आपको बता दें कि इस मिशन के 3 पेलोड थे। जो कि सब ऑर्बिटल मिशन था। यानि की यह मिशन पृथ्वी को सतह से 101 किलोमीटर की दूरी पर जाकर समंदर में स्प्लैश हुआ। सिर्फ 300 सेकेंड में इस मिशन को पूरा कर लिया गया। इस मिशन के प्रक्षेपण के लिए ISRO ने स्काईरूट एयरोस्पेस को 12 से लेकर 16 नवंबर का विंडो किया था। लेकिन मौसम को देखते हुए आज शुक्रवार, 18 नवंबर को सुबह 11.30 बजे यह तय किया गया।
बताते चलें कि इस बात में कोई भी दोहराय नहीं है कि ISRO अपने रॉकेट्स का प्रक्षेपण अब तक करता रहा है। लेकिन ये पहली बार हुआ है जब ISRO ने पने लॉन्चिंग पैड से किसी निजी कंपनी का मिशन अप्रक्षेपित किया हो। हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस अंतरिक्ष में इस मिशन के साथ ही रॉकेट लॉन्च करने वाली फर्स्ट निजी स्पेस कंपनी बन गई है। प्राइवेट स्पेस सेक्टर को इस मिशन से बड़ा बूस्ट मिलेगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मिशन लॉन्चिंग के लिए प्राइवेट सेक्टर को मोटिवेट करते रहे हैं।
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