इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : चीन के पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ को पार्टी कांग्रेस से जबरन निकाले जाने का मामला टूल पकड़ता नजर आ रहा है। पूरी दुनिया में इस घटना का वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें, जिस घटनाक्रम के दौरान हु जिंताओ ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कागज छुआ वो जिनपिंग के ठीक बगल में बैठे थे। पहले तो एक गार्ड ने जिंताओ के हाथ को पकड़कर खींचने की कोशिश की। लेकिन, जब जिंताओ ने विरोध किया तो गार्ड चंद पलों के लिए पीछे चला गया। इस दौरान हु जिंताओ ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने रखे कुछ कागजात को उठाने की कोशिश की। लेकिन, चौकन्ने जिनपिंग ने उनके हाथों को पीछे ढकेल दिया। बाद में उसी गार्ड ने जिंताओं के कंधे के नीचें हाथ लगाकर उन्हें उठाया और बाहर लेकर चला गया। इस घटनाक्रम के समय जिंताओं का स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का ख्याल भी नहीं रखा गया।
Hu Jintao gets shuffled off the political stage in a fairly undignified manner.
Note how he tries to swipe Xi Jinping's notes.
He does not seem well at all.pic.twitter.com/909xJD5koR
— Fergus Ryan (@fryan) October 22, 2022
ज्ञात हो, वायरल हो रहे वीडियो में हु जिंताओ बेहद कमजोर नजर आ रहे हैं। उनके हाथों में एक कागज दिखता है। वह दो लोगों से उन नेताओं की घबराहट के बारे में बात करते दिखते हैं जो पूरी घटना के दौरान मूकदर्शक बने रहे। जिंताओं को जिनपिंग से कुछ कहते देखा गया जिसके जवाब में उन्होंने अपना सिर हिलाया और प्रधानमंत्री ली केकियांग को थपकी दी। इसके बाद जिंताओ को दो लोगों के साथ बाहर जाते देखा गया लेकिन उनको बहार किए जाने के कारणों पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।आपको बता दें, सीपीसी की सभी बैठकें अति गोपनीय तरीके से होती हैं और इस तरह की घटना वहीं चीन की संसदीय राजनीती में दुर्लभ मानी जा रही है।
आपको बता दें, हु जिंताओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में शी जिनपिंग के विरोधी गुट का नेतृत्व करते हैं। जिनपिंग के पहली बार राष्ट्रपति बनने के दौरान हु जिंताओ ने ही उनके खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद की थी।माना जा रहा उसका बदला शी जिनपिंग ने लिया है। ज्ञात हो ,जिनपिंग अपने दो कार्यकाल के दौरान जिंताओ समर्थक नेताओं को एक-एक कर ठिकाने लगा दिया। कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य इकाइयों में भी हेबेई और ग्वांगडोंग को छोड़कर बाकी जगह जिनपिंग समर्थक नेता ही महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। वर्तमान में उप प्रधानमंत्री हू चुनहुआ के अलावा जिंताओ गुट का कोई भी नेता पार्टी में शीर्ष पद पर आसीन नहीं है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अगर जिनपिंग ने विरोध नहीं किया तो हू चुनहुआ को चीन का नया प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। हू चुनहुआ को ‘लिटिल हु’ के नाम से भी जाना जाता है।
आपको बता दें, हु जिंताओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ राजनेता हैं। वह 2002 से 2012 तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव, 2003 से 2013 तक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। जिंताओ 2004 से 2012 तक केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। हु जिंताओ 1992 से 2012 तक सीसीपी पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के भी सदस्य रह चुके हैं। ज्ञात हो,सीसीपी पोलित ब्यूरो ही चीन की वास्तविक शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है। हु 2002 से 2012 तक चीन के सर्वोच्च नेता थे। आपको बता दें, हु जिंताओ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के जरिए सत्ता में आए। उन्होंने गुइझोउ प्रांत और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के लिए पार्टी कमेटी सचिव के रूप में काम किया। इस दौरान जिंताओ ने इन क्षेत्रों में पार्टी और देश के प्रति असंतोष को कुचलने के लिए कठोर दमन की कार्रवाई की। जिससे पार्टी के शीर्ष नेताओं का ध्यान हु जिंताओं ने अपनी तरफ आकर्षित किया था।
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