संबंधित खबरें
भारत के नेताओं की स्कीमें कॉपी कर रहे 'दुश्मन' Trudeau, पापों का पश्चाताप करने को निकाली नई योजना? आंखें फाड़े रह गई जनता
वाकई फटने वाला है परमाणु बम? अचानक गायब हुए Putin, लीक हो गया 12 दिनों का सच…ताकतवर देशों के माथे पर पसीना
भारत के पडोसी देश में एक बार फिर खेली गई खून की होली, काफिले पर दोनों तरफ से बरसाई गई गोली, 50 लोगों की हुई मौत
2025 में धरती पर आएगा वो 'शैतान', लग जाएंगे लाशों के ढेर, बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच होते देख कांप गई दुनिया
कुर्सी पर बैठने से पहले ट्रंप की बड़ी बदनामी, बच्चों के साथ गंदा काम करने की आरोपी बनी वजह, मामला जानकर सदमे में अमेरिका वासी
ट्रंप को मिला धोखा! इस अमेरिकी हसीना को बनाया अटॉर्नी जनरल, जानिए क्यों मैट गेट्ज ने वापस लिया अपना नाम
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : मानवता के लिए नासूर बने आतंकी संगठनों को होने वाली वित्तीय मदद पर प्रभावी अंकुश के लिए भारत दुनियाभर के देशों को एकजुट करने की कवायद में जुट गया है। इसके तहत इंटरपोल और संयुक्त राष्ट्र की आतंक निरोधी समिति की बैठक के बाद भारत तीसरे बड़े अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘नो मनी फॉर टेरर’ की मेजबानी करेगा। दो दिवसीय मंत्रीस्तरीय इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह साढ़े 9 बजे करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह सम्मेलन में टेरर फंडिंग रोकने के लिए भारत में हुए प्रयासों का खाका प्रस्तुत करेंगे।
ज्ञात हो, केंद्रीय गृह मंत्रालय व नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के तत्वावधान में हो रहे इस सम्मेलन में लगभग 78 देशों के बीस से अधिक मंत्री, राजनयिक और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स व आतंकवाद-विरोधी विशेषज्ञ भाग लेंगे। यह सम्मेलन साल 2020 में होना था, लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल देना पड़ा।
आपको बता दें, सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पेरिस (2018) और मेलबर्न (2019) में हुए सम्मेलनों में टेरर फंडिंग से निपटने संबंधी एजेंडा को आगे बढ़ाना है। सम्मेलन में आतंकी संगठनों को वित्तपोषण के सभी आयामों के तकनीकी, कानूनी, विनियामक और सहयोग के पहलुओं पर चर्चा होगी। साथ ही टेटर फंडिंग के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल खासतौर पर क्रिप्टो करेंसी, मादक पदार्थों, डार्क बेव, सोशल मीडिया के जरिए क्राउड फंडिंग व अन्य साधनों से धन जुटाने की आतंकी संगठनों की कोशिशों पर अंकुश के लिए विदेशी फंडिंग के रूट्स की तलाश जैसे सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया जाएगा।
आपको बता दें, सम्मेलन के चार सत्रों में ‘आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान’, ‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’, ‘उभरती प्रौद्योगिकियां और आतंकवादी वित्तपोषण’ और ‘आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग’ पर चर्चा होगी
आपको बता दें, इस सम्मेलन से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता व विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने कहा कि सम्मेलन में पाकिस्तान शामिल नहीं होगा। चीन को आमंत्रित किया गया है, लेकिन वहां से भागीदारी की पुष्टि नहीं हुई है।
आपको बता दें , सीमा पार से आतंकी गतिविधियों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। हालाँकि, केंद्र की सख्ती से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन पिछले महीने पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की निगरानी सूची से बाहर हो जाने से खतरा एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। आपको बात दें, पाकिस्तान को वर्ष 2017 में एफएटीएफ की निगरानी सूची में शामिल किए जाने से भी कुछ अंकुश लगा था। पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकी संगठनों व इनके सरगनाओं की सक्रियता और इन्हें मिल रहे सरकारी समर्थन पर रोक लगी थी। आतंकी शिविरों की संख्या भी घट गई, लेकिन अब एक बार फिर टेरर फंडिंग बढ़ने की आशंका खड़ी हो गई है। सीमा पार से ड्रोन से हथियारों और मादक पदार्थ गिराने की घटनाएं लगातार सामने आने लगी हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.