इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पाकिस्तान और चीन पर बिना नाम लिए निशाने हुए कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं जबकि कुछ अन्य देश आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को अवरुद्ध करते हैं। आपको बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण यानि (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में मोदी ने 70 से अधिक देशों और अंतराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह बात कही। सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को भी अलग-थलग किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
पीएम ने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। एक स्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद है। कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब शांति है। छद्म युद्ध भी खतरनाक और हिंसक होते हैं।’ बगैर किसी देश का नाम लिए मोदी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इसकी कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जाना जरूरी है। भारत लंबे समय से कहता आ रहा है कि पाकिस्तान भारत में, खासकर जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी हमले के लिए आतंकवादी संगठनों को हर प्रकार से मदद पहुंचाता है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे मामलों में कोई अगर-मगर हस्तक्षेप नहीं कर सकता। आतंकवाद के हर तरह के प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है।’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि वर्तमान समय में आदर्श रूप से किसी को भी दुनिया को आतंकवाद के खतरों की याद दिलाने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ हमलों में आतंकवाद के बारे में अभी भी कुछ गलत धारणाएं हैं। मोदी ने कहा कि अलग-अलग हमलों को लेकर प्रतिक्रिया की गंभीरता इस आधार पर अलग-अलग नहीं हो सकती कि यह किस जगह हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी आतंकवादी हमलों का एक समान विरोध होना चाहिए और कार्रवाई भी एक जैसी होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इसके बावजूद कभी-कभी, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को अवरुद्ध करने के लिए आतंकवाद के समर्थन में अप्रत्यक्ष तर्क दिए जाते हैं।’ मालूम हो कि चीन ने कई मौकों पर आतंकवादियों, विशेषकर भारत में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों व संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र द्वारा कार्रवाई करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को विफल किया है।
पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला करार देते हुए कहा, ‘ इसकी कोई सीमा नहीं होती है। हमें आतंकियों के पीछे लगे रहना चाहिए, उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना और वित्त स्रोतों पर हमला करना चाहिए। केवल एक समान, एकीकृत, शून्य सहिष्णुता दृष्टिकोण ही आतंकवाद को हरा सकता है।’
PM ने आतंकवाद पर कहा कि दशकों से विभिन्न नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की और इस वजह से देश ने हजारों कीमती जीवन खो दिए लेकिन इसके बावजूद देश ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि भारत तब तक चैन से नहीं बैठेगा, जब तक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ कर फेंक नहीं दिया जाता।
प्रधानमंत्री ने सम्बोधन के अंत में कहा कि व्यापक रणनीति के बिना आतंकवाद के वित्त पोषण पर चोट करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता और इस दिशा में अभी तक जो रणनीतिक बढ़त मिली है, वह भी कहीं पीछे छूट जाएगी। मोदी ने कहा कि संप्रभु देशों को अपनी प्रणालियों पर अधिकार है, लेकिन ‘हमें चरमपंथी तत्वों को प्रणालियों के बीच मतभेदों का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए’। उन्होंने कहा, ‘जो कोई भी कट्टरपंथ का समर्थन करता है, उसे किसी भी देश में समर्थन नहीं मिलना चाहिए।’
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.