण के आख्यान के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को प्रकट हुए थे। वह अमृत कलश सोने का था, जिसमें कई प्रकार के रत्न-जड़ित थे। यही कारण है कि सोने की खरीदारी के लिए इस तिथि को शुभ-मुहूर्त माना जाता है। सोना के साथ-साथ लोग चांदी भी खरीदते हैं क्योंकि चांदी लक्ष्मी को पसंद हैै।
आपको बता दें कि, सोना महंगा होने के कारण आमलोगों की क्षमता के बाहर है, इसलिए साधारण लोग सोने के बदले पीतल के बर्तन खरीदने लगे क्योंकि पीतल का भी रंग पीला होता है। इसके अलावा, तांबा और कांस्य के बर्तनों की भी खरीदारी की जाती है क्योंकि इन बर्तनों का इस्तेमाल लोग अपने रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं।
पद्म पुराण की कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने धनवंतरि को आशीर्वाद दिया था कि सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए लोग धनतेरस पर उनकी पूजा करेंगे, इस पर उनके साथ भगवान के सामने प्रकट हुए यम (मृत्यु के देवता) ने भगवान विष्णु से वरदान मांगा, जिसके बाद भगवान ने कहा कि लोग यम के नाम से इस दिन यमदीप जलाएंगे।
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने यम के हाथ में झाड़ू थमा दिया था, यही कारण है कि धनतेरस पर लोग स्वच्छता के लिए झाड़ू भी खरीदते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार धनतेरस स्वच्छता का भी पर्व है जिससे लोग सेहतमंद रहते हैं।
जोतिष के अनुसार धातु के बर्तन खरीदने पर उसे खाली नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसमें अनाज व अन्य जरूरी वस्तुएं भी रखनी चाहिए.
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