Guru Nanak Jayanti 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि है और इसे कार्तिमा पूर्णिमा कहा जाता है। बता दें कि इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इसके साथ ही सिख समुदाय के लिए ये दिन बेहद ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव की जयंती भी होती है। जिसे प्रकाश पर्व या गुरु पुरब भी कहा जाता है।
आपको बता दें कि गुरु नानक देव सिखों के पहले गुरु थे और उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु पुरब के दिन सुबह-सुबह प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं और गुरुद्वारों में सबद कीतर्न का आयोजन होता है। गुरु नानक देव ने कुछ ऐसे उपदेश दिए हैं जो कि आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। यहां जानें गुरु नानक देव के 10 अनमोल उपदेश।
गुरु नानक देव के 10 उपदेश
- गुरु नानक देव का सिख धर्म का संस्थापक कहा जाता है और उन्होंने ‘इक ओंकार’ मंत्र दिया था। उनका कहना था कि ईश्वर एक है और सभी जगह मौजूद है। हम सबका पिता वही है इसलिए सबके साथ प्रेम पूर्वक रहना चाहिए।
- गुरु नानक देव का मानना था कि हमेशा स्त्री जाति का आदर-सम्मान करना चाहिए। गुरु नानक देव स्त्री और पुरुष सभी को एक समान मानते थे।
- गुरु नानक देव ने लोगों को कल्याण के कार्य करने की सलाह दी और लोभ त्यागकर नीतिपूर्वक धन कमाने का उपदेश दिया। उनका कहना था कि धन कमाकर मानवता के कल्याण में उसका उपयोग करना चाहिए।
- गुरु नानक देव ने लोगों को सिखाया कि कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए। बल्कि मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए। साथ ही उनका कहना था कि अपना हक लेना भी न्याय की बात है।
- अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है और इसलिए कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। बल्कि विनम्र होकर सेवा भाव से अपना जीवन व्यतीत करें।
- उन्होंने उपदेश दिया था कि धन को हमेशा जेब तक ही सीमित रखना चाहिए। उसे कभी अपने हृदय में स्थान नहीं देना चाहिए। जो व्यक्ति धन को हृदय में जगह देता है वह स्वंय का ही नुकसान करता है।
- गुरु नानक देव ने एक महत्वपूर्ण उपदेश यह भी दिया था कि मनुष्य को हमेशा तनाव मुक्त रहकर अपना काम निरंतर करते रहना चाहिए और सदैव प्रसन्न रहना चाहिए।
- गुरु नानक देव का कहना था कि संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों पर बुराईओं पर विजय पाना आवश्यक है। यानि मनुष्य को अपने भीतर मौजूद बुराइयों को खत्म करना चाहिए।
- गुरु नानक देव पूरे संसर को एक घर मानते थे और उनका मानना था कि संसार में रहने वाले लोग परिवार का हिस्सा हैं।
- गुरु नानक देव ने लोगों को प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश दिया।
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