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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) :पीटीआई का ‘हकीकी आजादी’ मार्च वजीराबाद से गुरुवार को फिर शुरू होगा। यह तीसरी बार है जब पीटीआई ने मार्च शुरू करने की नई तारीख की घोषणा की है। पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि वजीराबाद की घटना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना पीटीआई की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
माना जा रहा है कि गुरुवार को मार्च पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान पर हमले वाली जगह जफर अली खान चौक के बजाय शहर के कच्छरी चौक से फिर से शुरू किया जा सकता है, जो हमले की जगह से कुछ ही गज की दूरी पर है। जहां इमरान खान का कंटेनर खड़ा था, उसे क्रिमिनल सीन घोषित कर दिया गया था और सुरक्षा एजेंसियों के जवान उसे घेरे हुए हैं। इसलिए अब वजीराबाद-सियालकोट रोड पर कच्छरी चौक पर जनसभा होगी। मार्च का नेतृत्व करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की देखरेख में नया कंटेनर तैयार किया जा रहा है।
आपको बता दें, पहले यह मार्च 9 नवंबर से शुरू किए जाने का ऐलान था। इस बीच, पीटीआई समर्थकों ने धरना प्रदर्शन जारी रखा। पीटीआई नेता फैयाज-उल-हसन चौहान ने कहा कार्यकर्ता अपने नेता की एक आवाज पर कहीं भी इकट्ठे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने गोली लगने के बाद भी अपना संघर्ष जारी रखा और वह प्लेटलेट्स लेने के बहाने नवाज शरीफ की तरह लंदन नहीं भागे। रावलपिंडी सहित कई जगह पीटीआई समर्थको ने टायर जलाकर सड़कों को जाम कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस भी छोड़ी। इस बीच, सूत्रों के अनुसार इमरान खान ने पार्टी से इस्लामाबाद को छोड़कर सभी जगहों पर विरोध प्रदर्शन खत्म करने को कहा है।
आपको बता दें, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को एक और पत्र लिखकर पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान की हत्या के प्रयास की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में, सीजेपी को एक न्यायिक आयोग बनाने के लिए कहा है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश शामिल होंगे। आयोग जांच कर सकता है कि काफिले को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कौन सी कानून प्रवर्तन एजेंसियां जिम्मेदार थीं; क्या काफिले की सुरक्षा के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल और अन्य मानक संचालन प्रक्रियाएं लागू की गई थीं और क्या प्रोटोकॉल का पालन किया गया था।
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने वजीराबाद की घटना पर दर्ज की गई FIR को ‘हास्यास्पद’ बताया और कहा कि वह अपने वकीलों के माध्यम से अपना पक्ष रखेंगे। इमरान ने वजीराबाद हमले की स्वतंत्र जांच की मांग दोहराई। एफआईआर में पीएम शहबाज शरीफ, गृहमंत्री सनाउल्लाह व मेजर जनरल फैसल नसीर का जिक्र नहीं है। पीटीआई नेता असद उमर ने कहा है कि पार्टी के पास वजीराबाद हमले में इमरान द्वारा नामित तीन लोगों की कथित संलिप्तता के सबूत हैं। जब भी मामले की जांच के लिए आयोग का गठन होगा हम इसे उच्चतम न्यायालय के सामने रखेंगे।
खबर ये भी है इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक ओपिनियन रिसर्च द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं में से 59% ने पीटीआई के लॉन्ग के खिलाफ मत दिया है। इस बीच, 32% उत्तरदाताओं ने लॉन्ग मार्च का समर्थन किया है। 45 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पीटीआई को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के बजाय अपना विरोध नेशनल असेंबली में ले जाना चाहिए। 38 फीसदी ने कहा कि पीटीआई को मार्च से कोई फायदा नहीं होगा, जबकि 35 फीसदी ने लॉन्ग मार्च पर भरोसा जताया है।
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