नई दिल्ली:- देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर है. स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक इस वजह से परेशान हैं क्योंकि बच्चे स्कूल जाते हैं उस दौरान वो कैसे इस प्रदूषण को झेल सकेंगे। जो व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ है उसकी भी इस दिल्ली की घुटन भरी हवा में उम्र कम हो रही है. सुबह 8 बजे दिल्ली में AQI 546 दर्ज किया गया और विजिबिलिटी भी काफी कम रही। हवा की लगातार क्वालिटी खराब हो रही है जिसे देखकर लग रहा है कि दिल्लीवालों के लिए नवंबर मुश्किल भरा होने वाला है.
आज सुबह दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में धुंध की चादर ज्यादा है। इस वक़्त जब दम फूल रही राजधानी दिल्ली को नीतिगत फैसलों की साथ साथ ऑक्सिजन की जरूरत है तब इसमें राजनीति का जहर घुल रहा है, आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान केंद्र सरकार पर हमलावर हो रहे है तो वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भगवंत मान समेत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला है.
प्रदूषण को देखते हुए डॉक्टरों ने सांस के रोगियों को घर में ही रहने की सलाह देनी शुरू कर दी है।इसके साथ ही दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ऑफिस जाने वाले लोगों को वर्क फ्रॉम होम करने की अपील की है साथ ही ये भी कहा है कि लोग निजी वाहनों का काम से काम उपयोग करें।
एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए कई तरह की पाबंदियां दिल्ली में लगाई गई हैं। इन पाबंदियों में सीवर लाइन बिछाने, बैचिंग संयंत्रों के संचालन, पानी की पाइप बिछाने, नाले से जुड़े काम, टाइल्स को काटने और बिछाने, वाटरप्रूफिंग, सड़क निर्माण कार्य और कई अन्य गतिविधियों पर पाबंदी लगाई गई है।अगर बात करें दिवाली वाले सप्ताह की तो राजधानी को गाड़ियों के धुंए ने सबसे अधिक प्रदूषित किया है। 21 से 26 अक्टूबर के बीच स्थानीय प्रदूषण की वजह में गाड़ियों की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी रही। 17 प्रतिशत सिर्फ गाड़ियों से राजधानी दिल्ली का दम घुटा। सरकार इस प्रदूषण स्तर को काम करने के लिए कोशिश कर रही है साथ ही जनता से भी पटाखे न फोडने समेत निजी वाहनों में यात्रा करने की अपील कर रही है.
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