इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा के कांग्रेस शासित राजस्थान में प्रवेश करने से कुछ दिन पहले राज्य में प्रभावशाली गुर्जर समुदाय के भीतर सत्ता संघर्ष तेज होता दिख रहा है। गुर्जर नेता विजय बैंसला ने खुली चेतावनी दे दी है कि अगर सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया गया तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान में प्रवेश नहीं करने देंगे ।
ज्ञात हो, पंद्रह साल पहले जब गुर्जरों ने राजस्थान में रेलवे पटरियों पर अनुसूचित जनजाति का दर्जा और समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के साथ धरना दिया था तो उनके आंदोलन का जोर ऐसा था कि इस आंदोलन ने राज्य में व्यापार और यातायात को हिला कर रख दिया था। उनके आंदोलन ने तत्कालीन वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को बैकफुट पर धकेल दिया था। इस आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 70 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए थे।
आपको बता दें, राजस्थान में 2007-2008 के गुर्जर आंदोलन ने गुर्जर समुदाय की ताकत और प्रदेश में उनके वोट के महत्त्व को उजागर किया था। इस दौरान समुदाय के नेता किरोड़ी सिंह बैंसला राज्यभर में लोकप्रिय हो गए थे। वह अपनी ट्रेडमार्क लाल पगड़ी पहनते और धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते थे। आरक्षण की मांग के साथ चले इस आंदोलन को अशोक गहलोत के कार्यकाल के दौरान सबसे पिछड़ी जाति श्रेणी के तहत पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। हालांकि इस साल की शुरुआत में किरोड़ी बैंसला की मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद गुर्जर नेताओं के बीच समुदाय के नेतृत्व पर अपना दावा करने के लिए एक सत्ता का संघर्ष छिड़ गया है।
जानकारी हो, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष और किरोड़ी बैंसला के बेटे विजय बैंसला कहते हैं कि अगर सरकार हमारी नहीं सुनती है तो हम भारत जोड़ो यात्रा के लिए राहुल गांधी को राजस्थान में प्रवेश नहीं करने देंगे। आपको बता दें, बैंसला के निधन के बाद से विजय जो अपने पिता की तरह लाल पगड़ी भी पहनते हैं सामुदायिक मुद्दों पर मुखर रहे हैं और उन्होंने 75 गुर्जर और अन्य एमबीसी समुदाय-प्रधान विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया है। हालाँकि गुर्जर नेताओं के एक अन्य समूह ने उनके पिता के पुराने सहयोगियों के नेतृत्व में विजय बैंसला के इस ऐलान का तुरंत विरोध किया है।
राहुल की यात्रा के खिलाफ विजय बैंसला की टिप्पणी के बाद कुछ गुर्जर कार्यकर्ताओं ने गहलोत के एक करीबी सहयोगी धर्मेंद्र राठोड़ के साथ उनकी तस्वीरें साझा करते हुए उनके इस बयान को पायलट की छवि धूमिल करने का प्रयास बताया है। आपको बता दें, धर्मेंद्र राठौड़ गहलोत के उन तीन वफादार नेताओं में से एक हैं जिन्हें कांग्रेस आलाकमान ने सितंबर में जयपुर में कांग्रेस विधायकों की समानांतर बैठक आयोजित करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था। विजय के कुछ विरोधियों ने यह भी आरोप लगाया कि उनके इस बयान का उद्देश्य राज्य के माध्यम से राहुल की यात्रा के दौरान पायलट की खराब छवि पेश करना हो सकता है। जबकि पायलट ने हमेशा एक गुर्जर नेता के रूप में पेश होने से परहेज किया है। खुद को सभी समुदायों के नेता के रूप में पेश किया है।
जानकारी दें, पिछले दिनों दौसा पहुंचे विजय बैंसला के सामने गुर्जर समुदाय के लोगों ने सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस प्रकरण के बाद यात्रा का विरोध करने के अपने फैसले पर अड़े विजय बैंसला ने कहा कि हम मांग करते हैं कि सचिन पायलट जी को राजस्थान का सीएम बनाया जाए। अगर उन्हें सीएम बनाया गया तो हम राहुल गांधी स्वागत करेंगे नहीं तो हमारा विरोध जारी रहेगा। उन्होने कहा कि पूरे गुर्जर समुदाय ने उन्हें पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में देखने के लिए कांग्रेस को वोट दिया था।
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